बांके बिहारी की जमीन कब्जा मुक्त करने के आदेश के लिए माननीय हाई कोर्ट का हृदय से धन्यवाद:  स्वामी धीरज महाराज

संत समाज माननीय हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है वह हृदय से आभार व्यक्त करता है:  स्वामी धीरज महाराज

बांके बिहारी की जमीन कब्जा मुक्त करने के आदेश के लिए माननीय हाई कोर्ट का हृदय से धन्यवाद:  स्वामी धीरज महाराज

 माननीय हाई कोर्ट उत्तर प्रदेश द्वारा भगवान श्री कृष्णा की जमीन कब्जा मुक्त करने के फैसले का संत समाज हृदय से स्वागत करता है यह कथन बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने कहे उन्होंने कहा कि फैसले के बाद कई अन्य संतों ने भी बात के दौरान हाई कोर्ट के आदेश पर संतोष व्यक्त करते हुए मान्य हाई कोर्ट का धन्यवाद किया है

बांके बिहारी की जमीन कब्जा मुक्त करने के आदेश के लिए माननीय हाई कोर्ट का हृदय से धन्यवाद:  स्वामी धीरज महाराज

नोएडा उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा बांके बिहारी ट्रस्ट की जमीन को बांके बिहारी ट्रस्ट को वापस किए जाने के फैसले से जहां संत समाज राहत की सांस ले रहा है

वही देश के भगवान श्री कृष्ण के प्रेमियों में भी खुशी की लहर दौड़ गई है ज्ञात रहे की आज मान्य हाई कोर्ट द्वारा आदेश जारी किया गया है कि कब्रिस्तान व अन्य अतिक्रमा हटाकर बांके बिहारी की जमीन को कब्जा मुक्त कर दिया जाए

इस अवसर पर बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने कहा कि यह संत समाज को आनंदित करने वाली खबर है आखिर कैसे भू माफिया और दूसरे समाज के लोग मंदिर की जमीन पर काबिज होकर एक लंबे समय तक भक्तों को अपनी जमीन से वंचित कर रहे हैं जो सबवे समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है

 श्री धीरज महाराज ने आगे बोलते हुए कहा कि यह गंभीर विषय है की मंदिर की जमीन पर कोई भी मुंह उठाकर कब्जा कर रहा है संत समाज यह कतई बर्दाश्त नहीं करेगा यह जमीन भक्तों की आराधना की जमीन है

भगवान श्री कृष्णा लड्डू गोपाल से लेकर योगेश्वर तक जाने जाते हैं भगवान श्री कृष्ण ने हर मोड़ पर समाज को शिक्षा प्रदान की है भगवान श्री कृष्णा बताते हैं कि किस समय क्या फैसला उचित होता है और समय पर लिया फैसला कैसे उचित सिद्ध होता है इसकी सिख हमें भगवान श्री कृष्ण द्वारा ही दी गई है

भगवान श्री कृष्णा दुनिया के सबसे बड़े आराध्या है और उनकी जमीन उनके भक्तों की जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा या अन्य समाज के लोगों द्वारा कब्जा एक गंभीर विषय है

श्री धीरज महाराज ने माननीय कोर्ट के आदेश की सराहना करते हुए कहा कि मान्य कोर्ट द्वारा सही फैसला लेकर भगवान श्री कृष्ण के हजारों भक्तों और संत समाज को आनंदित कर दिया है

बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ के  पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने कहा कि वृंदावन के राज राज में भगवान श्री कृष्ण का वास है और ऐसी पवित्र धरती और भगवान श्री कृष्ण के जिस जमीन के हर कतरे पर पग पड़े हैं उसे जमीन पर अवैध कब्जाधारियों ने कब्जा कर लिया यह सही नहीं है

 श्री धीरज महाराज ने कहा कि भारतीय संत समाज ऐसे लोगों की भरसक निंदा करता है तथा माननीय हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए हृदय से मान्य हाई कोर्ट उत्तर प्रदेश का आभार व्यक्त क्या

