जुड़वां बच्चियों को मारकर दफनाने का सनसनीखेज मामला

बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी स्थित पूठकलां गांव में जन्म के दो दिनों के बाद ही जुड़वां बच्चियों को मारकर दफनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

जुड़वां बच्चियों को मारकर दफनाने का सनसनीखेज मामला

Delhi के सुल्तानपुरी स्थित पूठकलां गांव में जन्म के दो दिनों के बाद ही जुड़वां बच्चियों को मारकर दफनाने का सनसनीखेज मामला

Delhi के सुल्तानपुरी स्थित पूठकलां गांव में जन्म के दोदिनों के बाद ही जुड़वां बच्चियों को मारकर दफनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दोनोंनवजात का कसूर सिर्फ इतना था कि दोनों लड़कियां थीं। दर-दर की ठोकरें खाने के बाद करीब 20दिनों बाद बच्चियों की मां पूजा (25) और भाई जुगनू (31) की शिकायत पर सुल्तानपुरी थाने मेंमामला दर्ज हुआ। पुलिस ने बच्चियों के पिता व उसके परिवार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, जन्मके बाद मासूमों की मृत्यु का कारण बनने, दहेज प्रताड़ना, सबूत मिटाने समेत अन्य धाराओं मेंमामला दर्ज किया है।

फिलहाल, आरोपी पिता नीरज सोलंकी (32) परिवार के साथ फरार है। पुलिसपोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।


पुलिस के अनुसार, मूलरूप से गांव इस्माइला, रोहतक निवासी पूजा की फरवरी 2022 में गांवपूठकलां निवासी नीरज से शादी हुई थी। पूजा के परिवार में पिता तेज प्रकाश, मां सुनीता व दो भाईहैं। नीरज के परिवार में पिता बिजेंद्र सोलंकी, मां चांद कौर, बड़ा भाई दिनेश व बहन मोनिका हैं।पूजा के भाई जुगनू ने बताया कि बहन की शादी में पूरा खर्चा करने के अलावा 20 लाख रुपये दिए
गए थे। इसके बाद भी बहन को दहेज के लिए परेशान किया जाने लगा। छोटी-छोटी बातों पर उसेपीटा जाता था। गाड़ी न लाने के लिए उसे ताने दिए जाते थे। शादी के बाद वह गर्भवती नहीं हुई तोउस पर तरह-तरह के आरोप लगने लगे। मायके वालों ने घर बुलाकर उसका इलाज करवाया। इसकेबाद पूजा गर्भवती हुई।

तीन माह होने पर नीरज व परिजनों ने अवैध रूप से भ्रूण जांच करवाई तोपता चला कि पूजा की गर्भ में जुड़वां लड़कियां हैं। इस पर ससुराल वालों ने उसके साथ बदसलूकीशुरू कर दी। बात बढ़ी तो पूजा मायके आ गई।


जन्म के बाद ही नीरज बच्चियों को लेकर आ गया


छह माह मायके में रहने के बाद पूजा ने 30 मई को ऑपरेशन के बाद रोहतक के एक निजीअस्पताल में बच्चियों को जन्म दिया। परिजनों ने ससुराल वालों को खबर दी। 30 मई की शाम कोपूजा के सास-ससुर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बच्चियों के पैदा होने पर कोई खुशी जाहिर नहीं की।अगले दिन नीरज आया तो पूजा से गाली-गलौज करने लगा। उस दिन वह पूजा का मोबाइल लेकर
दिल्ली लौट आया। उसका कहना था कि वह बेटियों को नहीं पाल सकता। बातचीत करने पर एकजून को नीरज, अपनी मां चांद कौर और बहन मोनिका के साथ रोहतक स्थित अस्पताल पहुंचा। उसदिन पूजा की अस्पताल से छुट्टी होनी थी। नीरज और मां ने दोनों नवजात बच्चियों को लिया औरगाड़ी में पूजा के घर जाने की बात कहकर बिना बताए बच्चियों को दिल्ली ले आए। परिजन नीरजको कॉल करते रहे, लेकिन मोबाइल बंद मिला। रात को ससुर बिजेंद्र को कॉल किया तो वह भीगोलमोल जवाब देने लगा।

अगले दिन दोनों बच्चियों के दफनाने की बात पता चली


काफी प्रयास के बाद भी बच्चियों को उस दिन पता नहीं चला। इस बीच जुगनू ने पूठकलां निवासीबुआ के लड़के बसंत को कॉल किया। वहां से उसे पता चला कि दोनों बच्चियां मर गई हैं और नीरजव परिजनों ने दोनों को पास के राम बाग श्मशान घाट में दफना दिया है। खबर सुनते ही परिजनों केहोश उड़ गए। वह भागे-भागे दिल्ली पहुंचे तो बताया गया कि दोनों बच्चियों की तबीयत बिगड़ गईथी, जिससे उनकी मौत हो गई। जुगनू ने बताया कि जन्म के बाद से ही दोनों बच्चियां एकदमस्वस्थ थीं। उनका बीमारी से मरने का सवाल नहीं उठता है। कुछ रिश्तेदारों ने दबे लफ्जों में बतायाकि उनकी हत्या कर शव को दफना दिया गया है।


दर-दर की ठोकरें खाने के बाद हुआ मामला दर्ज


बच्चियों की मौत की खबर मिलने के बाद परिजन रोहतक सेक्टर-35 के अरबन स्टेट थाने पहुंचे तोगांव के थाने सांपला भेज दिया गया। सांपला पहुंचने पर बच्चियों के दिल्ली ले जाने की आशंका कोदेखते हुए सुल्तानपुरी थाने भेज दिया गया। दिल्ली पहुंचने पर वापस उन्हें अरबन स्टेट थाने भेजागया। इधर-उधर चक्कर काटने के बाद परिजन पांच जून को बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त से मिले।वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षेत्रीय एसडीएम को सूचित किया। इसी दिन शवों को जमीन से निकालकरपोस्टमार्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल भेजा गया। अगले दिन पोस्टमार्टम हुआ।

इसमें दम घुटनेसे मौत की आशंका जताई गई। पोस्टमार्टम के बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में करीब 16
दिन लगा दिए। अब 21 जून को इस संबंध में मामला दर्ज हुआ है। वारदात के बाद से आरोपी नीरजऔर परिजन फरार हैं।