ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सबसे पॉश सोसायटी माने जाने वाले आम्रपाली लेजर वैली के निवासी एंट्री गेट पर बने सर्विस लेन पर बने गड्ढों से परेशान

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी डर नही रहा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सोसायटी के बाहर सड़कों की हालत और अथॉरिटी की निष्क्रियता देखकर ऐसा ही लगता है ।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सबसे पॉश सोसायटी माने जाने वाले  आम्रपाली लेजर वैली के निवासी एंट्री गेट पर बने सर्विस लेन पर बने गड्ढों से परेशान

ऐसा लगता है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी डर नही रहा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सोसायटी के बाहर सड़कों की हालत और अथॉरिटी की निष्क्रियता देखकर ऐसा ही लगता है । 

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सबसे पॉश सोसायटी माने जाने वाले  आम्रपाली लेजर वैली के निवासी एंट्री गेट पर बने सर्विस लेन पर बने गड्ढों से परेशान है। बिसरख रोड पर चारमूर्ति और हनुमान मंदिर चौराहे के बीच बने इस सोसायटी की एंट्री गेट के पास सर्विस रोड पर बड़े बड़े गड्ढे बन गए हैं। 

आम्रपाली लेजर वैली के बाहर ये गड्ढे तकरीबन तीन महीने से है और दिन पर दिन ये गड्ढे अपना आकार बड़ा करते हुए सड़क को लील रही है। बच्चों और बुजुर्गों को सोसायटी से निकालना दुभर हो गया है। 

 सोसायटी के लोगों ने व्यक्तिगत रूप से मिलकर और सोशल मीडिया के माध्यम  इसकी सूचना ग्रेनो के अधिकारियों को कई बार दी भी है, परंतु हर बार आश्वासन मिलने के अलावा कुछ नही मिला।।

अधिकारियों के स्तर पर सुनवाई नही होने पर आम्रपाली लेजर वैली एसोसिएशन के महासचिव दलवीर सिंह सोलंकी ,गुंजन त्यागी व चित्रा चौधरी विधायक से लेकर मंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। 22 जुलाई को स्थानीय विधायक  के माध्यम से एक पत्र ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को भेजा गया लेकिन आज तक इस पर कार्रवाई नहीं हुई । गड्ढे बढ़ते जा रहे हैं और अथॉरिटी अनदेखा कर रही है। 

सोसायटी के निवासी डॉक्टर अवनीश गुप्ता ने ट्विटर पर इसकी शिकायत करते हुए पूछा है कि टैक्स पेयर्स के साथ ऐसा बर्ताव क्यों? 

आम्रपाली लेजर वैली मैनेजमेंट कमिटी के सदस्य अमित गोयल ने ग्रेनो अथॉरिटी और प्रशासन पर नाराजगी जताते  हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि "संबंधित अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं लगातार शिकायत के बाद भी अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है. लगातार छोटी मोटी दुर्घटनाएं हो रही हैं. अब तो ऐसा लगता है कि जब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाएगी तभी प्रशासन गहरी नींद से जागेगा."

पिछले हफ्ते ही लखनऊ में सड़क पर गड्ढे देखकर सूबे के मुखमंत्री का गुस्सा फूटा था और कई अधिकारी निलंबित और ट्रांसफर कर दिए गए थे। 

सीएम योगी की हमेशा से परिकल्पना गड्ढा मुक्त उत्तर प्रदेश की रही है और इसी परिकल्पना को पूर्ण करने के लिए लोकनिर्माण विभाग द्वारा इस वर्ष अब तक 275 रुपए प्रदेश के सभी जिलों को निर्धारित मार्ग सुदृढ़ीकरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवंटित किया जा चुका है। 

लोकनिर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में वर्ष 2022-23 के बीच गड्ढा मुक्ति के लक्ष्यों को हासिल करने में 100 प्रतिशत सफलता मिली है। 

ये आंकड़े सरकारी हैं और धरातल पर सच्चाई से दूर हैं। पूरे प्रदेश को छोड़ भी दिया जाए तो एनसीआर का हिस्सा माने जाने वाले ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ही कई मुख्य मार्ग और सर्विस सड़क की हालात खराब है। इन सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे है और ये गड्ढे पिछले दो से तीन महीने से बने हुए है। सरकारी आंकड़ों में गड्ढा मुक्त सड़क होने का टारगेट पूरा कर भी लिया जाएगा, हो सकता है कई सड़कों पर गड्ढे भर भी जाए, लेकिन दो तीन महीने तक इन गड्ढों की वजह से लोगों को जो परेशानी हुई, उसकी जवाबदेही किसकी होगी?