पल्स पोलियो अभियान
नोएडा। जनपद में बच्चों को पोलियो से सुरक्षित रखने के लिए पल्स पोलियो अभियान शुरू हो गया है। रविवार को जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने निठारी के प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया।
नोएडा। जनपद में बच्चों को पोलियो से सुरक्षित रखने के लिए पल्स पोलियो अभियान शुरू हो गया है। रविवार को जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने निठारी के प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने अभिभावकों से शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाने की अपील की। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. आर.के. सिंह, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. उबैद कुरैशी, जिला वैक्सीन भंडार प्रबंधक अखिलेश कुमार, वैक्सीन एंड कोल्ड चेन मैनेजर तबस्सुम, सीनियर लैब टेक्नीशियन रविन्द्र राठी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ एवं स्कूल का स्टाफ मौजूद रहा।
उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. उबैद कुरैशी ने बताया- जनपद में रविवार को बूथ पर बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाई गई। इसके लिए जनपद में विभिन्न स्थानों पर करीब 1050 बूथ बनाए गये थे। 11 (सोमवार) से 16 दिसम्बर तक स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाएंगी। इसके लिए लगभग 1500 टीम बनाई गईं हैं, जो लक्षित 4.50 लाख बच्चों को दवा पिलाने का कार्य करेंगी। इसके लिए करीब 10.51 लाख घरों को लक्षित किया गया है। टीम की मॉनिटरिंग के लिए सुपरवाइजर बनाये गये हैं, जो टीम की निगरानी करेंगे। जिला स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारी भी पल्स पोलियो टीम का औचक निरीक्षण करेंगे। रोजाना शाम को ब्लॉक स्तर के नोडल अधिकारियों द्वारा अभियान का फीडबैक लिया जाएगा और अभियान की समीक्षा होगी।
उन्होंने बताया -पोलियो का टीका नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल है। पल्स पोलियो की दवा जन्म के समय ही दी जाती है। इसके अलावा छह, दस और चौदह सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलाई जाती है। इसकी बूस्टर खुराक सोलह से चौबीस महीने की आयु में भी दी जाती है। उन्होंने बताया-पल्स पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है । इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण कुछ पड़ोसी देशों में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका, जबकि भारत में पोलियो उन्मूलन संभव हो गया। चूंकि पड़ोसी देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं, इसलिए एहतियातन भारत में भी शून्य से पांच वर्ष तक के हर बच्चे को पोलियो से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जाना अनिवार्य है।
इसलिए प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है कि वह शून्य से पांच वर्ष तक के अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं।