साउथ दिल्ली के लोगों को ‘गोल्डन लाइन’ का तोहफा
दिल्ली मेट्रो के फेज-4 में साउथ दिल्ली के लोगों को नई मेट्रो लाइन का तोहफा मिल रहा है। तुगलकाबाद से दिल्ली एरोसिटी के बीच यह नई मेट्रो लाइन बनाई जा रही है,
साउथ दिल्ली के लोगों को ‘गोल्डन लाइन’ का तोहफा तुगलकाबाद में बनेगा अंडरग्राउंड पार्किंग वाला पहला इंटरचेंज स्टेशन
दिल्ली मेट्रो के फेज-4 में साउथ दिल्ली के लोगों को नई मेट्रो लाइन का तोहफा मिल रहा है। तुगलकाबाद से दिल्ली एरोसिटी के बीच यह नई मेट्रो लाइन बनाई जा रही है, जो साउथ, साउथ-ईस्ट और साउथ-वेस्ट दिल्ली से आईजीआई एयरपोर्ट और उसके आस-पास के इलाकों की कनेक्टिविटी बढ़ाएगी। अभी कश्मीरी गेट से बदरपुर होते हुए हरियाणा के राजा नाहर सिंह (बल्लभगढ़) के बीच बनी मेट्रो की वॉयलेट लाइन पर तुगलकाबाद में एक एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बना हुआ है। फेज-4 में यहां एक और अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन बनाकर इसे एक इंटरचेंज स्टेशन के रूप में तब्दील किया जा रहा है। मेट्रो की नई गोल्डन लाइन यहीं से शुरू होकर एरोसिटी तक जाएगी।
DMRC का दावा है कि फेज-4 शुरू होने के बाद तुगलकाबाद साउथ दिल्ली में मेट्रो के एक नए हब के रूप में उभरेगा और मेट्रो नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण स्टेशन के रूप में देखा जाएगा। दिल्ली मेट्रो के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि तुगलकाबाद के नए और पुराने स्टेशन को 45 मीटर लंबे सब-वे के जरिए आपस में जोड़ा जाएगा। इस सब-वे के जरिए यात्री स्टेशन के पेड एरिया से ही दोनों लाइनों के स्टेशनों के बीच इंटरचेंज कर सकेंगे। खास बात यह है कि इसके लिए उन्हें 50 मीटर से भी कम चलना पड़ेगा।
यहां बन रहे नए अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन का पूरा स्ट्रक्चर भी अपने आप में बेहद खास होगा। यहां 4 लेवल का अंडरग्राउंड स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, जिसकी जमीन की सतह से गहराई 23 मीटर होगी। सबसे पहले लेवल पर एक अंडरग्राउंड पार्किंग बनाई जा रही है, जिसके नीचे कोनकोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल होंगे। पार्किंग एरिया को ग्राउंड लेवल और कोनकोर्स, दोनों से कनेक्ट किया जाएगा।
यहां बन रही अंडरग्राउंड पार्किंग में करीब 250 गाड़ियां एक साथ पार्क की जा सकेंगी। लोग यहां गाड़ी खड़ी करके लिफ्ट, सीढ़ी या एस्केलेटर के जरिए सीधे वायलेट और गोल्डन, दोनों लाइनों के कोनकोर्स लेवल तक आ-जा सकेंगे और वहां से स्टेशन में एंट्री कर सकेंगे। तुगलकाबाद दिल्ली मेट्रो का पहला ऐसा इंटरचेंज स्टेशन होगा, जिसमें अंडरग्राउंड पार्किंग की सुविधा होगी, जबकि दूसरा ऐसा स्टेशन होगा, जिसमें अंडरग्राउंड पार्किंग होगी। ग्रे लाइन के ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन में भी अंडरग्राउंड पार्किंग की सुविधा है, लेकिन वह इंटरचेंज स्टेशन नहीं है।
चूंकि तुगलकाबाद का नया मेट्रो स्टेशन अपने आप में गोल्डन लाइन का एक टर्मिनल स्टेशन भी होगा, ऐसे में यहां से चलने वाली ट्रेनों को आगे मेंटिनेंस के लिए सरिता विहार मेट्रो डिपो में भेजने के लिए इस स्टेशन को सीधे सरिता विहार डिपो सभी जोड़ा जा रहा है। इसके लिए यहां से सरिता विहार डिपो के बीच एक टनल भी बनाई जा रही है, जिससे होते हुए ट्रेनें सीधे डिपो में जा सकेंगी। इस डिपो में वायलेट लाइन के साथ गोल्डन लाइन की ट्रेनों का मेंटिनेंस भी होगा। यानी एक तरह से सरिता विहार डिपो भी एक साथ दो लाइनों की ट्रेनों के मेंटिनेंस हब बन जाएगा।तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन से तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी मेट्रो स्टेशन के बीच जो टनलिंग की जा रही है, वह भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त सेक्शंस में से एक दिल्ली-पलवल सेक्शन के ठीक नीचे से गुजरेगी। यानी ऊपर ट्रेनें चलेंगी और नीचे टनल में से मेट्रो गुजरेगी। टनल की छत का सबसे ऊपरी हिस्सा रेलवे लाइन से करीब 18 मीटर की गहराई पर होगा।
टनल का बाहरी व्यास 6.35 मीटर होगा, जिसमें 275 एमएम की मोटाई वाले कंक्रीट के सेगमेंट लगाकर टनल का अंदरूनी घेरा तैयार किया जाएगा।