विशेष अनुसंधान दल की सक्रियता से सामने आये बेहतर नतीजे

यह भी उल्लेखनीय है कि गृह विभाग द्वारा एसआईटी को ऐसे प्रकरण भी संदर्भित किये जाते है जिनमें राज्य सरकार एवं उसके अधीन कार्य कर रहे विभिन्न विभागों, संगठनों, संस्थाओं, निगमों, अधिकरणों आदि लोकसेवकों द्वारा स्वयं अथवा अन्य व्यक्तियों से सांठ-गांठ कर गंभीर राजस्व/वित्तीय हानि पहुंचाई गई हो।

भ्रष्टाचार एवं वित्तीय गड़बड़ियों पर सख्त कार्यवाही हेतु

विशेष अनुसंधान दल की सक्रियता से सामने आये बेहतर नतीजे

एस0आई0टी0 के इतिहास में सर्वाधिक 114 जांच/विवेचनाओं का हुआ निस्तारण

लखनऊ: 26 नवम्बर, 2021

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर जीरो टालरेन्स की नीति के तहत भ्रष्टाचार एवं वित्तीय गड़बड़ियों पर सख्त एवं प्रभावी कार्यवाही हेतु विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) की सक्रियता बढ़ाये जाने के फलस्वरूप बेहतर परिणाम सामने आये है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विशेष अनुसंधान दल के इतिहास में सर्वाधिक 114 जांच/विवेचनाओं का निस्तारण किया जा चुका है।  

उल्लेखनीय है कि एसआईटी द्वारा बड़े, असरदार एवं विभिन्न पदों पर आसीन प्रभावशाली व्यक्तियों और लोकसेवकों द्वारा अपनी पहुंच और पद का दुरूपयोग कर किये जाने वाले गंभीर आर्थिक अपराधों और अन्य जटिल मामलों की जांच और विवेचना की जाती है। यह भी उल्लेखनीय है कि गृह विभाग द्वारा एसआईटी को ऐसे प्रकरण भी संदर्भित किये जाते है जिनमें राज्य सरकार एवं उसके अधीन कार्य कर रहे विभिन्न विभागों, संगठनों, संस्थाओं, निगमों, अधिकरणों आदि लोकसेवकों द्वारा स्वयं अथवा अन्य व्यक्तियों से सांठ-गांठ कर गंभीर राजस्व/वित्तीय हानि पहुंचाई गई हो।

अपर मुख्य सचिव, गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी देते हुये बताया कि विशेष अनुसंधान दल को वर्ष 2017 में 30, वर्ष 2018 में 14, वर्ष 2019 में 49, वर्ष 2020 में 40 तथा वर्ष 2021 में अगस्त तक 36 जांचे अर्थात वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कुल 116 जांचे/विवेचनाएं अभिदिष्ट की गयी।

श्री अवस्थी ने विशेष अनुसंधान दल द्वारा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में निस्तारित महत्वपूर्ण जांच/विवेचनाओं का विवरण देते हुये बताया कि जनपद सोनभद्र प्रकरण की विवेचना में दोष निर्धारित किया गया है। जनपद सहारनपुर में टपरी स्थित देशी शराब की फैक्ट्री में शराब निकासी में अनियमितताओं से राजस्व की क्षति होना प्रमाणित हुआ है। इसमें लगभग 35 करोड़ रूपये की एक्साइज चोरी उजागर कर 11 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गयी है।  

इसके अलावा जिन प्रकरणों में जांच से अनियमिततायें प्रमाणित हुयी है उनमें प्रमुख नाम क्रमशः मो0 अली जौहर प्रशिक्षण संस्थान/जौहर विश्वविद्यालय रामपुर की जांच, उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम लि0 द्वारा 137 निर्माण कार्यों में अनियमितता, उ0प्र0 सहकारी संस्थागत सेवा मण्डल द्वारा 40 भर्तियों में अनियमितता, 17 मण्डलों में पशुधन प्रसार अधिकारी की भर्ती में अनियमितता, उ0प्र0 अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया में की गयी अनियमितता आदि। उ0प्र0 जल निगम में 1300 पदों पर भर्ती में अनियमितताओं तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में अनियमितताओं की भी जांच एस0आई0टी0 द्वारा की गई गयी।

अपर मुख्य सचिव, गृह ने विशेष अनुसंधान दल में प्रचलित महत्वपूर्ण जांच/विवेचनाओं के प्रमुख प्रकरणों का विवरण देते हुये बताया कि आगरा विश्वविद्यालय द्वारा फर्जी डिग्री के मामले, उ0प्र0 परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध वसूली का प्रकरण, जनपद गोण्डा के 28 महाविद्यालयों में अनियमितताओं का मामला, समाज कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति में अनियमितता प्रकरण, हज हाउस में निर्माण संबंधी अनियमितता, जनपद आजमगढ़ एवं मिर्जापुर के मदरसों में अनियमितता, मुरादनगर (गाजियाबाद) में शमशान के निर्माण कार्य, कानपुर में शस्त्र लाइसेंसों में अनियमितता व सरकारी भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा कर प्लाटिंग करने आदि के मामले प्रमुख है।