इंद्र मेघवाल के हत्यारों को फांसी की मांग को लेकर दलितों का केंडल मार्च
बुलंदशहर : इंद्र मेघवाल हत्याकांड के विरोध में दोषियो को फॉसी की सजा की माँग को लेकर सोमवार की देर शाम बुलन्दशहर की सड़को पर उतर कर दलितों द्वारा कैंडल मार्च किया गया।
आज का मुद्दा
बुलंदशहर : इंद्र मेघवाल हत्याकांड के विरोध में दोषियो को फॉसी की सजा की माँग को लेकर सोमवार की देर शाम बुलन्दशहर की सड़को पर उतर कर दलितों द्वारा कैंडल मार्च किया गया।
केंडल मार्च का नेतृत्व शेखर कुमार निवर्तमान जिलाध्यक्ष भीम आर्मी बुलंदशहर, बबीता गौतम, निवर्तमान जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा असपा, कैंडल मार्च में बहुजन शायर भाई अभिषेक जाटव व भाई सुरेश मेहरा मुख्य अतिथि रहे।
राजस्थान के जनपद जालोर के गांव सुराणा के रहने वाले इन्द्र मेघवाल के हत्यारे को फांसी, परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी दिलाने के लिए सोमवार की देर शाम बुलंदशहर में सैकड़ों दलितो ने कैंडल मार्च निकाला। इंद्र मेघवाल की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा। कैंडल मार्च भूड़ से
शुरू हुआ काला आम शहीद चौक, धमेड़ा अड्डे, होते हुए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा अंसारी रोड चौराहा पर समाप्त हुआ। इंद्र मेघवाल को न्याय दिलाने के लिए दलित द्वारा निकाले गए कैंडल मार्च भूड़ की डाक खाने वाली गली पर सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र हुए काला आम शहीद चौक होते हुए
धमेड़ा अड्डे, बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा अंबेडकर चौराहा पर कैंडल मार्च का समापन हुआ। हत्यारे अध्यापक छैलसिंह के जरिए पानी के मटके को छू लेने से की गई निर्मम हत्या के अपराधी को फास्ट ट्रैक कोर्ट से जल्द फांसी देने की मांग की। केंद्र सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया
कराई जाए जिससे कि वह स्वतंत्र रूप से कानूनी लड़ाई लड़ सके। इसके साथ ही सरस्वती विद्या मंदिर की मान्यता को रद्द किया जाए। साथ ही राजस्थान के समस्त सरकारी/गैरसरकारी विद्यालयों में दलित समाज के बच्चों के प्रति सहयोगात्मक वातावरण बनाने की गाइडलाइन जारी की जाए। इन मांगो को लेकर
सरकार के खिलाफ सेकड़ो दलित लोगों ने केंडल मार्च निकाला। इस दौरान दलित नेताओ ने बताया की राजस्थान में आए दिन अनुसूचित जाति - जनजाति के लोगों के साथ अन्याय और अत्याचार आम बात हो गई है। देश आजादी का जश्न मना रहा है लेकिन दलितों के लिए आजादी अफवाह मात्र है। राजस्थान के
जालौर में सुराणा गांव के 9 वर्षीय मासूम बालक इंद्र कुमार मेघवाल की स्कूल संचालक छैल सिंह राजपुरोहित के जरिए बेरहमी से पिटाई कर मौत के घाट
उतार दिया गया इसे हम आजादी नहीं कह सकते। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में दलित लोग मौजूद रहे।