बेटी की शिकायत पर खुला लापता पिता की हत्या का राज
जिले के सिकरोड़ गांव के 46 वर्षीय चंद्रवीर उर्फ पप्पू के लापता होने के चार साल बाद उसकी बेटी की शिकायत पर पुलिस ने पप्पू के चचेरे भाई अरुण के मकान में छह फुट गहरा गड्ढा खोदकर वहां से कथित तौर पर पप्पू का कंकाल बरामद किया है।
गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश), 15 नवंबर (। जिले के सिकरोड़ गांव के 46 वर्षीय चंद्रवीर उर्फ
पप्पू के लापता होने के चार साल बाद उसकी बेटी की शिकायत पर पुलिस ने पप्पू के चचेरे भाई
अरुण के मकान में छह फुट गहरा गड्ढा खोदकर वहां से कथित तौर पर पप्पू का कंकाल बरामद
किया है। पुलिस ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।
पुलिस क्षेत्राधिकारी आलोक दूबे ने बताया कि पुलिस ने चंद्रवीर की नाबालिग बेटी अन्नू (16) की
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपी अरुण के घर में छह फुट गहरा गड्ढा खोदकर वहां से एक
मानव कंकाल बरामद किया है और उसे फारेंसिक जांच के लिए भेजा है। उन्होंने बताया कि चंद्रवीर
उर्फ पप्पू 28 सितंबर, 2018 को लापता हो गया था और कुछ समय बाद इस मामले को बंद कर
अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई थी।
हाल ही में लापता व्यक्ति की बेटी अन्नू ने अपनी मां सविता और उसके प्रेमी अरुण के खिलाफ एक
शिकायत दी कि वे उसकी उम्र से दोगुनी उम्र के व्यक्ति से जबरदस्ती उसका विवाह कराना चाहते
हैं। पूछताछ के दौरान पुलिस को लापता व्यक्ति की कहानी के पीछे का सच पता चला।
पूछताछ के दौरान अन्नू ने पुलिस को पूरी कहानी बताई कि उसकी मां सविता और पास के मकान
में रहने वाले चाचा अरुण उर्फ अनिल कुमार ने उसके पिता की हत्या की। पप्पू की हत्या के समय
अन्नू महज 12 साल की थी और वह अपनी मां और चाचा का विरोध नहीं कर सकी।
अरुण ने अन्नू को धमकी दी थी कि यदि वह इस बारे में किसी को बताएगी तो वह उसकी हत्या
कर देगा। उन्होंने बताया कि अन्नू की निशानदेही पर पुलिस ने अरुण के मकान में छह फुट गहरा
गड्ढा खोदा और एक मानव कंकाल बरामद किया जिसकी डीएनए जांच कराई जाएगी। पुलिस ने
अनिल और सविता को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, दोनों ने पूछताछ में बताया कि वे 2017 से ही एक दूसरे से प्रेम करते थे और
एक साल बाद पप्पू और उसके परिवार को इस बारे में पता चल गया। कई बार पप्पू ने उन्हें
आपत्तिजनक स्थिति में देखा था और विरोध किया था। इसलिए दोनों ने पप्पू को रास्ते में हटाने की
योजना बनाई।
उन्होंने बताया कि पप्पू की हत्या से पहले अरुण ने शव को दफनाने के लिए अपने बरामदे में छह
फुट का एक गड्ढा खोदा और 28 सितंबर, 2018 की रात जब पप्पू नशे की हालत में घर लौटा
और सोने चला गया तब सविता ने अरुण को बुलाया जिसने पप्पू के सिर में गोली मार दी जिससे
उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
उन्होंने पप्पू की खाट के नीचे प्लास्टिक की एक बाल्टी रखी थी ताकि खून जमीन पर ना बहे। हत्या
के बाद उन्होंने शव को गड्ढे में दफना दिया और गड्ढे को कंक्रीट से भर दिया। कुछ दिन बाद अरुण
ने उस पर प्लास्टर कर दिया।