राशन की दुकानों पर बढ़ेंगी वित्तीय सेवाएं

-10 हजार सीएससी को एक वर्ष में एफपीएस से जोड़ा जाएगा

नई दिल्ली, 20 फरवरी  केंद्र सरकार लंबे समय से समाज के अंतिम तबके तक डिजिटल और वित्तीय
सेवाएं पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है।

इसी के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय राशन की
दुकानों या फेयर प्राइस शॉप (एफपीएस) के जरिए देश के कोने-कोने तक डिजिटल और वित्तीय वित्तीय सेवाएं
पहुंचाने को लेकर नई योजना पर काम कर रहा है।


मंत्रालय अगले एक वर्ष में पूरे देश में 10 हजार से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) को एफपीएस से जोड़ने
की योजना बना रहा है। वर्तमान में करीब 8 हजार सीएससी राशन की दुकानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।


इस संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के बीच समझौता ज्ञापन में
बदलाव किया जाएगा।

इस कदम से राशन की दुकानों का संचालन करने वालों को कमाई के अतिरिक्त मौके
मिलेंगे। साथ ही आम लोगों को अपने पास-पड़ोस में ही वित्तीय सेवाएं उपलब्ध होंगी।

अभी उत्तराखंड, गुजरात,
हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान और तमिलनाडु में स्थित राशन की दुकानों से वित्तीय सेवाएं
उपलब्ध कराई जा रही हैं।


यह सेवाएं देते हैं सीएससी
वर्तमान में देश में 3 लाख से ज्यादा सीएससी कार्यरत हैं। यह सीएससी लोगों को इलेक्ट्रॉनिक सेवाएं उपलब्ध
कराते हैं।

इसमें आधार और पेन कार्ड का पंजीकरण, रेल टिकट की बुकिंग, गानों की डाउनलोडिंग, बैंक खाते के
बैलेंस की जानकारी और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी से जुड़ी
सेवाएं शामिल हैं।

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की तहत मंत्रालय की योजना सीएससी की कवरेज को बढ़ाकर 6 लाख
गावों तक पहुंचाने की है।


देश में राशन की 5.34 लाख दुकानें
मौजूदा समय में देश में राशन की कुल 5.34 लाख दुकानें हैं। इन दुकानों के जरिए हर वर्ष 80 करोड़ से अधिक
लोगों को 60 से 70 मिलियन टन अनाजों का वितरण हो रहा है।

एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, एफपीएस पर
हर महीने बड़ी संख्या में लोग राशन लेने जाते हैं। ऐसे में इन दुकानों पर अतिरिक्त आय पैदा करने की गुजाइश
है।


वित्तीय सेवाओं वाले एफपीएस को मिलेगा कलर कोड
खाद्य मंत्रालय वित्तीय सेवाएं देने वाले एफपीएस को अलग कलर कोड देने की योजना पर काम कर रहा है।

इससे
इन एफपीएस की सार्वजनिक सेवाएं डिलिवरी पॉइंट के रूप में अलग पहचान हो सकेगी। साथ ही खाद्य मंत्रालय,
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग और भारतीय स्टेट बैंक ने संयुक्त रूप से एक योजना को मंजूरी दी है।

इस
योजना के तहत एफपीएस डीलर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं। इस
लोन के जरिए एफपीएस डीलर आवश्यक खाद्य और गैर खाद्य वस्तुओं की बिक्री के लिए भवन का निर्माण कर
सकते हैं।


एफपीएस के कामकाज में हो रहा सुधार
सरकार एफपीएस के कामकाज में सुधार को लेकर भी कई उपाय अपना रही है। इसके तहत राशन कार्डों का
डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है। साथ ही एफपीएस पर

इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) मशीनों से जोड़ा जा रहा है। अभी तक देश की कुल 5.34 लाख एफपीएस
में से 95 फीसदी को ईपीओएस मशीनों से जोड़ा जा चुका है।