बड़ौत में चल रही शिव महापुराण कथा में व्यास जी ने सुनाया तारकासुर का वर्णन

अग्रसेन भवन बड़ौत में पुरुषोत्तम मास में चल रही परम पतित पावनी शिव महापुराण कथा के आज नौवें दिन में प्रवेश पर कथा व्यास दिनेश चंद्र पांडे जी ने कहा की इस पवित्र मास में तो भगवान शिव का स्मरण मात्र ही कल्याण करने वाला होता है

बड़ौत में चल रही शिव महापुराण कथा में व्यास जी ने सुनाया तारकासुर का वर्णन

अग्रसेन भवन बड़ौत में  पुरुषोत्तम मास में चल रही परम पतित पावनी शिव महापुराण कथा के आज नौवें दिन में प्रवेश पर कथा व्यास दिनेश चंद्र पांडे जी ने कहा की इस पवित्र मास में तो भगवान शिव का स्मरण मात्र ही कल्याण करने वाला होता है

और आप भक्तजन तो पवित्र शिव महापुराण कथा का श्रवण कर रहे हैं

यह भक्तों के सभी अनिष्ट पाप रोग व्याधि आदि को नष्ट कर परम लोक को प्रदान करने वाली है कथा में तारकासुर जन्म की कथा विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए

बताया ब्रह्मा के पुत्र मरीचि हुए उनके पुत्र महर्षि कश्यप  हुए उनके दो पत्नी थी अदिति जिनसे देवता हुए दूसरी पत्नी दीती उनसे दैत्य हुए दीती के 2 पुत्र हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु हुए दीती ने ब्रह्मा जी की तपस्या से अपने पुत्र के लिए वजरांग नाम का पुत्र प्राप्त किया

जो अपने नाम के अनुरूप था बजरंग के पुत्र तारकासुर हुए अपने जन्म से ही तारकासुर बड़े भयानक शक्तिशाली थे इनके जन्म पर ही धरती कांप उठी तारकासुर ने भी बड़े भारी तप किए उन्होंने भगवान शंकर और ब्रह्मा जी से अनेक वर प्राप्त किए तारकासुर ने ब्रह्माजी

से वर प्राप्त किया कि मेरी मृत्यु केवल शिव पुत्र के हाथों ही हो ब्रह्मा जी ने कहा तथास्तु तारकासुर ने यह मानकर वर मांगा था माता सती तो अब रही नहीं और भगवान शंकर समाधि में लीन है तो मेरी मृत्यु होगी ही नहीं तारकासुर का वध माता पार्वती और भगवान

शंकर के पुत्र कार्तिकेय के हाथों हुआ भगवान शंकर अपने भक्तों के कष्टों का निवारण करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं बस भक्त मन से उन्हें याद करें इस अवसर पर आज कथा में एडवोकेट आकाश बंसल चंद्रभूषण तोमर प्रवीण भगत जी बालूशाही वाले

श्याम लाल गर्ग पुरुषोत्तम गर्ग महिलाओं में शीला देवी रेशमा मीना मीनाक्षी आदि रहे संचालन सचिव डॉ दीपक गौतम द्वारा किया गया कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वाद स्वरुप श्रीमद भगवत गीता प्रदान की गई