फ़िरोज़ाबाद निगम क्षेत्र वार्ड 65 और 50 के बीच का यह मधुर संगम

हिंदूवादी नेताओं एवं समाजसेवियों द्वारा लगातार सोशल मीडिया एवं मीडिया में आकर लगाए गए गोकशी के आरोपों की पड़ताल करने के लिए आज का मुद्दा की टीम एक बार फिर ग्राउंड जीरो पर पहुंची और खंगालने का प्रयास किया

फ़िरोज़ाबाद निगम क्षेत्र वार्ड 65 और 50 के बीच का यह मधुर संगम

देवाशीष शर्मा व मयंक शर्मा, जिला प्रभारी, "आज का मुद्दा" दैनिक समाचार पत्र फ़िरोज़ाबाद

हिंदूवादी नेताओं एवं समाजसेवियों द्वारा लगातार सोशल मीडिया एवं मीडिया में आकर लगाए गए गोकशी के आरोपों की पड़ताल करने के लिए आज का मुद्दा की टीम एक बार फिर ग्राउंड जीरो पर पहुंची और खंगालने का प्रयास किया कि आखिरकार इन

आरोपों में कितना दम है पड़ताल के दौरान टीम को थाना रसूलपुर क्षेत्र एवं थाना दक्षिण क्षेत्र में कड़ी मशक्कत एवं करीबी सूत्रों की मदद के बाद करीब 29 लोगों को चिन्हित किया

जोकि सीधे तौर पर मीट के इस कारोबार को धड़ल्ले से संचालित कर रहे हैं कोई काटता है कोई कटवाता है तो कोई केवल उगाई पर रहता है जिनमें हमारे सूत्रों ने दो बड़े सरगना के बारे में जानकारी दी जोकि इन कट्टी घरों को संरक्षण देते हैं चलवाते हैं उनके

गठजोड़ भाजपा नेताओ से होने के साक्ष्य भी दिखाए। थाना रसूलपुर क्षेत्र रसूलपुर टँकी, ताँडों वाली वगिया, अशरफ़ गंज, स्वर पैलेस के बगल में, इन जगहों पर 22 लोग तो वहीं थाना दक्षिण क्षेत्र के मुहम्मद गंज, कुरैशियान, आदि में 7 लोग इस काम को

अंजाम दे रहे है वहीं हड्डी खाल गोदाम दुर्गेश नगर हजीरे पर स्थित हैं जहां आमजनमानस का खड़ा होना भी दुश्वार है बदबू के चलते वहीं हाजी खलील स्टार पैलेस के बगल और उसके सामने हड्डियों का गोदाम बताया गया जिससे भयंकर बदबू आती है थाना

रसूलपुर क्षेत्र में आता है। सूत्रों ने कुल 29 लोगो में से 2 बड़े मीट कारोबारियों का जिक्र सूत्रों ने किया जिनमें पहला नाम हाजी आज़ाद कुरैशी एवं दूसरा जाकिर कुरैशी का नाम बताया तथा उन्ही सूत्रों ने एक बैनर दिखाया और एक वीडियो/फोटो टीम को

दिया जिसमें वार्ड नं 50 के पार्षद अजय कुमार गुप्ता सबसे ऊपर उनके ठीक नीचे वार्ड नं 65 के मु.आरिफ खान, उनके सामने दो फोटो छोटे छोटे जो लगाए गए वो हैं हाजी आज़ाद कुरैशी एवं ज़ाकिर कुरैशी जिन्हें सूत्रों ने मीट कारोबारी बताया था, इस बैनर के

माध्यम से ईद की बधाइयां प्रेषित की गईं है अब सवाल यह उठता है कि आख़िरकार मीट कारोबारियों से भगवा कुर्ता धारी पार्षद का कैसा गठजोड़? दाल में कुछ काला है या फिर पूरी दाल काली है? इस पूरे मसले पर हमने पार्षद अजय कुमार गुप्ता का पक्ष भी

जानना चाहा और उन्हें फोन लगाया और पूछा कि आखिरकार मींट कारोबारियों से आपका इतना लगाव क्यों? आखिर आपको यही दो लोग क्यों मिले बैनर पर फोटो लगाने के लिए? जिस पर पार्षद अजय कुमार गुप्ता का यह कहना था कि पहले तो ये दोनों

मीट कारोबारी नहीं है, ईद की बधाई देने के लिए पार्टी के कार्यकर्ता एवं हमारे व्यक्तिगत फॉलोअर्स जिन्होंने यह बैनर लगाए हैं इसका जवाब तो वही दे सकते हैं लेकिन ईद की बधाई के लिए किसी कार्यकर्ता द्वारा यह बैनर लगाना कहां गलत है किसी

कार्यकर्ता ने यह बैनर लगाए होंगे मैं उनसे पता करता हूं कि आखिरकार ऐसा कैसे हुआ लेकिन यह कोई ऐसा क्राइम नहीं है जिसके लिए मुझसे सवाल जवाब किए जा रहे हैं। वहीं मैं चैलेंज के साथ कह सकता हूँ कि हाजी आज़ाद कुरैशी एवं मु आरिफ खान

का कोई मीट का व्यवसाय नहीं है वहीं जाकिर कुरैशी को मैं नहीं जानता, यह बैनर लगवाने में भी मुझे साज़िश की बू आती है। वहीं इस बैनर के सवाल पर हाजी आज़ाद कुरेशी एवं आरिफ खान को पार्षद द्वारा फोन लगाया गया जिन्होंने साफ मना किया कि हमारे

द्वारा यह बैनर नहीं लगाया गया अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरकार यह बैनर किसने औऱ कब लगाया? अब सवाल

जबाब तो बनता ही है पार्षद जी, अगले अंक में आपको उन 29 नामों की सूची के साथ कुछ तथ्य और प्रकाशित करेंगे जिससे जनता को भी अपने सवाल का जबाब मिल जाये "आखिर यह रिश्ता क्या कहलाता है?"