फार्मा हब बनने को तैयार यूपी

उत्तर प्रदेश को फार्मा हब बनाने की तैयारी में लगी सरकार की नीतियां देश की नामचीन मेडिकल कंपनियों को काफी रास आ रही है।

फार्मा हब बनने को तैयार यूपी

उत्तर प्रदेश को फार्मा हब बनाने की तैयारी में लगी सरकार की नीतियां
देश की नामचीन मेडिकल कंपनियों को काफी रास आ रही है। इसी क्रम में, तेलंगाना की चार दिग्गज
फार्मा कंपनियों ने प्रदेश में करोड़ों रुपए के निवेश की तैयारी की है। साथ ही ये कंपनियां ड्रग व मेडिकल
पार्कों के विकास, यूपी को फार्मा सेक्टर का हब बनाने के रोडमैप पर भी कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उल्लेखनीय है कि 18 जनवरी को योगी सरकार ने हैदराबाद में फार्मा कॉन्क्लेव का आयोजन किया था।
इसमें उत्तर प्रदेश में ड्रग व फार्मा मैन्युफैक्चरिंग कल्चर को बढ़ावा देने और सरकार द्वारा बनाई गई
फार्मा पॉलिसी के साथ ही दी जा रही सहूलियतों के बारे में जागरूकता का प्रसार किया गया।


एक अधिकारी ने बताया कि डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने यीडा में मेडिकल डिवाइस पार्क के पास या नोएडा-
ग्रेटर नोएडा में अन्य रणनीतिक स्थान पर एक अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित करने में रुचि व्यक्त की।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने ललितपुर में बल्क ड्रग पार्क के भीतर निवेश के अवसर तलाशने में रुचि दिखाई
है, जिसके लिए 150 एकड़ से अधिक भूमि की आवश्यकता है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में फार्मास्युटिकल
विनिर्माण सुविधा स्थापित करने में रुचि व्यक्त की है।


उन्होंने मेडिकल डिवाइस पार्क, नोएडा या ग्रेटर नोएडा में एक बायोटेक प्रयोगशाला और एक विनिर्माण
इकाई स्थापित करने में भी रुचि दिखाई है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश को ड्रग व फार्मा
मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के तौर पर विकसित करने और बड़ा हब बनाने के लिए वीबीएल तथा रॉलवेल
इंडस्ट्रीज ने भी रुचि जताई है। वीबीएल द्वारा लगभग 10-15 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश और
लगभग 5-10 एकड़ भूमि की आवश्यकता के साथ, मेडिकल डिवाइस पार्क, नोएडा या आसपास के क्षेत्र में
सांप के जहर एंटीसीरम को निकालने के लिए एक अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित करने की इच्छा व्यक्त
की गई है।


वहीं, रॉकवेल इंडस्ट्रीज ने विशिष्ट सहायक इकाइयों को एकीकृत करने के इरादे के साथ-साथ, वैक्सीन
वाहकों पर प्राथमिक जोर देने के साथ, नोएडा में मेडिकल डिवाइस पार्क के भीतर एक विनिर्माण सुविधा
स्थापित करने में अपनी रुचि व्यक्त की है। उसे संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि की आवश्यकता
लगभग 35-40 एकड़ है, और कुल निवेश 400-500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।