अब नोएडा से दिल्ली का सफर होगा आसान
नोएडा से दिल्ली सफर अब आसान होने वाला है. दरअसल नोएडा सेक्टर- 142 से सेक्टर-38ए स्थित बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो चलाने की योजना है.
नोएडा से दिल्ली सफर अब आसान होने वाला है. दरअसल नोएडा सेक्टर-
142 से सेक्टर-38ए स्थित बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो चलाने की योजना है. इसके लिए
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की ओर से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही
है. वहीं पूर्व मे इसका सर्वे भी किया जा चुका है.
नोएडा में मेट्रो के विस्तार से और ज्यादा लोगों को
दिल्ली आने जाने में सुविधा होगी. सूत्रों के मुताबिक, नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) को
डीपीआर के लिए डीएमआरसी को 20 लाख रुपये देने हैं, जो अभी तक नहीं दिया गया है. इसी कारण
डीएमआरसी ने एनएमआरसी को अभी तक मेट्रो विस्तार की डीपीआर नहीं सौंपी है. कहा जा रहा है कि
डीएमआरसी करीब पांच माह पहले ही सर्वे कर डीपीआर तैयार कर चुकी है. मौखिक रूप से डीपीआर के
बारे में डीएमआरसी ने एनएमआरसी के अधिकारियों को जानकारी भी दे दी है. बस डीपीआर के दस्तावेज
मिलना बाकी है
.मेट्रो विस्तार की इस नई लाइन पर कुल आठ स्टेशन बनाए जाएंगे. ये स्टेशन कहां पर
होंगे, इसकी भी लोकेशन निर्धारित की की जा चुकी है. सेक्टर-96 में बन रहे नोएडा प्राधिकरण के नए
प्रशासनिक कार्यालय के सामने एक स्टेशन बनाया जाएगा. डीएमआरसी से डीपीआर मिलने के बाद नोएडा
और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इसे अपने बोर्ड में रखेगा.
इसके बाद शासन को मंजूरी के लिए डीपीआर को
भेजा जाएगा. यहां से मंजूरी मिलने के बाद फाइल को केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. वहीं
खर्च की बात करें तो इस प्रोजेक्ट में करीब 1800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसमें 20 राशि केंद्र और
राज्य सरकार देगी और बाकी खर्च नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को वहन करना होगा. इस एक्वा
लाइन का विस्तार होने से ग्रेटर नोएडा से नोएडा या दिल्ली जाने वाले लाखों लोगों को राहत मिलेगी.
वर्तमान में नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) एक्वा लाइन मेट्रो सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो
तक चला रहा है
. दिल्ली से ब्लू लाइन से आने वाले यात्रियों को सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन पर उतरना पड़ता
है. एनएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. लोकेश एम के मुताबिक, सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन तक
मेट्रो लाइन की डीपीआर के लिए जल्द ही डीएमआरसी को 20 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा,
जिसके बाद आगे का कार्य शुरू होगा.