आयुर्वेद में वरदान है अग्निकर्म चिकित्सा
बुलंदशहर अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन एवं समता आयुर्वेदिक सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में यमुनापुरम में जीटी रोड स्थित समता आयुर्वेदिक सेंटर पर आयोजित अग्निकर्म चिकित्सा शिविर
इमरान सैफी बुलंदशहर
बुलंदशहर अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन एवं समता आयुर्वेदिक सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में यमुनापुरम में जीटी रोड स्थित समता आयुर्वेदिक सेंटर पर आयोजित अग्निकर्म चिकित्सा शिविर के पहले दिन 52 रोगियों ने चिकित्सा परामर्श लिया शिविर के विषय में बताते हुए क्षारसूत्र एवं पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ व शिविर संयोजक वैद्य हितेश कौशिक ने बताया कि अग्निकर्म आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा तकनीक है जो रोग औषधि एवं शल्य चिकित्सा के द्वारा भी ठीक नहीं हो पाते वो रोग अग्निकर्म चिकित्सा द्वारा ठीक जाते है ।
अग्निकर्म में मिश्रित धातु से बनी शलाका द्वारा शरीर के प्रभावित भाग पर चिकित्सा दी जाती है वास्तव में अग्निकर्म से चिकित्सा करने पर रोगी को कोई विशेष प्रकार का कष्ट का अनुभव नहीं होता ,यही नहीं यदि रोगी अपनी आंखें बंद रखें तो उसे अक्सर पता भी नहीं चलता कि अग्निकर्म कर दिया गया है 4 पैरों में होने वाली कीलों के ,एवं 5 रोगी मस्से(वार्ट) के रहे इन रोगियों को अग्निकर्म, विद्धकर्म एवं रक्तमोक्षण आवश्यकतानुसार कराया गया शिविर में उपस्थित आयुर्वेद विद्यार्थियों को सभी कर्मो का लाइव डेमोंस्ट्रेशन किया गया
अग्निकर्म चिकित्सा शिविर के लिए राजस्थान के जालौर से डाक्टर श्रीराम अग्निकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ के रूप में मुख्य चिकित्सक रहे