ठंड से बचाव के लिए गोवंशों के लिए की जाय फुलप्रूफ व्यवस्था
बहराइच पशुपालन विभाग अन्तर्गत संचालित योजनाओं, निराश्रित गोवंश तथा वृहद गो संरक्षण केन्द्र के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा हेतु बुधवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करती हुईं
ठंड से बचाव के लिए गोवंशों के लिए की जाय फुलप्रूफ व्यवस्था
बहराइच पशुपालन विभाग अन्तर्गत संचालित योजनाओं, निराश्रित गोवंश तथा वृहद गो संरक्षण केन्द्र के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा हेतु बुधवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करती हुईं जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निराश्रित गोवंशों को आस-पास के आश्रय स्थलों में संरक्षित किये जाने के निर्देश दिए। विदित है
कि जिलाधिकारी के निर्देश पर जनपद में निराश्रित गोवंश को पकड़कर आसपास के आश्रय स्थलों में संरक्षित किए जाने हेतु पूर्व में अभियान चलाया गया था। उक्त अभियान में कम संख्या में गोवंशों को पकड़े जाने पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि लक्ष्य निर्धारित कर मुख्य मार्गों एवं हाई-वे को निराश्रित गोवंशों से मुक्त कराये जाने हेतु अधिक से अधिक गोवंशों को पकड़ कर एक सप्ताह में अस्थाई गो आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जाय।डीएम ने मुख्यमंत्री सहभागिता योजना अन्तर्गत गोदान परिवारों को किये जाने वाले भुगतान की समीक्षा करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि 02 दिवस के अन्दर लाभार्थियों के खातों में धनराशि अन्तरित की जाये अन्यथा की स्थिति में कठोर कार्रवाई की जायेगी।
गो आश्रय स्थलों का रात्रि में भ्रमण न किये जाने पर डीएम ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी अधिकारी गो आश्रय स्थलों का रात्रिकालीन औचक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायज़ा लेते रहें और सभी प्रबंध मानक के अनुरूप कराएं। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान सभी बिन्दुओं यथा चारा, पानी, रहने इत्यादि व्यवस्थाओं को देंखे।
डीएम मोनिका रानी ने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्वयं भी नियमित रूप से गो आश्रय स्थलों का निरीक्षण करें तथा प्रत्येक माह बीडीओ, पशुपालन विभाग के अधिकारियों तथा अन्य सम्बन्धित के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं का जायज़ा लेते हुए शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार चारा, पानी, रहने की समुचित व्यवस्था, तिरपाल, शेड, अलाव व ईलाज इत्यादि का प्रबन्ध सुनिश्चित कराएं। डीएम ने यह भी कहा कि शीत ऋतु को देखते हुए गोआश्रय स्थलों में तिरपाल व टीनशेड की विशेष व्यवस्था करायी जाय तथा पशुओं को ठंड से बचाने के लिए वहां पर अलाव की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि गौशालाओं में संरक्षित गौवंशो में शत प्रतिशत ईअर टैकिंग कराएं तथा केसीसी लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करें।
डीएम ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी गो आश्रय स्थलों पर सीसीटीवी स्थापना का कार्य शीघ्र पूर्ण कराया जाये साथ ही क्षेत्र पंचायतों में आवश्यकतानुसार कैटल कैचर क्रय करते हुए समस्त क्षेत्र पंचायतों में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि सत्यापन कार्य हेतु प्रथमतः मौके पर जाकर भौतिक निरीक्षण किया जाए तदुपरांत मानक के अनुरूप उल्लिखित विशिष्टताओं की पूर्णता के आधार पर ही सत्यापन की कार्यवाही की जाय।
डीएम ने बीडीओ को निर्देश दिया कि शासन की मंशा के अनुरूप निर्धारित मानक के अनुसार गोआश्रय स्थलों पर सभी व्यवस्थाएं विशेषकर हरा चारा का प्रबन्ध सुनिश्चित किया जाए। गो आश्रय स्थल पर चारागाह हेतु उपलब्ध भूमि पर यदि अतिक्रमण है तो उसे तत्काल खाली कराएं और वहां पर संरक्षित गोवंशों के लिए हरे चारे की बुआई करा दी जाय। हाईवे के किनारे स्थित गांवों में सोलर लाइट लगवायी जाय तथा वहां पर लोकल कर्मचारी की ड्यूटी लगायी जाय। खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि बीएलबीसी की बैठकों में पशु चिकित्साधिकारियों को भी बुलाया जाय।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, सम्बन्धित एसडीएम, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी राजेश कुमार उपाध्याय, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, एलडीएम जितेन्द्र नाथ, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद तथा अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।