जानिए क्यों और किसकी याद में मनाया जाता है शिक्षा दिवस

अंग्रेजों के दांत खट्टे किये।देश की आज़ादी के लिए कई सालों जेल में भी रहे।अंतः देश के प्रथम शिक्षा मंत्री बनने के बाद बिहार के राज्यपाल बाद में देश के उपराष्ट्रपति तथा राष्ट्रपति डॉ ज़ाकिर हुसैन की सहायता से एवं अपनी अद्भुत क्षमता, अनोखी प्रतिभा से कार्य किया

 दिल्ली,11 नवंबर-आज देश में शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है।  भारत के पहले शिक्षा मंत्री जनाब मोहिउद्दीन उर्फ मौलाना अबुल कलाम आजाद  की याद में देश 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाता आ रहा है।दिल्ली वासी धर्माचार्य माता पिता मौलाना खैरुद्दीन/बीबी आलिया के मक्का में जन्म हुआ।अरबी, फारसी, तुर्की, फ्रेंच,अंग्रेजी, उर्दू भाषा में महारती मोहिउद्दीन उर्फ मौलाना अबुल कलाम आजाद ने देश की आज़ादी में अहम किरदार अदा किया।अंग्रेजों के दांत खट्टे किये।देश की आज़ादी के लिए कई सालों जेल में भी रहे।अंतः देश के प्रथम शिक्षा मंत्री बनने के बाद बिहार के राज्यपाल बाद में देश के उपराष्ट्रपति तथा राष्ट्रपति डॉ ज़ाकिर हुसैन की सहायता से एवं अपनी अद्भुत क्षमता, अनोखी प्रतिभा से कार्य किया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD)भारत सरकार ने 11 सितंबर, 2008 को घोषणा की कि भारत में अबुल कलाम आजाद ने शिक्षा के क्षेत्र में उनके अनेक योगदान रहा हैं इसलिए  मौलाना अबुल कलाम आजाद को याद करके भारत के महान पुत्र के यौमे पैदाइश को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाएगा।  

 मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने 1947 से 1958 तक स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका मानना था कि मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने न केवल महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया बल्कि उन्होंने 14 साल की आयु तक सभी बच्चों के लिए निशुल्क सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा की वकालत की।

मौलाना अबुल कलाम आजाद अपने समय के एक वरिष्ठ पत्रकार भी थे और भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन का कारण भी बने। उन्होंने शिक्षा और राष्ट्र के विकास के बीच संबंध को समझा।यूनिवर्सिटी एडुकेशन कमीशन 1948,यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन 1953 ,इंडियन कॉउंसिल फार कल्चरल रिलेशन 1950 ,इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी 1951,दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी 1951,सेंटर रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट 1952 ,सेंटर विल्डिंग (भवन)रिसर्च इंस्टीट्यूट 1953 ,संगीत नाटक अकादमी 1953 , साहित्य अकादमी 1954 एवं ललित कला अकादमी 1954 में स्थापित किया।
 भारत देश को शिक्षा/ कला/इंजीनियरिंग/भौतिक/रसायन/ प्राणी/औषधि विज्ञान/ भवन निर्माण/ललित/साहित्य/संगीत नाट्य को नई दिशा दिया जिसे देश हमेशा याद रखेगा।आधुनिक भारत का आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित शिक्षा प्रणाली का विकास एवं देश के नव निर्माण इन्हीं के नेतृत्व में हुआ।मौलाना अबुल कलाम आजाद सच्चे देश भक्त, समर्पित राष्ट्रवादी निष्ठावान व्यक्ति थे।

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए अत्यधिक स्कूलों, कालेजों एवं विश्वविद्यालयों की स्थापना करवाई थी। मौलाना अबुल कलाम आजाद AICTE और UGC जैसे उच्च निकायों की स्थापना के लिए जिम्मेदार भी थे।  ऐसे महान विद्वान और विचारक को सलाम एवं दूरदर्षिता को सलाम जिनके वजह से आज हिंदुस्तान में ज्ञान का दीप टिम-टिमा रहा है।