गेहूँ जौ एवं सरसों की बुवाई हेतु सहकारी समीतियों में डी0ए0पी0 एवं एन0पी0के0 उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध

जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में जिला कृषि अधिकारी गौतमबुद्धनगर विनोद कुमार ने जनपद के कृषकों को बताया

गेहूँ जौ एवं सरसों की बुवाई हेतु सहकारी समीतियों में डी0ए0पी0 एवं एन0पी0के0 उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध

गेहूँ जौ एवं सरसों की बुवाई हेतु सहकारी समीतियों में डी0ए0पी0 एवं एन0पी0के0 उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध

जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में जिला कृषि अधिकारी गौतमबुद्धनगर विनोद कुमार ने जनपद के कृषकों को बताया कि इस समय जनपद में रबी फसलों की बुवाई हेतु पर्याप्त मात्रा में फास्फेटिक उर्वरक सहकारिता एवं निजी प्रतिष्ठानों पर उपलब्ध है। गेहूँ/जौ एवं सरसों जो जनपद की मुख्य फसलें हैं, में बुवाई हेतु मुख्यतः डी0ए0पी0 एवं एन0पी0के0 उर्वरक का प्रयोग किया जाता है।

वर्तमान में सहकारी समीतियों पर 230 मै0टन फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध है इसके साथ ही 733 मै0टन फास्फेटिक उर्वरक बफर गोदाम में उपलब्ध है, जो समितियों पर उनकी मांग के अनुरूप प्रतिदिन भेजा जा रहा है। विभिन्न निजी/प्राइवेट प्रतिष्ठानों पर भी फास्फेटिक उर्वरक की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है। 


        कृषक भाइयों को सलाह दी जाती है कि फसल संस्तुतियों के अनुसार ही उर्वरकों का प्रयोग फसलों में किया जाये। उर्वरकों का विक्रय निजी एवं सहकारी संस्था से पी0ओ0एस0 मशीन द्वारा भूमि जोत अभिलेखों के आधार पर किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार नैनों डी0ए0पी0, नैनों यूरिया एवं आर्गेनिक फर्टिलाइजर का भी प्रयोग कृषक भाई करें। 


       गेहूँ में बुवाई हेतु मुख्य पोषक तत्व (एन0पी0के0) की संस्तुत मात्रा 150-60-40 कि0ग्रा0/हैक्टेयर है जबकि सरसों में संस्तुत मात्रा 120-60-45 कि0ग्रा0/हैक्टेयर तथा दलहनी फसलों में 15-40-00 कि0ग्रा0/हैक्टेयर निर्धारित है। गेहूँ एवं सरसों की बुवाई हेतु डी0ए0पी0 उर्वरक की संस्तुत मात्रा 130 कि0ग्रा0/है0, है एवं दलहनी फसलों में डी0ए0पी0 उर्वरक 90 कि0ग्रा0/है0 प्रयोग किया जाये। गेहूँ की फसल में यूरिया उर्वरक 277 कि0ग्रा0/है0 (दो बार में), सरसों की फसला में 210 कि0ग्रा0/है0 प्रयोग कर सकते हैं

, किसी भी दशा में फसल संस्तुतियों से अधिक मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग न किया जाये। कृषक भाइयों से अनुरोध है कि किसी भी प्रकार की अफवाह एवं भ्रामक खबर पर ध्यान न दें।