तमिलनाडु के लड़के की याचिका पर गाजीपुर न्यायालय की कार्यवाही पर लगी रोक

नई दिल्ली : सुरेश तमिलनाडु का रहने वाला था और संगीता उत्तर प्रदेश की (परिवर्तित नाम) की सगाई हुई, संगीता राष्ट्रीय बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी कुछ दिनों के बाद सुरेश के परिवार वालों द्वारा दहेज की मांग होने लगी विवाह के 2 दिन पहले सुरेश के परिवार वाले संगीता के पैतृक निवास पहुंचे और 15 लाख तथा 5 लाख के जेवर की मांग की गई

तमिलनाडु के लड़के की याचिका पर गाजीपुर न्यायालय की कार्यवाही पर लगी रोक

राजा मौर्य  आज का मुद्दा
                                                                                                                                                                           नई दिल्ली : सुरेश तमिलनाडु का रहने वाला था और संगीता उत्तर प्रदेश की (परिवर्तित नाम) की सगाई हुई, संगीता राष्ट्रीय बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी कुछ दिनों के बाद सुरेश के परिवार वालों द्वारा दहेज की मांग होने लगी  विवाह के 2 दिन पहले

सुरेश के परिवार वाले संगीता के पैतृक निवास पहुंचे और 15 लाख तथा 5 लाख के जेवर की मांग की गई विवाह की तारीख नजदीक होने की वजह से लोक लाज के डर से कैसे ना कैसे संगीता के परिवार वालों ने सुरेश के परिवार वालों की मांग पूरी करी

जिसके बाद दोनों का विवाह बड़ी ही धूमधाम के साथ 2017 में संपन्न हुआ, कुछ दिनों के बाद संगीता के 7-8 लाख रुपए के गहने सुरेश के परिवार वालों ने अपने पास रख लिए,

सुरेश और संगीता शादी के बाद हनीमून मनाने के लिए कोच्चि से विदेश कुआलालंपुर और कुआलालंपुर से डेंपासर बाली और इंडोनेशिया गए


विवाह के कुछ महीनों के उपरांत संगीता को यह ज्ञात हुआ कि सुरेश का उसी घर में रहने वाली रिश्तेदार लड़की के साथ अवैध संबंध है, इसी दौरान संगीता को दोनों के अवैध संबंधों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी मिली,

सुरेश और उसकी प्रेमिका ने संगीता को घर छोड़कर जाने को कहा लेकिन संगीता ने अपने विवाह संबंध बनाए रखने के लिए घर छोड़ने से मना कर दिया

, उसके बाद संगीता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और उसके पति, ससुर, जेठ, ननद बात-बात पर मारते पीटते गालियां देते और मानसिक तथा शारीरिक शोषण करने लगे और संगीता का सामान घर से बाहर फेंक दिया फिर संगीता के परिवार वालों ने आकर

बीच-बचाव करके तमिलनाडु में ही अलग घर में रहने पर राजी किया और दोनों अलग रहने लगे लेकिन वहां से भी सुरेश महीनों के लिए घर से गायब रहता था उसके परिवार वालों ने कहा कि उसको नया व्यापार शुरू करने के लिए पैसों की जरूरत है इसलिए

वह भटकता रहता है तुम या तो अपने मायके से पैसे मंगवा लो नहीं तो तलाक दे दो, फिर संगीता के परिवार वालों ने सुरेश को 10 लाख रुपए दिए, फरवरी 2019 में व्यापार में घाटा बोलकर फिर से पैसों की मांग की गई और संगीता को अपनी बैंक से 35-40

लाख लोन लेने को बोला जिसको संगीता के मना करने पर सुरेश के परिवार वालों द्वारा मारपीट, ताने एवं गालियां दी जाने लगी इन अत्याचारों से बचने के लिए संगीता द्वारा 15 लाख रुपए अपने एवं पर्सनल लोन द्वारा लेकर दिए गए इसी दौरान संगीता द्वारा

गर्भधारण की प्लानिंग भी की गई लेकिन संगीता के बच्चा कंसीव नहीं हो पा रहा था जिसके लिए उसने गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर से इलाज भी चलवाया फिर भी बच्चा कंसीव नहीं हो रहा था मार्च 2020 में सुरेश उसके पिता और दोनों जेठ घर पर आए और संगीता को गंदी गंदी गालियां, मारपीट, गला दबाना और कपड़े फाड़ कर लज्जा भंग कर घर से निकाल दिया अंततः संगीता ने धारा 307,

354B, 498A, 323, 504, 506, 406 भादंसं एवं 3, 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1951 के तहत गाजीपुर उत्तर प्रदेश मे मामला दर्ज कराया जिसको इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुरेश द्वारा चैलेंज किया गया लेकिन मेरिट के आधार पर उच्च न्यायालय के

जस्टिस समीर जैन ने आदेश पास करते हुए ट्रायल कोर्ट गाजीपुर में सरेंडर होने का आदेश दिया लेकिन सुरेश उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए

फरार रहा मजबूरन गाजीपुर जिला न्यायालय को उसे भगोड़ा घोषित करना पड़ा जिसकी वजह से जेल से बचने के लिए सुरेश ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील डॉ. ए पी सिंह का दामन थामा लेकिन सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्मकालीन

अवकाश चल रहा था इसलिए सुरेश की मुश्किलें कम नहीं हो रही थी फिर वेकेशन बेंच के समक्ष मामला सूची बंद करने की डॉ. ए पी सिंह ने गुहार लगाई जिस पर मामला वेकेशन बेंच जिसमें जस्टिस अभय एस ओका एवं विश्वनाथन की डबल बेंच के समक्ष

