ग्रेटर नोएडा की हवा खतरनाक श्रेणी में पहुंची

इस सीजन में पहली बार गुरुवार को ग्रेटर नोएडा की हवा खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई। यहां का एक्यूआई 402 दर्ज किया गया। वहीं, नोएडा का वायु प्रदूषण भी बढ़ा।

ग्रेटर नोएडा की हवा खतरनाक श्रेणी में पहुंची

इस सीजन में पहली बार गुरुवार को ग्रेटर नोएडा की हवा खतरनाक श्रेणी
में पहुंच गई। यहां का एक्यूआई 402 दर्ज किया गया। वहीं, नोएडा का वायु प्रदूषण भी बढ़ा। यहां का
एक्यूआई 351 दर्ज किया गया। दोनों शहरों में सुबह से ही आसमान में धूल की चादर छाई रही। वायु
प्रदूषण बढ़ने से अस्पतालों में सांस रोगियों की संख्या भी बढ़ी। नोएडा का एक्यूआई सुबह 295 था। वहीं,
ग्रेटर नोएडा का 312 था। इसके बाद से दोनों शहरों की हवा में प्रदूषित कण बढ़ने लगे। दोपहर में
आसमान में धूल की चादर पसरी हुई थी।

500 मीटर तक स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा था। हवा की गति
सात किलोमीटर प्रति घंटे रहने और नमी के कारण प्रदूषित कण आसमान में ज्यादा ऊपर नहीं जा पाए।


वायु प्रदूषण के कारण सूर्य की रोशनी भी कमजोर पड़ गई।


ग्रेटर नोएडा की हवा पिछले सात दिनों से लगातार बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की जा रही थी। नोएडा की
हवा भी पांच दिनों से बेहद खराब श्रेणी में थी। नोएडा में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण भवन निर्माण
और जाम के कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में जाम, भवन निर्माण, खुले में
कूड़ा फेंकना, कच्ची सड़क इसके मुख्य कारणों में हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव
शर्मा ने बताया कि मौसम विज्ञान की रिपोर्ट के बाद ही वायु प्रदूषण के कारणों के बारे में बताया जा
सकता है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव, जुर्माना, सड़कों की सफाई आदि का
काम प्राधिकरण कर रहा है।