धनतेरस पर दो दिन में लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का हुआ कारोबार

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (। देशभर में दो दिन मनाये गए धनतेरस के त्योहार पर करीब 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने का अनुमान है।

धनतेरस पर दो दिन में लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का हुआ कारोबार

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर। देशभर में दो दिन मनाये गए धनतेरस के त्योहार पर करीब
45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने का अनुमान है। कैट का अनुमान है कि इस वर्ष


दीपावली त्योहार की बिक्री का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार होगा। देशभर के बाजारों में


भारतीय सामान को ही खरीदने और बेचने की दी जा रही प्रमुखता के कारण चीन को इस वर्ष 75
हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दो
साल में कोरोना के कारण बाजार से दूर रहने वाले ग्राहक अब फिर बाजार में पूरे जोश के साथ


वापस आ गए हैं। बाजारों में लोगों की उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए कैट का अनुमान है कि इस
वर्ष दीपावली त्योहार की बिक्री का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार होगा। उन्होंने कहा कि


देशभर के बाजारों में भारतीय सामान को ही खरीदने और बेचने की दी जा रही प्रमुखता के कारण


चीन को इस वर्ष दिवाली से संबंधित सामान से होने वाली आय में 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक
का नुकसान होने का अनुमान है।


खंडेलवाल ने कहा कि अनुमान के मुताबिक दो दिनों में करीब 25 हजार करोड़ रुपये के आसपास
ज्वैलरी का व्यापार हुआ। इसके अलावा दो दिनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगभग 6 हजार करोड़


रुपये, फर्नीचर में करीब 1500 करोड़ रुपये, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से संबंधित सामानों में करीब
2500 करोड़ रुपये, एफएमसीजी में लगभग 3 हजार करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक्स सामान में लगभग


एक हजार करोड़ रुपये, स्टेनलेस स्टील, एल्युमीनियम एवं पीतल के बर्तनों में लगभग 500 करोड़
रुपये, किचन के उपकरण एवं अन्य सामानों में लगभग 700 करोड़ रुपये, टेक्सटाइल, रेडीमेड


गारमेंट एवं फैशन के कपड़े में लगभग 1500 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है। दिवाली की पूजा का


सामान, घर एवं ऑफिस की साज-सज्जा, बिजली और बिजली के उपकरण, स्टेशनरी, बिल्डर
हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाईवुड आदि का भी बड़े पैमाने पर व्यापार हुआ है।


कैट के सहयोगी संगठन ऑल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन (आइजेजीएफ) के राष्ट्रीय
अध्यक्ष पंकज अरोरा ने बताया कि भारतीय स्वर्ण उद्योग कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है।


भारत में सोने की मांग अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल


और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में देश में सोने की मांग में सालाना
आधार पर घरेलू बाजार में 80 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।


अरोरा ने बताया कि साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में भारत में स्वर्ण आयात करीब 11.72
फीसदी की कमी आई है। पिछले वर्ष जहां भारत में पहली छमाही में 346.38 टन सोना आयात


किया गया, जो अब 308.78 टन रह गया है। इसकी भरपाई कोरोना काल से उत्पन्न संकट के
कारण रिजर्व स्टॉक से की गई। देशभर में बड़ी मात्रा में लोगों ने पुराने गहने देकर नए गहने बनवाए


हैं। आइजेजीएफ अध्यक्ष ने बताया कि पिछले दो साल के स्टॉक की भी बिक्री बड़ी मात्रा में हुई है।
इससे दो दिन के धनतेरस त्योहार पर देशभर में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के सोने चांदी एवं


डायमंड जिसमे गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की बड़ी बिक्री हुई
है।