उल्लू क्यों बना धन की देवी मां लक्ष्मी का वाहन? जानें रोचक कथा- ज्योतिष कावेरी मुखर्जी
हर साल कार्तिक अमावस्या को रोशनी व उमंग का त्योहार दिवाली मनाया जाता है और इस साल 24 अक्टूबर 2022, सोमवार को दिवाली का पर्व है. हिंदू शास्त्रों में दिवाली को धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा का काल माना गया है.
हर साल कार्तिक अमावस्या को रोशनी व उमंग का त्योहार दिवाली मनाया जाता है और इस साल 24 अक्टूबर 2022, सोमवार को दिवाली का पर्व है. हिंदू शास्त्रों में दिवाली को धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा का काल माना गया है
. इस दिन धन व वैभव की प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की विशेष उपासना की जाती है. हिंदू धर्म में सभी देवताओं का अपना महत्व और अपना वाहन होता है. जैसे विष्णु भगवान का वाहन गरुड़ है, तो शिवजी का वाहन नंदी. उसी तरह मां लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू होता है,
लेकिन क्या आप जानते हैं मां लक्ष्मी जी ने अपना वाहन उल्लू क्यों चुना? ज्योतिष कावेरी मुखर्जी बताते हैं कि लक्ष्मी जी की उल्लू की सवारी होने के पीछे पौराणिक कथा प्रचलित है.
मां लक्ष्मी और उल्लू की सवारी
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, एक बार सभी देवी देवता धरती पर विचरण करने आए थे.
उस समय सभी पशु पक्षियों ने देवताओं से अनुरोध किया कि वे उनको अपने वाहन के रूप में चुन लें और कृतार्थ करें. सभी देवताओं ने अपने वाहन को चुन लिया, परंतु मां लक्ष्मी काफी देर तक असमंजस में रहीं. मां लक्ष्मी विचार करने लगीं कि वे किसे अपना वाहन चुनें. इसी बीच सभी पशु पक्षियों के बीच विवाद
होने लगा तब मां लक्ष्मी जी ने सबको शांत करवाते हुए कहा कि प्रत्येक कार्तिक अमावस्या पर वह धरती पर विचरण करने आएंगी, तब वह अपना वाहन चुनेंगी. इसके बाद जब कार्तिक अमावस्या का दिन आया तो सभी पशु पक्षी माता लक्ष्मी की राह देखने लगे
. लेकिन अमावस्या की काली रात में सब देख पाने में अक्षम हो गए. ऐसे में जब रात में मां लक्ष्मी आईं को उल्लू ने अपनी तेज नजरों से देख लिया और उनके नजदीक पहुंच गया. उल्लू इस बात का उदाहरण बना कि
जब घोर अंधेरा हो तो चीजों को देखने, समझने की विलक्षण क्षमता ही काम आती है. तब उल्लू ने मां लक्ष्मी से विनती कर अपना वाहन बनाने की गुहार लगाई. जिस पर मां ने प्रसन्न होकर उल्लू को अपने वाहन के रूप में स्वीकार कर लिया. इस तरह उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन बना
. शास्त्रों में भी उल्लू को विशिष्ट क्षमता और विलक्षण दृष्टिकोण वाला पक्षी माना गया है, जो नकारात्मक परिस्थितियों में सकारात्मक सोच का द्योतक है.