कैब चालकों ने भाड़ा तय करने की प्रकिया को तर्कसंगत बनाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया

नई दिल्ली, । दिल्ली में एमसीडी टोल टैक्स को हटाने और ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं उबर और ओला द्वारा भाड़ा तय करने की प्रकिया को तर्कसंगत बनाने की मांग करते हुए

कैब चालकों ने भाड़ा तय करने की प्रकिया को तर्कसंगत बनाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया

नई दिल्ली,  दिल्ली में एमसीडी टोल टैक्स को हटाने और ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं उबर
और ओला द्वारा भाड़ा तय करने की प्रकिया को तर्कसंगत बनाने की मांग करते हुए कैब और पर्यटक टैक्सी
चालकों ने जंतर मंतर पर सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया।


इस प्रदर्शन में पर्यटक टैक्सी, ओला, उबर कैब और तिपहिया वाहनों के चालकों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों की
मांग थी कि एनसीआर के शहरों से दिल्ली में प्रवेश करने पर लगने वाला एमसीडी टोल टैक्स, टैक्सी और कैब से


न वसूला जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऑनलाइन कैब कंपनियां चालकों को भाड़े का बहुत कम हिस्सा
देती हैं, जिसे दुरुस्त किया जाना चाहिए।


संयुक्त संघर्ष समिति के समन्वयक इंद्रजीत सिंह ने कहा, “ऑनलाइन कैब कंपनियां मनमाने ढंग से भाड़ा तय
करती हैं और चालकों को उसका बहुत कम हिस्सा देती हैं

इसलिए सरकार को भाड़ा तय करने में हस्तक्षेप करना
चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर किराया 100 रुपये है तो चालक को केवल 30 रुपये मिलते हैं और शेष कंपनी को
जाता है।” सिंह ने कहा. “इस प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है।”


उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कैब और टैक्सी चालकों को कम कीमत पर सीएनजी तथा जीवाश्म ईंधन
उपलब्ध कराना चाहिए जैसा कि अन्य उद्योगों को दिया जाता है।

उन्होंने कहा, “महामारी से कैब और टैक्सी
चालकों का बहुत नुकसान हुआ है और उद्योग अब भी उबर रहा है।

इसलिए सरकार को कम कीमत पर ईंधन
उपलब्ध करा कर उनकी मदद करनी चाहिए।”