मारपीट के दोषी को रोजाना पेड़ लगाने और पांच बार नमाज अदा करने का आदेश
मुंबई, 01 मार्च (महाराष्ट्र के नासिक जिले में मालेगांव की एक अदालत ने सड़क हादसे के बाद हुई मारपीट के एक मामले में दोषी करार दिए गए
मुंबई, 01 मार्च (। महाराष्ट्र के नासिक जिले में मालेगांव की एक अदालत ने सड़क हादसे
के बाद हुई मारपीट के एक मामले में दोषी करार दिए गए मुस्लिम युवक को जेल की सजा सुनाने
के बजाय 21 दिनों तक रोजाना दो पेड़ लगाने और दिन में पांच बार नमाज अदा करने का आदेश
दिया है।
27 फरवरी को पारित आदेश में मजिस्ट्रेट तेजवंत सिंह संधू ने कहा कि अपराधी परिवीक्षा अधिनियम
के प्रावधान एक मजिस्ट्रेट को किसी दोषी को फटकार लगाकर या उचित चेतावनी देकर रिहा करने
का अधिकार देते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो कि वह अपराध को दोहराएगा नहीं।
मजिस्ट्रेट ने कहा मौजूदा मामले में केवल चेतावनी देना ही काफी नहीं होगा और यह भी महत्वपूर्ण
है कि दोषी अपनी दोषसिद्धि को याद रखे, ताकि वह अपराध को दोहराए नहीं।
उन्होंने कहा, “मेरे हिसाब से उचित चेतावनी देने का मतलब यह मानना है कि अपराध हुआ है,
अभियुक्त को दोषी करार दिया गया है
और वह अपनी दोषसिद्धि को याद रखे, ताकि अपराध की
पुनरावृत्ति न हो।”
30 वर्षीय रऊफ खान के खिलाफ 2010 में सड़क हादसे को लेकर हुए झगड़े के दौरान एक व्यक्ति
पर हमला करने और उसे चोट पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने खान को दोषी ठहराते हुए कहा कि सुनवाई के दौरान खान ने कहा था कि वह नियमित
रूप से नमाज नहीं पढ़ता है।
इसे देखते हुए अदालत ने उसे 28 फरवरी से अगले 21 दिनों तक रोजाना दिन में पांच बार नमाज
अदा करने, सोनापुरा मस्जिद परिसर में दो पेड़ लगाने और पेड़ों की देखभाल करने का आदेश दिया
है।