फ़िरोज़ाबाद में खाकी की सुरक्षा में रहने वाला भाजपा पार्षद जुआ खेलते तीसरीं आंख में हुआ कैद।

फ़िरोज़ाबाद:- सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक जानकारी मिली भाजपा के एक ऐसे पार्षद हैं जो कि भाजपा की रीति और नीति को ठेस पहुंचाते हुए नजर आ रहे हैं हाल ही में उनका एक ऑडियो वायरल हुआ है

फ़िरोज़ाबाद में खाकी की सुरक्षा में रहने वाला भाजपा पार्षद जुआ खेलते तीसरीं आंख में हुआ कैद।

फ़िरोज़ाबाद:- सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक जानकारी मिली भाजपा के एक ऐसे पार्षद हैं जो कि भाजपा की रीति और नीति को ठेस पहुंचाते हुए नजर आ रहे हैं हाल ही में उनका एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें वह एक बिटिया के पिता को यह

कहते नजर आ रहे हैं की वही है जोकि उनकी बेटी को बरामद करके लाए हैं विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आज के मुद्दा दैनिक समाचार पत्र की टीम पड़ताल पर निकली औऱ पहुंची नगर निगम के वार्ड हुण्ड़ा वाले बाग में जहां के मौजूदा पार्षद पर तमाम

तरीके के आरोप लगाए जा रहे थे हम वार्ड के कई गणमान्य से मिले जिनमें से कुछ ने कुछ वीडियो और फोटो मौजूदा पार्षद अजय गुप्ता के टीम को दिए जिसमें वास्तविकता में अजय गुप्ता जुआ खेलते हुए साफ नजर आ रहे हैं अब ऐसे में सबसे पहला सवाल तो यही

उठता है कि आखिरकार सरकारी सुरक्षा माननीय पार्षद जी को क्या जुआ खेलने के लिए ही दी गई है हालांकि टीम ने गहनता के साथ जब वीडियो और फोटोस की पड़ताल की तो उसमें यह पाया कि यह वीडियोज कुछ महीने पुराना है लेकिन कुछ महीने पूर्व का ही

सही सवाल तो सवाल है जिसका जवाब फ़िलहाल पार्षद जी ही दे सकते हैं, इसके जबाब के लिए टीम के सदस्य ने मा. पार्षद अजय गुप्ता को फोन लगाया तो उनका फोन नहीं उठा, लेकिन फोटो में सज़ा हुआ जुए का फड़ और जुए में बैठे सरकारी सुरक्षा से लैस

भाजपा पार्षद व इनके हिसाब से जिला उपाध्यक्ष, अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िरकार इनके हिसाब से क्यों लिखा तो उसका जबाब भी सुन लो वायरल ऑडियो में मा. पार्षद खुद को जिला उपाध्यक्ष बता रहे है भाजपा का, इस संदर्भ में भाजपा के वरिष्ठ

पदाधिकारी को फोन कर इस बाद की पुष्टि टीम ने करनी चाहिए जिसके जबाब में भाजपा पदाधिकारी का यह कहना था कि वर्तमान में वह पार्षद है इसके अलावा उन पर कोई दायित्व नहीं हैं इस वजह से इनके हिसाब से का स्तेमाल करना पड़ा। अब ऐसे

में भारतीय जनता पार्टी को इन सभी को देखते हुए कोई सन्देश उपदेश ऐसे नेताओं के लिए भेजेंगे? या फिर "राम जी की चिड़िया राम जी का खेत, खाओ मेरी चिड़िया भर-भर पेट" वाला हिसाब जारी रहेगा?