एसटीएफ ने तीन साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार
नोएडा। नोएडा एसटीएफ यूनिट ने डिजिटल अरेस्ट, गेमिंग , ट्रेडिंग ऐप के जरिए धोखाधड़ी करने वाले तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग अनैतिक गतिविधियों के लिए बैंक खाते तक प्रोवाइड कराते थे।
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एसटीएफ ने तीन साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार
नोएडा। नोएडा एसटीएफ यूनिट ने डिजिटल अरेस्ट, गेमिंग , ट्रेडिंग ऐप के जरिए धोखाधड़ी करने वाले तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग अनैतिक गतिविधियों के लिए बैंक खाते तक प्रोवाइड कराते थे। इनकी पहचान मोहन सिंह उर्फ रोकी, अरमान निवासी अलीगढ व संयम जैन निवासी बागपत हुई है। इनके खिलाफ मध्यप्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक , महा राष्ट , बैंगलोर सिटी में भी शिकायत मिली है। एसटीएफ यूनिट इने सभी पूछताछ कर रही है। इनके अब तक 34 खाते सामने आए है। जिनकी जांच की जा रही है।
अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राज कुमार मिश्र ने बताया कि 12 फरवरी को मुखबिर से सूचना मिली कि धोखाधड़ी करने के उद्देशय से भारतीय बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले तीन लोग सेक्टर-45 के होटल में आने वाले है। खबर कंफर्म होने के बाद एसटीएफ नोएडा की टीम ने तीनों को पकड़ कर एसटीएफ कार्यालय लाया गया। उनके पास से मिले दस्तावेजों के आधार पर पूछताछ की गई। जिसमें साक्ष्य मिले की यही लोग ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे।
इन तीनों को गिरफ्तार किया गया।अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राज कुमार मिश्र ने बताया कि गिरफ्तार किए गए मोहन ने बताया कि उसकी उम्र करीब 33 साल है वह 12वी पास है। 2021 में वो दिल्ली एनसीआर में टैक्सी चलाने का काम करता था। उसी दौरान उसकी जान पहचान गोरखपुर के रहने वाले राजन नाम व्यक्ति से हुई। राजन ठगी के पैसों को ट्रांसफर करने के लिए अकाउंट उपलब्ध कराता था। मोहन राजन के साथ मिलकर काम करने लगा। मोहन ने राजन के जरिए ढाई महीने पहले कानपुर निवासी रोहन अग्रवाल और हर्षवर्धन गुप्ता से संपर्क किया। इन लोगों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर फ्राड करने लगा।
इन शहरों में महिलाओं को किया डिजिटल अरेस्ट
इसी तरह मोहन के संपर्क में संयम जैन और अरमान भी आ गए। ये सभी मिलकर देश के विभिन्न शहरों से ठगों को अकाउंट उपलब्ध कराने लगे। जानकारी में सामने आया कि इन लोगों ने ही शामली निवासी कौशल शर्मा को इन्वेस्टमेंट के नाम पर फंसाया और शेयर ट्रैडिंग के नाम पर पाइंट बीआरई नाम के ऐप से जुड़वाया। साथ ही उससे 51 लाख की धोखाधड़ी की। इसके अलावा रोहणी दिल्ली में एक महिला को डिजिटल अरेस्ट करके 15 लाख, मुंबई सेंट्रल रीजन की महिला को डिजिटल अरेस्ट करके 25 लाख ठगे।
हवाला के जरिए बांटते थे पैसा
पूछताछ में सामने आया कि ये लोग इस रकम को यूएसडीटी क्रिप्टो में बदलकर हवाला के जरिए बांटी जाती थी। इनके पूछताछ में अब तक 39 बैंक अकाउंट सामने आए है। जिनका प्रयोग इस संगठित गिरोह द्वारा किया जा रहा था। इन सभी अकाउंट की जांच की जा रही है। अब तक की जानकारी में कर्नाटक, महाराष्ट्र , दिल्ली , आंध्रप्रदेश, उप्र , वेस्ट बंगाल में कई लोगों से साइबर फ्राड करके करोड़ों रुपए की ठगी इस गिरोह ने की है।