श्री धीरज महाराज ने कहा कि रविवार्य कार्यक्रम में उक्त विषय पर गंभीर चर्चा करते हुए भक्तों को बताया जाएगा कि किस प्रकार भगवान श्री कृष्ण की जमीन पर अवैध अतिक्रमण और दूसरे समाज द्वारा किस तरह उसको गंदी नियत से अपने कब्जे में कर लिया था

हर रविवार की तरह आज भी शाम 3:00 बजे से 6:00 बजे तक भजन कीर्तन सत्संग उसके बाद भंडारा होगा जिसका सीधा प्रसारण बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ सेक्टर 62 नोएडा यूट्यूब चैनल के माध्यम से और बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ को समर्पित आज का मुद्दा के यूट्यूब चैनल पर होगा ।।

आप सभी परिवार और ईष्ट  मित्रों सहित आकर कार्यक्रम का  आनंद लें और बाबा जी के आशीर्वाद से अनुग्रहित हों ।। जय बाबे दी ।।

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*इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : बांके बिहारी ने जीती जमीन की जंग, दो महीने में मंदिर को लौटाए भूमि-*

 बाबा बालक नाथ मंदिर के पिता ईश्वर स्वामी धीरज महाराज ने बताया कि मंदिर की जमीन को कब्जा मुक्त करने के आदेश उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं बांके बिहारी के प्रेमियों के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी खबर है। खबर है कि उनके आराध्य श्रीकृष्ण के स्वरूप बांके बिहारी ने कोर्ट में अपनी हक की लड़ाई जीत ली है। दरअसल मथुरा की छाता तहसील के शाहपुांर गांव में भगवान श्री बांके बिहारी की जमीन पहले तालाब और फिर कब्रिस्तान में दर्ज कर दी थी। इसी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिए अपने बड़े फैसले में तहसीलदार छाता को दो महीने के अंदर जमीन श्री बांके बिहारी मंदिर के नाम दर्ज करने के आदेश दिए हैं। बता दें कोर्ट ने इससे पहले स्थिति स्पष्ट करने के लिए इससे जुड़े सभी रिकॉर्ड तलब किए थे। कोर्ट के इस आदेश का हिंदू पक्ष में उत्साह का माहौल है। 

*प्राचीन काल से बिहारी जी के नाम दर्ज*

बाबा बालक नाथ ट्रस्ट के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने बताया कि राजस्व अभिलेखों में पहले यह जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम दर्ज थी। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एसडीएम और तहसीलदार छाता से पूछा कि शाहपुर गांव के भूखंड संख्या 1081 की स्थिति समय-समय पर क्यों बदली गई। कोर्ट ने इसके लिए आधार वर्ष की खतौनी मांगी, लेकिन वह खतौनी किसी पक्ष के पास नहीं थी। इस पर कोर्ट ने समय-समय हुए इंदराज से जुड़े सभी रिकॉर्ड तलब किए फिर फैसला लिया। याचिका के अनुसार प्राचीन काल से ही मथुरा के शाहपुर गांव स्थित खसरा संख्या 1081 बांके बिहारी महाराज के नाम से दर्ज था। जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने धर्म रक्षा संघ के राम अवतार गुर्जर की याचिका पर यह आदेश दिया है।

*19 साल पहले कब्रिस्तान के नाम दर्ज हुई जमीन*

 श्री धीरज महाराज ने बताया कि याचिका के मुताबिक 32 साल पहले यानी 1991 में इस जमीन को तालाब के नाम दर्ज किया गया था। फिर भोला खान पठान ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से 19 साल पहले यानी 2004 में उस भूमि को कब्रिस्तान के रूप में दर्ज करा लिया। जानकारी होने पर मंदिर ट्रस्ट ने आपत्ति दाखिल की। मामला वक्फ बोर्ड तक गया। आठ सदस्यीय टीम ने जांच में पाया कि कब्रिस्तान गलत दर्ज किया गया है। फिर भी भूमि पर बिहारी मंदिर का नाम न दर्ज कर पुरानी आबादी दर्ज कर दी गई।