उद्योगों के साथ आवासीय भवन में भी नहीं चलेंगे डीजल जनरेटर

ग्रेटर नोएडा, अब उद्योगों के साथ-साथ वाणिज्यिक, कार्यालयों और आवासीय भवनों के डीजल जनरेटरों को भी ड्यूल फ्यूल (पीएनजी व डीजल) में बदलवाना जरुरी है। इसके लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 30 सितंबर तक का समय दिया है।

उद्योगों के साथ आवासीय भवन में भी नहीं चलेंगे डीजल जनरेटर

ग्रेटर नोएडा,  अब उद्योगों के साथ-साथ वाणिज्यिक, कार्यालयों और आवासीय
भवनों के डीजल जनरेटरों को भी ड्यूल फ्यूल (पीएनजी व डीजल) में बदलवाना जरुरी है। इसके लिए


वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 30 सितंबर तक का समय दिया है। एक अक्तूबर से डीजल जनरेटर के
इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। आयोग ने ड्यूल फ्यूल में परिवर्तन के नियमों में भी


बदलाव किया है। अब 19 किलोवाट क्षमता व उससे अधिक के जनरेटर को ड्यूल फ्यूल में बदलना होगा।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी को लेकर प्रबंधन


आयोग ने एनसीआर के उद्योगों में 15 मई से डीजल जनरेटर पर रोक लगा दी थी, लेकिन औद्योगिक
संगठनों के आग्रह पर आयोग ने राहत देते हुए

डीजल जनरेटर को ड्यूल फ्यूल में परिवर्तित करने का
समय दिया है। 30 सितंबर तक डीजल जनरेटर को ड्यूल फ्यूल में परिवर्तित कर सकते हैं। यह नियम


उद्योगों के साथ-साथ आवासीय और वाणिज्यिक भवनों और कार्यालयों पर भी लागू होगा।
यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अधिकारियों ने बताया कि सभी जगह एक अक्तूबर से डीजल


जनरेटर के प्रयोग पर रोक लग जाएगी। परिवर्तन के लिए भी उद्योग, आवासीय व वाणिज्यिक भवन


और कार्यालयों के मालिकों को नोटिस जारी कर दिए गए है। सभी को नियमों का पालन करना होगा।
आयोग के नए आदेश का असर ग्रेनो के हजारों जनरेट पर पड़ेगा।


अब 19 किलोवाट से अधिक क्षमता के जनरेटर भी होंगे परिवर्तित
अब तक आयोग ने 800 किलोवाट और उससे अधिक क्षमता के डीजल जनरेटर को बदलने का आदेश


दिया था, लेकिन अब 19 किलोवाट व उससे अधिक क्षमता के जनरेटर को भी ड्यूल फ्यूल में बदला
जाएगा। 19 से 125 किलोवाट क्षमता के जनरेटर को ड्यूल फ्यूल में बदला जाएगा। 125 से 800


किलोवाट क्षमता के डीजल जनरेटर को ड्यूल फ्यूल में बदलने के साथ रेट्रोफिटेड एमिशन कंट्रोल डिवाइस


भी लगानी होगी। 800 किलोवाट से अधिक क्षमता के जनरेटर में ड्यूल फ्यूल और रेट्रोफिटेड एमिशन
कंट्रोल डिवाइस के साथ-साथ स्टैक इमिशन के नियमों का पालन करना होगा।


कुछ दो घंटे चलेंगे तो कुछ पर नहीं रहेगी रोक
आयोग ने 19 किलोवाट से कम क्षमता के डीजल जनरेटर को बदलने का आदेश नहीं दिया है, लेकिन


ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) में इनका संचालन नहीं होगा। सामान्य दिन में संचालन पर रोक नहीं
होगी। ड्यूल फ्यूल में परिवर्तन के बाद 19 से 125 किलोवाट क्षमता के जनरेटर का प्रयोग ग्रेप में केवल


दो घंटे प्रतिदिन किया जा सकेगा। सामान्य दिन में रोक नहीं होगी। 125 से 800 किलोवाट क्षमता के

जनरेटर के संचालन पर रोक नहीं होगी। 800 किलोवाट से अधिक के जनरेटर ग्रेप में केवल दो घंटे चल
सकेंगे।


आयोग के आदेश का पालन कराया जाएगा। इस संबंध में सभी को नोटिस भी जारी किया गया है। साथ


ही समय-समय पर सभी के साथ बैठक कर डीजल जनरेटर को ड्यूल फ्यूल में परिवर्तित करने के प्रति
जागरूक किया जाएगा।