तिलक ब्रिज-निजामुद्दीन स्टेशन के बीच मालगाड़ी के 13 डिब्बे पटरी से उतरे

नई दिल्ली, 12 मई । दिल्ली के तिलक ब्रिज और निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए।

तिलक ब्रिज-निजामुद्दीन स्टेशन के बीच मालगाड़ी के 13 डिब्बे पटरी से उतरे

नई दिल्ली, 12 मई । दिल्ली के तिलक ब्रिज और निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी के 13
डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे के बाद इस रूट पर कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं।

जानकारी के अनुसार मालगाड़ी
बीटीपीएन (बोगी टैंक पेट्रोल और नेफ्था) से लदी थी।

फिलहाल इस मामले के संबंध में अभी कोई जानकारी सामने
नहीं आई है। रूट को भी सामान्य किया जा रहा है।

वहीं इससे पहले कोयले से लदी मालगाड़ी के 13 डिब्बे पटरी
से उतर गए थे।

रेलवे के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में ये
हादसा हुआ था।


कोयले संकट के बीच इस तरह के हादसों के कारण रेलवे को कई फेरों को रद्द करना पड़ता है। खासतौर पर
डेडीकेटेड कॉरिडोर पर यह हादसे अन्य माल गाड़ियों की आवाजाही को बेहद प्रभावित करते हैं।

ऐसे में जब रेलवे
लगातार कोयले की पूर्ति के लिए फेरों में बढ़ोतरी कर रही है

उस समय ऐसा हादसा बिजली संकट और कोयले की
कमी को और बढ़ा सकता है।


गौरतलब है कि दिल्ली-हावड़ा रूट देश के सबसे व्यस्तम रेलवे मार्गो में से एक है। इसी रूट से अधिकतर गाड़ियां
कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी होते हुए बिहार व बंगाल तक जाती हैं।

वहीं मालगाड़ी के जरिए ज्यादा से ज्यादा
कोयले की सप्लाई की जा रही है।


वहीं, रेलवे बिजली संयंत्रों को कोयला पहुंचाने के लिए प्रति दिन औसतन 498 रैक उपलब्ध करा रहा है। इस बीच
खबर आ रही है कि इनमें से सिर्फ 417 रैक का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। यह आंकड़ा ऐसे समय आया है,


जब कुछ कोयला आधारित बिजली संयंत्र ईंधन आपूर्ति के मुद्दे से जूझ रहे हैं। रेलवे ने इस साल कोयला रैक के
लिए प्रतिदिन औसतन 26,386 वैगन उपलब्ध कराए हैं

जबकि 2020-21 में यह संख्या 21,824 वैगन थी। इस
साल 10 मई को रेलवे ने वैगन की संख्या बढ़ाकर 29,283 और 11 मई को 29,944 कर दी थी।