भगवान महावीर निकले नगर भ्रमण पर

जयपुर, 03 अप्रैल ( जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2622 वां जन्म कल्याणक महोत्सव सोमवार को भक्ति भाव के साथ मनाया गया।

भगवान महावीर निकले नगर भ्रमण पर

जयपुर, 03 अप्रैल (जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2622 वां जन्म


कल्याणक महोत्सव सोमवार को भक्ति भाव के साथ मनाया गया। सोमवार मंदिरों में सुबह से ही
विशेष पूजा-अर्चना हुई।


भगवान महावीर जी के संदेशों को आत्मसात किया गया। वहीं भगवान महावीर सुबह नगर भ्रमण पर


निकले। शोभायात्रा में महावीरजी के जीवन चरित्र को साकार करती झांकियां नजर आई। शोभायात्रा के
रामलीला मैदान में पहुंचने पर धर्म सभा हुई।

राजस्थान जैन सभा के तत्वावधान में मनिहारों का रास्ता स्थित महावीर पार्क से शोभायात्रा रवाना
हुई, जिसमे भगवान महावीर के जीवन चरित्र को दर्शाती 24 झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही।


शोभायात्रा में तीर्थ बचाओ, भगवान महावीर का जन्म कल्याणक महोत्सव, संस्कारों की पाठशाला,
फिट इंडिया मिशन -स्वास्थ्य, समाधिमरण में ही जीवन है, हथकरघा, माता त्रिशला के सोलह स्वप्न,


जिनवाणी का वरण, सुरक्षित विश्व और पर्यावरण, रक्तदान का महत्व, शाश्वत सिद्ध क्षेत्र श्री सम्मेद
शिखरजी की वंदना सहित अन्य झांकियां शामिल हुई। शोभायात्रा में विश्व विख्यात जैन तीर्थ सम्मेद


शिखर को पर्यटन मुक्त तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की झांकी खास रही। तीर्थराज की भव्यता को हम
धूमिल ना होने देंगे जैन धर्म के हम सब अनुयाई मिलकर आज यह प्रण लेंगे... के उद्घोष से छोटे


बच्चों ने तीर्थ क्षेत्र को बचाने का संदेश दिया। इसके अलावा ज्ञान वर्धक तथा संदेशात्मक झांकियां
भीा शामिल हुई। महिला मण्डल, बैण्ड बाजे, लवाजमा भी शामिल हुआ, वहीं स्वर्ण जड़ित रथ में


विराजमान श्रीजी ने नगर भ्रमण किया। शोभायात्रा चौडा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार, बापू


बाजार, न्यू गेट होते हुए रामलीला मैदान पहुंची। जहां दीप प्रज्ज्वलन के बाद धर्मसभा का आयोजन
हुआ।


मंत्री विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक रामलीला मैदान में आचार्य वसुनन्दी ससंघ सहित जयपुर में
प्रवासरत अन्य आचार्य, आर्यिका माताजी ससंघ के सानिध्य में धर्म सभा हुई। धर्म सभा में


झंडारोहण, चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, मंगलाचरण, पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेंट आदि कार्यक्रम हुए,


इसके साथ ही साधु संतों के मंगल प्रवचन हुए। 100 छात्रों को हर महीने छात्रवृत्ति देने की घोषणा
हुई। अन्त में श्रीजी का अभिषेक किया गया।