गन्ना किसानों का प्रदर्शन जारी: भाकियू नेतृत्व में बकाया भुगतान की मांग को लेकर किसानों ने किया अर्धनग्न होकर प्रदर्शन
बुलंदशहर में गन्ना किसानों का धरना-प्रदर्शन लगातार छठवे दिन भी जारी रहा। भारतीय किसान यूनियन (संपूर्ण भारत) के प्रदेश अध्यक्ष पवन तेवतिया के नेतृत्व में किसान जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय पर डटे हुए हैं।
गन्ना किसानों का प्रदर्शन जारी: भाकियू नेतृत्व में बकाया भुगतान की मांग को लेकर किसानों ने किया अर्धनग्न होकर प्रदर्शन
आज का मुददा बुलंदशहर (त्रिलोक चन्द)
बुलंदशहर में गन्ना किसानों का धरना-प्रदर्शन लगातार छठवे दिन भी जारी रहा। भारतीय किसान यूनियन (संपूर्ण भारत) के प्रदेश अध्यक्ष पवन तेवतिया के नेतृत्व में किसान जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय पर डटे हुए हैं। भीषण सर्दी के बाद भी किसानो की समस्याओं कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है जिससे किसानों में रोज व्याप्त है। आक्रोशित किसानों ने शनिवार को अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। किसानों की प्रमुख मांगें गन्ना बकाया भुगतान और बॉन्ड परिवर्तन से जुड़ी हैं। भीषण सर्दी के बावजूद चल रहे धरने में आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिला।
समस्याओं का समाधान न होने से नाराज किसानों ने जिला गन्ना अधिकारी के कार्यालय परिसर में भीषण सर्दी में भी अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। आक्रोश किसानों ने मंगलवार को जिला गन्ना अधिकारी परिसर में महापंचायत करने का ऐलान भी कर दिया। लेकिन जिला गन्ना अधिकारी अनिल कुमार भारती व तहसीलदार सदर मनोज रावत से द्वारा बुधवार तक समस्याओं का निस्तारण करने का आश्वासन मिलने के बाद से किसानों बुधवार तक महापंचायत को स्थगित कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष चौधरी पवन तेवतिया ने स्थिति की गंभीरता को बताते हुए कहा कि अधिकारियों की मनमानी के कारण गन्ना भुगतान नहीं होने से किसान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा। धरने में जमील, पिंटू, जोगिंदर, धनवीर सिंह, धर्मपाल सिंह, रमेश, विनोद, अरुण चाचा, जहीर, शवीर, गोलू, अनिल, राकेश, सचिन, पिंटू, आरिफ समेत कई प्रमुख किसान नेता आदि सहित भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे। प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता से किसानों में रोष व्याप्त है। जिसको लेकर किसानों ने भीषण सर्दी में भी अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया।
किसानों का कहना है कि पिछले सत्र का बकाया भुगतान और बॉन्ड परिवर्तन उनकी प्राथमिक मांग है, जिसे लेकर वे आंदोलन को और तेज करने के लिए तैयार हैं।