ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहेओवर लोड़ वाहन

अलीगढ़। शहर में दिन-ब-दिन सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि पुलिस द्वारा ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले वाहन चालकों के चालान किए जा रहे हैं लेकिन शहर में बड़ी संख्या में खस्ताहाल और नियम तोड़ने वाले कमर्शियल वाहन चल रहे हैं

ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहेओवर लोड़ वाहन

RTO की मेहरबानी से सड़कों पर यमदूत बनकर धड़ल्ले से दौड़ रहे ओवर लोड़ वाहन

अलीगढ़। शहर में दिन-ब-दिन सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि पुलिस द्वारा ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले वाहन चालकों के चालान किए जा रहे हैं लेकिन शहर में बड़ी संख्या में खस्ताहाल और नियम तोड़ने वाले कमर्शियल वाहन चल रहे हैं जिन पर कार्रवाई करने में पुलिस प्रशासन ढील बरत रहा है। बिना हैलमेट और रॉन्ग पार्किंग के सबसे अधिक चालान करने वाली ट्रैफिक पुलिस ने शहर में चलने वाले ओवरलोड, ओवरलैंथ और ओवरहाइट वाहनों पर नामात्र कार्रवाई की है।


शहर में चल रहे ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस और अन्य विभागों की है लेकिन हैरत की बात है कि उच्च अधिकारी नियम तोड़ने वाले कमर्शियल वाहनों के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे। कुछ माह पूर्व ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ऐसे वाहनों के खिलाफ विशेष मुहिम चलाई गई थी जो महज कुछ ही दिनों में दम तोड़ गई।


ओवर लोड़ वाहनों को देख आंखें बंद कर लेते अधिकारी


हालात यह बन चुके हैं कि शहर के हर कोने में ऐसे कमर्शियल वाहन ओवरलोडिंग, ओवरहाईट और ओवरलैंथ माल लाद कर निकल जाते हैं लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं। ऐसे वाहन ही सड़क हादसों का कारण बनते हैं। जबकि इसके उल्ट ट्रैफिक पुलिस मात्र बिना हैलमेट दो-पहिया वाहन चालकों के चालान कर शाबाशी लेने में जुटी है। पर सड़क हादसों का कारण बनने वाले ओवरलोड, ओवरलैंथ और ओवरहाईट वाहनों पर कार्रवाई करने के समय अधिकारी आंखें बंद कर लेते हैं।


सड़कों पर ओवरलोड वाहन यमदूत बनकर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं जिसके चलते आए दिन सड़कें खून से लाल हो रही हैं। लेकिन जिम्मेदार महकमों द्वारा यमदूत बनकर दौड़ते इन ओवरलोड वाहनों पर लगाम कसने के बजाए उनकी अनदेखी की जा रही है और वाहनों की ओवरलोडिंग एक बहुत बड़ी समस्या है और क्षेत्र में ऐसे ओवरलोड वाहन सरेआम बिना किसी डर के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इन पर कोई नकेल नहीं कसी जाती, जबकि पुलिस और आरटीओ विभाग की आंखों के सामने दौड़ते यह ओवरलोड लोगों के लिए उनकी जान का खतरा बने हुए हैं। लेकिन यह ओवरलोड वाहन लोगों को तो नजर आ जाते हैं लेकिन पुलिस और आरटीओ विभाग को क्यों नहीं दिखाई देते, यह एक बड़ा सवाल है।


ओवरलोडिंग के कारण आए दिन कोई न कोई बड़ा हादसा हो जाता है। लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती और न ही इनसे कोई सबक सीखा जाता। इसमें समाज और पुलिस दोनों बराबर के जिम्मेदार हैं। क्योंकि आम लोग इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाते और पुलिस अधिकारी या आरटीओ डिपार्टमेंट इनके खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं करता। यहीं कारण है कि यह ओवरलोड वाहन बिना किसी डर के सड़कों पर दौड़ते हैं। ओवरलोडिंग के कारण वाहनों को धीमी गति से चलाना पड़ता है। दूसरे वाहन को ओवरटेक करने में भी समस्या आती है।

जिससे पहले ही लोग बेहद परेशान हैं। ओवरलोड वाहन अनियंत्रित होकर कई बार पलट चुके हैं और उनमें सवार लोगों के अलावा आसपास से गुजरने वाले भी घायल हो चुके हैं। ज्यादातर लोग ओवरलोड वाहनों को सड़क किनारे खड़ा कर देते हैं और हादसे हो जाते हैं। ऐसे कई हादसे इलाके में हो भी चुके हैं। वहीं, क्षेत्र में इमारतों के निर्माण हो या कच्चा माल इधर उधर पहुंचाना हो हर वाहन ओवरलोड सामान लेकर चलता है। ट्रक, गिट्टी डंफर, सबसे ज्यादा ओवरलोड होकर चलते हैं। वहीं ऑटो चालक भी ज्यादा सवारियां लादकर कर चलते हैं और ऑटो चालक के पास सीधा देखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होता। पीछे से या साइडों से आने वाले वाहन उन्हें दिखाई नहीं देते।

इस कारण यह ऑटो चालक एकदम ऑटो को कहीं भी मोड़ देते हैं और बिना देखे कहीं भी ब्रेक मार देते हैं। यहां तक कि ओवरलोड वाहनों की चपेट में आकर कई व्यक्ति जान भी गंवा चुके हैं, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी इन वाहनों पर शिकंजा कस पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। गिट्टी, रेत,भूसा के ओवरलोड डंपर पर पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी मेहरबान है।

इन ओवरलोड वाहनों से किसी तरह का हादसा होने के बाद ही अधिकारी हरकत में आते हैं। एक या दो दिन अभियान चलाने के बाद फिर हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाते हैं।ऐसे वाहनों के चक्कर में सड़कों पर आएदिन जाम लगता है।