सही आहार और व्यायाम से रोकें उम्र का असर

अक्सर उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोग अपनी सेहत के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। समय के साथ शरीर की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं। खासकर 40 की उम्र के बाद शरीर का डिजेनेरेशन भी शुरू हो जाता है।

सही आहार और व्यायाम से रोकें उम्र का असर

अक्सर उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोग अपनी सेहत के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। समय के साथ शरीर
की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं।

खासकर 40 की उम्र के बाद शरीर का डिजेनेरेशन भी शुरू हो
जाता है। ऐसा अक्सर इसलिए होता है क्योंकि हम अपनी लाइफस्टाइल को सेडेन्ट्ररी बना लेते हैं।


मांसपेशियों की क्षति होने का मतलब है कि आपकी शारीरिक संरचना बनाने वाली हड्डियां भी
क्षतिग्रस्त होना शुरू हो गई हैं। इसलिए अगर आप पीठ दर्द, घुटने में दर्द या कैसे भी दर्द की


परेशानी झेल रहे हैं, तो यह आपके स्केलेटल सिस्टम की कमजोरी का संकेत है। इस समस्या से
बचने का सबसे अच्छा उपाय है सही खानपान और व्यायाम।


40 की उम्र पार करने के बाद आपका शरीर कई परिवर्तन से गुजरने लगता है। शरीर में विटामिन्स,
मिनरल्स जैसे विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड,

कैल्शियम, आयरन और एंटीआक्सीडेंट की कमी
महसूस होने लगती है। इस समय आपके लिवर, हड्डी और मांसपेशियों को ज्यादा मेहनत करनी


पड़ती है इसलिए खान-पान को बैलेंस रखें ताकि आपका लिवर सुरक्षित रहें। लिवर का काम होता है
शरीर के विषैले तत्व की सफाई करना।

मगर जब लिवर ही विषैले तत्व से भर जाता है, तो कई सारी
समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं

जैसे मेटाबोलिज्म का कम होना, वजन बढ़ना, वाटर रिटेंशन,
हारमोनल समस्याएं और त्वचा संबंधित समस्याएं।


चालीस की उम्र पार करते ही तनाव से बचने की कोशिश करें। व्यायाम, मेडिटेशन, म्यूजिक और
मनपसंद हाबी के जरिए अपने स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें। यह सारी एक्टीविटी आपके


दिमाग को रिलैक्स रखेगी। हम सब जानते हैं कि हमारा मन बेहद चंचल होता है और हर सेकेंड में
नई इच्छा जागृत करता हैं।

और जो इच्छा पूरी नहीं हो पाती उसे लेकर अक्सर लोगों में स्ट्रेस होने
लगता है।

साथ में गुस्सा और चिड़चिड़ापन भी होता है। इसलिए मेडिटेशन के जरिए आप अपने
दिमाग को रिलैक्स रखने में मदद कर सकते हैं।


मेडिटेशन से सिर्फ शांति ही नहीं मिलती बल्कि व्यक्ति रिलैक्स महसूस करता है। इससे चिंता,
गुस्सा, चिड़चिड़ापन दूर होता है और शरीर को भी आराम मिलता है।

एंटीआक्सीडेंट युक्त डाइट बेहद जरूरी है। जैसे स्पीरूलीना, ग्रीन टी, वेजीटेबल जूस जैसे पालक,
टमाटर, धीया, चुकंदर और खीरा।


हर दिन कम से कम एक कटोरी सलाद जरूर खाएं। सलाद में महत्वपूर्ण एंजाइम्स होते हैं, जो आपके
खाने को पचाने में मदद करते हैं।

सलाद के पत्ते, धूप में सुखाए टमाटर, ब्रोकोली (हल्के स्टीम किए
हुए), उबले मटर और एसपेरेगस। सलाद शरीर में कैल्शियम की जरूरत को भी पूरा करते हैं।


तेल ऐसा चुनें जिसमें ओमेगा-3, ओमेगा-6 फैटी एसिड मौजूद हो। बादाम, फ्लैक्सीड, तिल के बीज,


मूंगफली, अखरोट और पाइन नट्स शरीर के लिए बेहद जरूरी होते हैं। साथ ही ये कोलेस्ट्राल फ्री होते
हैं।


अनाज में आप ऐसी चीजें खाएं, जो रिफाइंड न हो जैसे ब्रोकेन व्हीट, ब्राउन राइस, पोहा, ओट और
रागी (बाजरा)।


फल विटामिन्स के बेहतर स्रोत माने जाते हैं। जैसे अनानास, सेब, चेरी और बेरीज। ये फल किडनी
को स्वस्थ रखते हैं।

तरबूज रक्त को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा आलू बुखारा, अंगूर, अमरूद,
आम और एप्रीकोट भी शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हैं।


चालीस की उम्र पार करने के बाद बेहतर है कि आप अपनी आदतें और दिनचर्या में बदलाव लाने की
शुरूआत कर दें।

अपनी डाइट और डेली रूटीन को हेल्दी रख आप भी जवां और एनर्जेटिक बने रह
सकते हैं और लंबी उम्र पा सकते हैं।