सूचीबद्ध हुआ और डॉ. ए पी सिंह के तर्कों को दृष्टिगोचर रखते हुए गाजीपुर जिला न्यायालय की कार्यवाही पर सुरेश के हक में सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच ने तत्काल रोक लगाई एवं उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब देने का आदेश पारित किया


 नई दिल्ली : सुरेश तमिलनाडु का रहने वाला था और संगीता उत्तर प्रदेश की (परिवर्तित नाम) की सगाई हुई, संगीता राष्ट्रीय बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी कुछ दिनों के बाद सुरेश के परिवार वालों द्वारा दहेज की मांग होने लगी  विवाह के 2 दिन पहले

सुरेश के परिवार वाले संगीता के पैतृक निवास पहुंचे और 15 लाख तथा 5 लाख के जेवर की मांग की गई विवाह की तारीख नजदीक होने की वजह से लोक लाज के डर से कैसे ना कैसे संगीता के परिवार वालों ने सुरेश के परिवार वालों की मांग पूरी करी

जिसके बाद दोनों का विवाह बड़ी ही धूमधाम के साथ 2017 में संपन्न हुआ, कुछ दिनों के बाद संगीता के 7-8 लाख रुपए के गहने सुरेश के परिवार वालों ने अपने पास रख लिए,

सुरेश और संगीता शादी के बाद हनीमून मनाने के लिए कोच्चि से विदेश कुआलालंपुर और कुआलालंपुर से डेंपासर बाली और इंडोनेशिया गए


विवाह के कुछ महीनों के उपरांत संगीता को यह ज्ञात हुआ कि सुरेश का उसी घर में रहने वाली रिश्तेदार लड़की के साथ अवैध संबंध है, इसी दौरान संगीता को दोनों के अवैध संबंधों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी मिली, सुरेश और उसकी प्रेमिका ने संगीता को घर

छोड़कर जाने को कहा लेकिन संगीता ने अपने विवाह संबंध बनाए रखने के लिए घर छोड़ने से मना कर दिया, उसके बाद संगीता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और उसके पति, ससुर, जेठ, ननद बात-बात पर मारते पीटते गालियां देते और मानसिक तथा

शारीरिक शोषण करने लगे और संगीता का सामान घर से बाहर फेंक दिया फिर संगीता के परिवार वालों ने आकर बीच-बचाव

करके तमिलनाडु में ही अलग घर में रहने पर राजी किया और दोनों अलग रहने लगे लेकिन वहां से भी सुरेश महीनों के लिए घर से गायब रहता था उसके परिवार वालों ने कहा कि उसको नया व्यापार शुरू करने के लिए पैसों की जरूरत है इसलिए वह भटकता

रहता है तुम या तो अपने मायके से पैसे मंगवा लो नहीं तो तलाक दे दो, फिर संगीता के परिवार वालों ने सुरेश को 10 लाख रुपए दिए, फरवरी 2019 में व्यापार में घाटा बोलकर फिर से पैसों की मांग की गई और संगीता को अपनी बैंक से 35-40 लाख लोन लेने

को बोला जिसको संगीता के मना करने पर सुरेश के परिवार वालों द्वारा मारपीट, ताने एवं गालियां दी जाने लगी इन अत्याचारों से बचने के लिए संगीता द्वारा 15 लाख रुपए अपने एवं पर्सनल लोन द्वारा लेकर दिए गए इसी दौरान संगीता द्वारा गर्भधारण की

प्लानिंग भी की गई लेकिन संगीता के बच्चा कंसीव नहीं हो पा रहा था जिसके लिए उसने गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर से इलाज भी चलवाया फिर भी बच्चा कंसीव नहीं हो रहा था मार्च 2020 में सुरेश उसके पिता और दोनों जेठ घर पर आए और संगीता को गंदी

गंदी गालियां, मारपीट, गला दबाना और कपड़े फाड़ कर लज्जा भंग कर घर से निकाल दिया अंततः संगीता ने धारा 307, 354B, 498A, 323, 504, 506, 406 भादंसं एवं 3, 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1951 के तहत गाजीपुर उत्तर प्रदेश मे मामला दर्ज

कराया जिसको इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुरेश द्वारा चैलेंज किया गया लेकिन मेरिट के आधार पर उच्च न्यायालय के जस्टिस समीर जैन ने आदेश पास करते हुए ट्रायल कोर्ट गाजीपुर में सरेंडर होने का आदेश दिया लेकिन सुरेश उच्च न्यायालय के आदेश

की अवहेलना करते हुए फरार रहा मजबूरन गाजीपुर जिला न्यायालय को उसे भगोड़ा घोषित करना पड़ा जिसकी वजह से जेल से बचने के लिए सुरेश ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील डॉ. ए पी सिंह का दामन थामा लेकिन सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश

चल रहा था इसलिए सुरेश की मुश्किलें कम नहीं हो रही थी फिर वेकेशन बेंच के समक्ष मामला सूची बंद करने की डॉ. ए पी सिंह ने गुहार लगाई जिस पर मामला वेकेशन बेंच जिसमें जस्टिस अभय एस ओका एवं विश्वनाथन की डबल बेंच के समक्ष सूचीबद्ध हुआ

और डॉ. ए पी सिंह के तर्कों को दृष्टिगोचर रखते हुए गाजीपुर जिला न्यायालय की कार्यवाही पर सुरेश के हक में सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच ने तत्काल रोक लगाई एवं उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब देने का आदेश पारित किया