अवैध निर्माणों को हटाने का अभियान लगातार चल रहा है। लोगों का आक्रोश भी सामने आ रहा है हमारे द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री को भी अवैध- बताया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवैध निर्माणों को हटाने का अभियान लगातार चल रहा है। अकबरनगर में 1200 से अधिक निर्माणों पर बुलडोजर चलाए जाने के बाद चार और कॉलोनियों का सर्वे कराया गया है।

अवैध निर्माणों को हटाने का अभियान लगातार चल रहा है। लोगों का आक्रोश भी सामने आ रहा है  हमारे द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री को भी अवैध- बताया

Akbarnagar अकबरनगर साफ, अबरारनगर से रहीमनगर तक सर्वे,गुस्साए लोगों ने लगाया पोस्टर, हमारे पार्षद और विधायक अवैध

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवैध निर्माणों को हटाने का अभियान लगातार चल रहा है। अकबरनगर में 1200 से अधिक निर्माणों पर बुलडोजर चलाए जाने के बाद चार और कॉलोनियों का सर्वे कराया गया है। हालांकि, इसको लेकर लोगों का आक्रोश भी सामने आ रहा है। अबरारनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी और रहीम नगर में सिंचाई विभाग के सर्वे का विरोध बढ़ता जा रहा है। नाले को नदी और वैध को अवैध के बैनर लगाने के बाद अब इन इलाकों लोगों ने गलियों में अलग-अलग पोस्टर लगाए हैं। इनमें लिखा है-

सरकार से हम सभी का एक ही सवाल है, अगर हमारे मकान अवैध हैं तो हमारी वोटर आईडी भी अवैध है और हमारे द्वारा दिया गया वोट भी अवैध है। इसलिए हमारे क्षेत्र के पार्षद, हमारे विधायक, हमारे सांसद और हमारे द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री भी अवैध हैं। माननीय इलेक्शन कमिशन इस मामले का संज्ञान ले और इन सभी की सदस्यता खत्म कर फिर से चुनाव करवाएं।

पंतनगर में रविवार सुबह करीब नौ बजे स्कूल जाने वाले बच्चे गली में एकजुट हो गए। ये सभी हाथों में तख्ती लेकर नारे लगाने लगे- ’नदी नहीं नाला है, हम अवैध नहीं वैध है।’ इस दौरान उनके घरवालों भी मौजूद रहे। सभी ने कहा कि प्रशासन के फैसले के खिलाफ आखिरी दम तक पड़ेंगे।

सर्वे के विरोध में बनी संघर्ष समिति ने लोगों को जोड़ने के लिए फॉर्म बांटना शुरू किया है। इस फॉर्म में लोगों का नाम, पता और इलाके की जानकारी ली जा रही है। समिति के जिम्मेदारों के मुताबिक, अब तक करीब 2000 लोगों को जोड़ा गया है। अब ये फॉर्म शहर के कोने-कोने में बांटे जाएंगी और लोगों के साथ बैठक की जाएगी।

ट्रांसगोमती निवासी संघर्ष समिति ने रविवार को सर्वे के खिलाफ बैठक की। इसमें पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सरकार गुंडागर्दी कर रही है। ऐसे हालात तो इमरजेंसी में भी नहीं थ, जबकि मौजूदा सरकार इमरजेंसी को संविधान विरोधी बताती है बुलडोजर तो उस समय भी नहीं चला था। आज वह सब कुछ हो रहा है, जो कभी नहीं हुआ।

सर्वे के खिलाफ बनी संघर्ष समिति ’जमीन बचाओ सत्याग्रह आंदोलन’ शुरू करेगी। इसमें कुकरैल रिवर फ्रंट योजना रद करने, मनमानी पैमाइश खारिज करने, नजूल संपत्ति अध्यादेश 2024 वापस लेने, मलिन बस्तियों को उजाड़ने का आदेश रद करने और राजनीतिक प्रतिनिधियों व प्रशासन की वार्ता कमिटी का गठन करने जैसे कई मुद्दे उठाए जाएंगे। बैठक में सपा नेता वंदना मिश्रा, समिति संयोजक राकेश मणि पांडे, एलयू की पूर्व वीसी रूपरेखा वर्मा, विधायक रविदास मेहरोत्रा, सपा नेता पूजा शुक्ला, कांग्रेस प्रदेश महासचिव मुकेश सिंह चौहान, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर, सीपीएम के प्रवीण सिंह, भाकपा माले के मगन, इमरान राजा, शर्मिला महाजन, संघर्ष समिति अध्यक्ष मो. सलीम, कांग्रेस के नगर अध्यक्ष शहजाद आलम समेत कई लोग मौजूद रहे।