भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है कार्तिक मास : पण्डित महेश भारद्वाज

वृन्दावन।सुनरख रोड़ स्थित हरे कृष्ण ऑर्किड में आसाम से आए सैकड़ों भक्तोंश्रद्धालुओं के द्वारा कार्तिक मास के उपलक्ष्य में तीर्थ पुरोहित व ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष पण्डित महेश भारद्वाज की सन्निधि में कार्तिक महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।

भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है कार्तिक मास : पण्डित महेश भारद्वाज

भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है कार्तिक मास : पण्डित महेश भारद्वाज 

वृन्दावन।सुनरख रोड़ स्थित हरे कृष्ण ऑर्किड में आसाम से आए सैकड़ों भक्तोंश्रद्धालुओं के द्वारा कार्तिक मास के उपलक्ष्य में तीर्थ पुरोहित व ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष पण्डित महेश भारद्वाज की सन्निधि में कार्तिक महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।जिसके अंतर्गत देवोत्थान एकादशी के अवसर पर तुलसी-शालिग्राम विवाह एवं यमुना महारानी का दिव्य चुनरी मनोरथ किया गया।साथ ही वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन करके यमुनाजी की महाआरती की गई।इसके अलावा 270 ब्राह्मण जोड़ों को भोजन प्रसादी ग्रहण कराया गया।साथ ही उन्हें उपहार व दक्षिणा आदि का वितरण किया गया।


तीर्थ पुरोहित पण्डित महेश भारद्वाज ने कहा कि कार्तिक मास भगवान विष्णु का अत्यन्त प्रिय मास है।हमारे धर्मग्रंथों के द्वारा कार्तिक मास की सर्वाधिक महिमा कही गई है। इसीलिए इस मास में विश्वभर से असंख्य भक्त-श्रद्धालुओं ब्रज धाम में आकर पुण्य अर्जित करते हैं।प्रमुख समाजसेवी पण्डित सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा कि कार्तिक मास अत्यंत महिमामयी मास है।क्योंकि कार्तिक मास के अधिदेव राधाकृष्ण हैं।इसीलिए इसे दामोदर मास भी कहा गया है।इस मास में किए गए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान शत गुणा फल प्रदान करने वाले होते हैं। "स्कन्द पुराण" एवं "श्रीभक्ति विलास" आदि ग्रंथों में इस मास की महिमा का विस्तार से वर्णन है।


वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि कार्तिक मास अत्यंत उत्सवधर्मी मास है।इस माह में शरद पूर्णिमा, करवाचौथ, अहोई अष्टमी, रमा एकादशी, गौवत्स द्वादशी, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गिरिराज गोवर्धन पूजा,  यम द्वितीया, भैया दौज, गोपाष्टमी, अक्षय नवमी, देवोत्थान एकादशी एवं तुलसी शालिग्राम विवाह महोत्सव आदि जैसे अनेक मांगलिक उत्सव हैं। जो कि भारतीय वैदिक संस्कृति के प्राण हैं। इन पर्वों व त्योहारों से भारतीय वैदिक संस्कृति निरन्तर पल्लवित व पोषित होती है।


इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी ब्रजेश शर्मा, सुभाष गौड़ (लाला पहलवान), लीला गौतम, वरिष्ठ पत्रकार गोपाल शरण शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।