राम रहीम इन्सा ने किया इंसानियत को गौरवान्वित

अनाथ और बेसहारा बच्चों के बने भगवान, अनाथ बच्चों को पिता रूप में दिया अपना नाम पढ़ा-लिखा कर बनाया काबिल अपनी खुद की मेहनत से कमाई धनराशि से की गोद ली हुई अनाथ बेटियों की शादियां बेटियों को बताया कुल का ताज

राम रहीम इन्सा ने किया इंसानियत को गौरवान्वित

आज का मुद्दा

बागपत : डेरा सच्चा सौदा आश्रम अपनी स्थापना के आरम्भ से ही अपने नेक और मानवता की भलाई के कार्यों के लिए जाना जाता है वर्तमान में डेरा सच्चा सौदा आश्रम विश्वभर में लगभग 140 मानव भलाई के कार्य कर रहा है डेरे के विश्वभर में करोड़ों अनुयायी है एक बार फिर डेरा व डेरा प्रमुख रामरहीम अपने नेक कार्यों

के लिए सुर्खियों में है जिसके लिए देश ही नही विदेशों तक में डेरे और डेरा प्रमुख की प्रशंसा हो रही है डेरा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम इन्सा द्वारा अपनी गोद ली बेटियों की शादियां की गयी और शादी का सारा खर्च राम रहीम ने खुद की मेहनत से कमाई धनराशि से किया बताया जाता है

कि जिन बेटियों को समाज ने ठुकरा दिया था उन अनाथ और बेसहारा बेटियों को राम रहीम ने आश्रय दिया उनको पढ़ाया-लिखाया काबिल बनाया और पिता रूप में अपना नाम देकर उन बेटियों की शादी करवायी राम रहीम द्वारा स्वयं गोद ली गयी बेटियों की संख्या 21 बतायी जाती है और वह एक पिता की भांति उनकी

देखभाल करते है इन बेटियों की पढ़ाई व पालन-पोषण का समस्त खर्चा रामरहीम द्वारा कमाई गयी खुद की धनराशि से होता है अगर डेरा सच्चा सौदा आश्रम के अनुयायियों की बात करें तो ऐसी गोद ली बेटियों की संख्या हजारो में मानी जाती है डेरे द्वारा अनाथ और बेसहारा बच्चों की परवरिश के लिए विश्वभर में शाही

आसरा आश्रम चलाये जाते है जिसमें ऐसे अनाथ और बेसहारा बच्चों को डेरे के अनुयायियों द्वारा पुत्र-पुत्रियों के रूप में गोद लेकर उनकी अपने बच्चे की भांति

ही परवरिश की जाती है राम रहीम की बेटियों के साथ-साथ शाही आसरा आश्रम में रह कर बड़े हुए बच्चों की भी शादी डेरा सच्चा सौदा आश्रम द्वारा करवायी गयी इंसानियत को गौरवान्वित करने वाला ये एक ऐसा क्षण था जहॉं हर किसी की आंखो में खुशी और आंसू दोनों ही थे इस अवसर पर राम रहीम की बेटी

सुचेतना इन्सां, और खुशबू इन्सां, ने कहा कि राम रहीम उनके लिए धरती पर भगवान का रूप है उन्होने हमें कभी भी मॉं-बाप की कमी महसूस नही होने दी

और माता-पिता का फर्ज बखूबी निभाया पिता जी राम रहीम ने उनकी सहायता उस समय की जब समाज ने उनको त्याग दिया था कहा कि वे परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करती है कि हर किसी को रामरहीम पिताजी जैसा बेशुमार प्यार करने वाला पिता मिले ।