कोरोना के नये वेरिएंट ने फिर खड़े कर दिये कान

अफ्रीका में कोरोना का एक नया वर्जन मिला है, जो डेल्टा से भी खतरनाक बताया जा रहा है। जिन देशों के यात्रियों पर रोक लगी है, उनमें बोत्सवाना, ऐस्वातिनी, लेसोथो, मोजाम्बीक, नामिबिया, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे शामिल हैं।

कोरोना के नये वेरिएंट ने फिर खड़े कर दिये कान

 नरविजय यादव

सात महीने बाद, कल पहली बार मैं अकेले घर से बाहर निकला। सब्जी बाजार घर के पास ही है। पैदल चलते हुए अजीब सा महसूस हो रहा था। आप सोचेंगे कि इसमें नया क्या है, घर से बाहर तो हर कोई निकलता है। नहीं, मेरा केस अलग है। कोविड की दूसरी लहर में, मई माह में जब कोरोना का डेल्टा वर्जन अपने चरम पर था, तब मेरी जान जाते-जाते बची थी।

आईसीयू में दो हफ्ते और अस्पताल में डेढ़ माह तक रहना पड़ा। अभी भी नॉर्मल लाइफ शुरू नहीं हो पायी है। इतना घातक था डेल्टा वर्जन। अब सुनने में आया है कि सिंगापुर ने सात अफ्रीकी देशों के लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है। अफ्रीका में कोरोना का एक नया वर्जन मिला है, जो डेल्टा से भी खतरनाक बताया जा रहा है। जिन देशों के यात्रियों पर रोक लगी है, उनमें बोत्सवाना, ऐस्वातिनी, लेसोथो, मोजाम्बीक, नामिबिया, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे शामिल हैं।

कोविड19 के नये वेरिएंट को बी.1.1.529 नाम दिया गया है। दुनिया भर के वैज्ञानिक नये वेरिएंट की जन्मकुंडली निकालने में जुट गये हैं। पता लगाया जा रहा है कि यह डेल्टा की तुलना में कितना घातक है। भारत के नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने सरकार को इस वेरिएंट के खतरे से आगाह करा दिया है।

सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अलर्ट कर दिया गया है। भारत ने दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की अच्छे से स्क्रीनिंग और परीक्षण करने की हिदायत दी है। इसके हांगकांग में 1, बोत्सवाना में 3 और दक्षिण अफ्रीका में 6 मामले सामने आये हैं। हांगकांग में जो केस मिला है वह भी दक्षिण अफ्रीका से पहुंचे एक यात्री का है। स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता जायज भी है, क्योंकि हाल ही में विदेशियों को भारत आने के नियमों में छूट दी गयी है।

हालांकि, नये वेरिएंट के बारे में पुख्ता जानकारी जांच के बाद ही सामने आयेगी। परंतु, इससे एक सबक तो मिलता है कि मास्क, डेढ़ गज की दूरी और हाथ धोने जैसी बेसिक सावधानियों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। कल मैंने देखा कि बाजार में मेरे अलावा इक्का-दुक्का लोग ही मास्क लगाये थे, बाकी सब निश्चिंत घूम रहे थे। यह लापरवाही ठीक नहीं। इसलिए सचेत रहिए, मास्क पहन कर रखिए।

अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों से याद आया कि तीन साल बाद ग्रेटर नोएडा का जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट दुनिया भर के यात्रा मानचित्र पर शीर्ष पर होगा। यह एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा, जहां पौने दो सौ विमान खड़े हो सकेंगे और सालाना सवा करोड़ यात्री की आवाजाही हो सकेगी।

दुनिया के पहले तीन बड़े हवाई अड्‌डे सऊदी अरब, डेनवर और डलास (अमेरिका) में हैं। इससे दिल्ली के अलावा, आगरा-मथुरा में भी पर्यटन बढ़ेगा। जर्मनी का शुरुआती 40 वर्षों तक जेवर एयरपोर्ट का संचालन ज्यूरिख एयरपोर्ट संभालेगा।

जेवर एयरपोर्ट के चालू होने के बाद, निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश का महत्व भी बढ़ेगा। इधर, देश में हवाई यात्रियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इनकी संख्या लगभग प्री-कोरोना टाइम जितनी ही हो गयी है। ऐसा टीकाकरण में सफलता के कारण संभव हो सका है। जनवरी तक हवाई यात्रियों की संख्या नवंबर 2019 जितनी हो जायेगी। घरेलू उड़ानों की संख्या भी पिछले छह माह में तीन गुना तक बढ़ कर 2712 हो गयी है।

नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार हैं। 

ईमेल: narvijayindia@gmail.com