प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के मशहूर तबला वादक जाकिरहुसैन के निधन पर शोक व्यक्त किया।
प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के मशहूर तबला वादक जाकिरहुसैन के निधन पर शोक व्यक्त किया।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन केनिधन पर गहरा दुख हुआ। उन्हें एक सच्चे प्रतिभाशाली व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा,जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में क्रांति ला दी। उन्होंने अपनी अद्वितीय लय से लाखोंलोगों को मंत्रमुग्ध करते हुए तबले को वैश्विक मंच पर पहुंचाया।
इसके माध्यम से उन्होंने भारतीयशास्त्रीय परंपराओं को वैश्विक संगीत के साथ सहजता से मिश्रित किया और इस प्रकार सांस्कृतिक
एकता के प्रतीक बन गए।”पीएम मोदी ने पोस्ट में आगे लिखा, “उनका प्रतिष्ठित प्रदर्शन और भावपूर्ण रचनाएं संगीतकारों और
संगीत प्रेमियों की पीढ़ियों को प्रेरित करने में योगदान देगी। उनके परिवार, दोस्तों और वैश्विक संगीतसमुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।”वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “तबला वादक उस्ताद जाकिरहुसैन के निधन से भारत और दुनिया ने एक संगीत प्रतिभा और एक सांस्कृतिक राजदूत खो दिया है,
जिसने अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली लय से सीमाओं और पीढ़ियों को जोड़ा। पद्म विभूषण तबलावादक और तालवादक ने असाधारण प्रदर्शन और सहयोग के साथ अपने पिता की विरासत कोशानदार ढंग से आगे बढ़ाया। उनके असंख्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान इसका प्रमाण हैं। उनकेपरिवार, दोस्तों और दुनिया भर में प्रशंसकों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं।”कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन केनिधन का समाचार बेहद दुखद है।
उनका जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। इस दुख की घड़ीमें मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। उस्ताद जाकिर हुसैन अपनी कला की ऐसीविरासत छोड़ गए हैं, जो हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेगी।”देश के मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने सैनफ्रांसिस्को में अंतिम सांस ली। अपने छह दशक के करियर में जाकिर हुसैन ने कई अंतर्राष्ट्रीय औरभारतीय कलाकारों के साथ काम किया।
उन्होंने अपने करियर में रविशंकर, अली अकबर खान औरशिवकुमार शर्मा सहित भारत के प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ काम किया। इसके साथ ही कई वेस्टर्नसंगीतकारों के साथ उनके अभूतपूर्व काम ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों तकपहुंचाया।