गुरु नानक पब्लिक स्कूल राजौरी गार्डन में अंतर्राष्ट्रीय पगड़ी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया
100 से अधिक बच्चों ने प्रतियोगिता में भाग लिया युवा पीढ़ी को सिखी सिद्धातों से जोड़ना समय की जरूरत: हरमनजीत सिंह
नई दिल्ली, 14 मार्च गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा राजौरी गार्डन द्वारा केस संभाल प्रचार संस्था के
सहयोग से गुरु नानक पब्लिक स्कूल राजौरी गार्डन में अंतरराष्ट्रीय पगड़ी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस
संबंध में जानकारी देते हुए गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा राजौरी गार्डन कमेटी के अध्यक्ष स. हरमनजीत सिंह ने
बताया कि युवाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए आज अंतरराष्ट्रीय पगड़ी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस प्रतियोगिता में 10 से 25 वर्ष आयु वर्ग के 100 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगिता की खास बात
यह रही कि बच्चों को ऑनलाइन की सुविधा भी दी गई थी।
जिसके चलते देश भर से बड़ी संख्या में बच्चे इसमें
शामिल हुए। प्रतियोगिता में विजयी रहे बच्चों को विशेष पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
स. हरमनजीत सिंह ने कहा कि युवा पीढ़ी को सिखी सिद्धातों से जोड़ना समय की मांग है। पगड़ी/दस्तार क्या है
और इसका क्या महत्व है, इसके बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक करना बहुत जरूरी है।
आज के दौर में युवा पीढ़ी
फैशनप्रस्त होती जा रही है और पगड़ी की जगह टोपी पहनने पर गर्व महसूस करती है।
इसलिए सिखी सिद्धांतों
पर डट कर पहरा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पगड़ी सिखों को गुरु साहिब द्वारा दी गई अमूल्य बख्शीश
है। मुगल काल के समय जब दस्तार पर पाबंदी थी
तो उस समय गुरु गोबिंद सिंह जी ने जुल्म के खिलाफ आवाज़
बुलंद करते हुए गुरु का सिख सजाया और उसके लिए दस्तार को आवश्यक किया।
उन्होंने कहा कि माता-पिता को
चाहिए कि अपने बच्चों को सिख इतिहास की जानकारी दें।
छोटे साहिबज़ादों के इतिहास से परिचित करवाएं कि
कैसे उन्होंने जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ
आवाज बुलंद करते हुए अपनी शहादत दी लेकिन इस्लाम कबूल नहीं
किया। इसलिए समय की मांग को ध्यान में रखते हुए सभी को मिलकर फैशन प्रस्त हो रही पीढ़ी को सिखी के
साथ जोड़ना चाहिए और बच्चों के माता-पिता इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।