चौकी बुलाकर शटरिंग कारीगर को दी थर्ड डिग्री हाथ-पैर और कमर में आई चोट सिपाही निलंबित जांच के आदेश

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में 13 नवंबर को शटरिंग कारीगर को थर्ड डिग्री की प्रताड़ना दी गई। मोबाइल चोरी का आरोप लगाते हुए

चौकी बुलाकर शटरिंग कारीगर को दी थर्ड डिग्री हाथ-पैर और कमर में आई चोट सिपाही निलंबित जांच के आदेश

चौकी बुलाकर शटरिंग कारीगर को दी थर्ड डिग्री हाथ-पैर और कमर में आई चोट सिपाही निलंबित जांच के आदेश

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में 13 नवंबर को शटरिंग कारीगर को थर्ड डिग्री की प्रताड़ना दी गई। मोबाइल चोरी का आरोप लगाते हुए उनको बेरहमी से पीटा गया। जबरन मोबाइल चोरी का आरोप कबूलने का दबाव डाला गया। इन्कार करने पर अगले दिन शांतिभंग में चालान कर दिया गया। शुक्रवार को पीड़ित के साथ हुई बर्बरता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। डीसीपी ने वृंदावन चौकी पर तैनात सिपाही आशुतोष सिंह को निलंबित कर दिया है।

मामला पीजीआई थाना इलाके की वृंदावन पुलिस चौकी का है। यहां फैजुल्लागंज निवासी रोहित तिवारी के मुताबिक 13 नवंबर को उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई। उनको फौरन वृंदावन पुलिस चौकी पर बुलाया गया। दोपहर करीब दो बजे वह चौकी पहुंचे।आरोप है कि चौकी पर मौजूद सिपाही आशुतोष सिंह ने उन पर मोबाइल चोरी का आरोप लगाते हुए कुछ मोबाइल फोन दिखाए। उन्होंने मोबाइल चोरी के आरोप को गलत बताया। इसके बाद सिपाही ने रोहित पर मोबाइल चोरी का जुर्म कबूल करने का दबाव डाला, तो उन्होंने इससे इन्कार कर दिया।

पीड़ित रोहित का आरोप है कि सिपाही आशुतोष उनको घसीटते हुए चौकी परिसर में बने कमरे में ले गया और लाठी से पिटाई की। इससे उनके हाथ, पैर व कमर के नीचे के हिस्से में गंभीर चोटें लगीं। बिना किसी आरोप के 14 नवंबर को शांतिभंग में चालान कर दिया।रोहित ने बताया कि शांतिभंग के मामले में जमानत मिलने के बाद डर के चलते उन्होंने अपने साथ हुई पुलिसिया बर्बरता की शिकायत किसी से नहीं की। शुक्रवार को शिकायत करते हुए उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। एसीपी कैंट की रिपोर्ट पर डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने आरोपी सिपाही आशुतोष सिंह को निलंबित कर दिया।

डीसीपी पूर्वी ने बताया कि एसीपी गोमतीनगर विकास जायसवाल को घटना की विस्तृत जांच करने का आदेश दिया गया है। जांच में अगर किसी और भी पुलिसकर्मी की भूमिका मिलती है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।एक बेगुनाह के साथ चौकी में बर्बरता करने के आरोपी सिपाही के खिलाफ केस तक दर्ज नहीं कराया गया। क्या निलंबन और जांच का आदेश ही काफी है? इस सवाल पर कोई अधिकारी खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है।पुलिस की कार्यशैली लगातार सवालों के घेरे में है। अक्तूबर से लेकर अब तक पुलिस की अभिरक्षा में दो लोगों की मौत हुई। एक युवक पुलिस की मौजूदगी में छत से कूद गया। इन घटनाओं के बावजूद पुलिस की कार्यशैली में कोई भी बदलाव होता नहीं दिख रहा है।

1- 6 अक्तूबर : चिनहट पुलिस की अभिरक्षा में कारोबारी मोहित पांडेय की मौत। इंस्पेक्टर चिनहट सहित अन्य पर हत्या का केस दर्ज हुआ। मामले की जांच अभी जारी है। फिलहाल अब तक कुछ भी नहीं हुआ।

2- 11 अक्तूबर : विकासनगर पुलिस की अभिरक्षा में अमन गौतम की मौत। इस मामले में भी पीआरवी सवार पुलिस वालों के खिलाफ केस दर्ज हुआ, पर कार्रवाई के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं हुआ।

3- 11 नवंबर : चिनहट पुलिस की अभिरक्षा में राहुल नाम का युवक तीसरी मंजिल से कूदा। इस मामले में चौकी इंचार्ज मल्हौर को डीसीपी ने निलंबित कर दिया।