मानसिक रोगों को दूर करने में मदद करेंगे ये योगासन
मानसिक रोगों को काफी हद तक योगासन की मदद से ठीक किया जा सकता हैं। योग शरीर को अधिक शक्तिशाली बनाता है और कार्यक्षमता को बढ़ाता है। ये संज्ञान शक्ति में तत्काल वृद्धि का कारक भी हो सकता है। ये तनाव से मुक्त करता है और मस्तिष्क के द्वारा संचालित सभी महत्वपूर्ण क्रियाओं के संचालन में मदद करता है। नीचे दिए गए योगासनों की मदद से आप इसमें मदद पा सकते हैं।
मानसिक रोगों को काफी हद तक योगासन की मदद से ठीक किया जा सकता हैं। योग शरीर को अधिक
शक्तिशाली बनाता है और कार्यक्षमता को बढ़ाता है। ये संज्ञान शक्ति में तत्काल वृद्धि का कारक भी हो
सकता है। ये तनाव से मुक्त करता है और मस्तिष्क के द्वारा संचालित सभी महत्वपूर्ण क्रियाओं के
संचालन में मदद करता है। नीचे दिए गए योगासनों की मदद से आप इसमें मदद पा सकते हैं।
भ्रामरी प्राणायाम : नकारात्मक भावनाये जैसे क्रोध, झुंझलाहट, निराशा और चिंता से मुक्त करता है।
एकाग्रता और स्मृति को बढ़ाता है। आत्म विश्वास को बढ़ाता है। यह एक साधारण प्रक्रिया है जिसको घर
य ऑफिस, कहीं पर भी किया जा सकता है। यह प्राणायाम चिंता-मुक्त होने का सबसे अच्छा विकल्प है।
पाद पश्चिमोत्तानासन : रीढ़ की हड्डी को खींच कर तनाव मुक्त करता है। मन से क्रोध और चिड़चिड़ाहट
दूरकर शांत करता है।
सेतुबंध आसन : गर्दन और रीढ़ में खिचाव के द्वारा मजबूती लाता है। मांसपेशियों को विश्राम देता है।
मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाता है। मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद करता है, जिससे
चिंता, तनाव और अवसाद को कम किया जा सकता है।
सर्वांगासन : थाइरॉइड और पैरा-थाइरॉइड ग्रंथियों को नियमित करता और सुचारु करता है। पीनियल और
हाइपोथैलेमस ग्रंथियों में अधिक रक्त पहुंचाकर मस्तिष्क को पुष्ट करता है। सभी संज्ञानात्मक
कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।
हलासन : मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बेहतर कर तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। पीठ और गर्दन में
खिचाव से तनाव और थकावट को कम करता है। अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।