बिजली विभाग के एस ई पर उत्पीड़न कर सस्पेंड करने का आरोप
विद्युत विभाग के अवर अभियंता ने अपने ही विभाग के अधिकारियों पर उत्पीड़न कर फर्जी तरीके से सस्पेंड करने का आरोप लगाया है।
बिजली विभाग के एस ई पर उत्पीड़न कर सस्पेंड करने का आरोप
विद्युत विभाग के अवर अभियंता ने अपने ही विभाग के अधिकारियों पर उत्पीड़न कर फर्जी तरीके से सस्पेंड करने का आरोप लगाया है। पीड़ित ने बताया कि उनके खिलाफ की गई निलंबन की कार्यवाही तथा उसके पीछे अधीक्षण अभियंता श्री सुनील कुमार द्वारा की गई जांच बिल्कुल फर्जी है, जो केवल और केवल मेरे अनुसूचित जाति से होने के कारण मुझे उत्पीड़ित करने के लिए किया गया है । उन्होने आगे बताया कि दिनांक 25 सितंबर 2024 को मेरे द्वारा 33/11 केवी विधुत उपकेंद्र वलीपुरा की 33 केवी लाईन के 7-8 स्पेन की लाईन पोल सहित नहर में गिरने के कारण ब्रेकडाउन में आ गई थी,
जिसके बाद अधिशासी अभियंता श्री सुशील कुमार पांडे के निर्देशानुसार मेरे द्वारा 33/11 केवी वलीपुरा विद्युत उपकेंद्र की विधुत आपूर्ति सुचारु करने के लिए 33 केवी वलीपुरा, 33 केवी नीमखेड़ा तथा सुरक्षा की दृष्टि से 33 केवी चंदेरू लाइन का shutdown लिया गया था । निलंबन आदेश में मुझ पर आरोप लगाया गया है कि कार्य पूरा होने के उपरांत मेरे द्वारा केवल 33 केवी नीमखेड़ा तथा 33 केवी चंदेरू लाइन का ही शटडाउन वापस किया गया जबकि 33 केवी वलीपुरा लाईन का शटडाउन वापस नहीं किया गया जिसके कारण अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार द्वारा अपनी प्रारंभिक जांच करने के उपरांत मुझ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुझे निलंबित किया गया ।
इस प्रकरण की सच्चाई यह है कि मेरे द्वारा दिनांक 25/09/2024 को समय 16:10 बजे पर उपरोक्त तीनों लाइनों का शटडाउन लिया गया था तथा कार्य पूरा होने के बाद 17:05 बजे पर, 33 केवी वलीपुरा सहित तीनों लाइनों का शटडाउन नियमनुसार वापस कर दिया गया था जिसकी लॉगशीट की प्रमाणित कॉपी हमारे पास है जिसे 132 केवी भूड़ उपकेंद्र से भी प्रमाणित किया जा सकता है, जिसके बारे में अधीक्षण अभियंता श्री सुनील कुमार जांच के उपरांत भलीभांति जानते थे परंतु अधीक्षण अभियंता श्री सुनील कुमार द्वारा जान बूझकर मुझे प्रताड़ित करने के लिए मेरा निलंबन कर दिया है जिससे मैं मानसिक रूप से आहत हूं।
उपरोक्त अनैतिक निलंबन के कारण सामाजिक तथा विभागीय लोगों में काफ़ी बदनामी हो रही है। बिना गलती के निलंबित किए जाने पर मैं मानसिक रूप से अत्यंत आहत हुं राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के जनपद संरक्षक आरसी द्विवेदी द्वारा अपने संबोधन में बताया गया कि -अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार, क" श्रेणी के अधिकारी हैं। शासन के निर्देशानुसार "क श्रेणी का कोई भी अधिकारी एक जनपद में लगातार 3 साल से अधिक तैनात नहीं रह सकता है, परंतु इस अधीक्षण अभियंता जनपद बुलंदशहर में जुलाई 2019 से अब तक लगभग 5-6 सालों से लगातार एक ही जनपद में तैनात हैं अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार द्वारा बार बार बोला जाता है कि-MD मेरा क्या बिगाड़ लेगी, मेरा जबतक मन करेगा मैं यहीं रहूंगा।
बिना मेरी मर्जी के मुझे कोई भी ट्रांसफर नहीं कर सकता है डीएम साहब ने भी इनके विरुद्ध कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है परंतु SE सुनील कुमार ने MD से साठ गांठ करके तथा अपनी मजबूत पकड़ का इस्तेमाल कर फिर से बच गया है यह जब से आए हैं हमेशा संगठन तथा विभाग के नियमों के विरुद्ध जाकर कार्य करते हैं, इससे पहले इन्होंने अवर अभियंता अरुण कुमार को उनकी शादी के दौरान नियमानुसार छुट्टी लेकर जाने के उपरांत भी बिना उनसे जानकारी किए,MD से शिकायत कर सस्पैंड कर दिया था। इसी प्रकार पहासू पर तैनात जेई इंद्रेश कुमार को उनकी स्वयं की सगी बहन की शादी में नियमानुसार छुट्टी लेकर जाने के उपरांत भी बगैर उनसे पूछे तथा उनका पक्ष जाने बगैर ही निलंबित कर दिया था, ठीक उसी प्रकार उन्होने इस बार भी अवर अभियंता श्री संजीव कुमार को बगैर जांच पड़ताल किए अथवा जांच पड़ताल करने के उपरांत भी जानबूझकर प्रताड़ित करने के उद्देश्य से निलंबित किया है
जबकि मुख्य अभियंता द्वारा गठित कमेटी ने किसी भी अवर अभियंता को दोषी नहीं ठहराया था संगठन एमडी पश्चिमांचल से मांग करता है कि तत्काल इस अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार को सस्पेंड करें ताकि जनपद बुलंदशहर में औधोगिक शांति बनी रहे अन्यथा कि स्थिति में जूनियर इंजीनियर संगठन विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य है ।