चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मतलब हर गाँव-गरीब और किसान का सम्मानः डॉ. अंतुल तेवतिया

केंद्र सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए आजीवन समर्पित रहने वाले, प्रखर जननेता, धरती पुत्र, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की है।

चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मतलब हर गाँव-गरीब और किसान का सम्मानः डॉ. अंतुल तेवतिया

बुलंदशहर : केंद्र सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए आजीवन समर्पित रहने वाले, प्रखर जननेता, धरती पुत्र, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की है। सरकार के इस फ़ैसले पर ज़िला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अंतुल तेवतिया ने हर्ष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। 

ज़िला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अंतुल तेवतिया ने कहा कि भारतीय राजनीति में शुचिता, सादगी व सरलता की प्रतिमूर्ति, अन्नदाता किसानों के सर्वांगीण उन्नयन हेतु आजीवन संघर्षरत रहने वाले चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का निर्णय सराहनीय और सुखद है। जन जन के नेता चौधरी चरण सिंह ने अपना पूरा जीवन लोकतांत्रिक मूल्यों एवं किसान कल्याण को अर्पित कर दिया। निःसंदेह चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन देश और समाज के लिए था। उन्होंने किसानों की समृद्धि और सम्मान का जो स्वप्न देखा था, उसे आज का भारतीय जनता पार्टी की सरकार में नया भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा कर रहा है। ऐसी महान विभूति को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान करने पर बेहद प्रसन्न हो रही है। 

ज़िला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अंतुल तेवतिया ने कहा कि किसान नेता चौधरी चरण सिंह जी को 'भारत रत्न' सम्मान देकर मोदी सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह किसानों की सच्ची हितैषी है। किसानों, पिछड़ों, गरीबों, शोषितों और वंचितों को सम्मान, स्वाभिमान और उनको समाज में बराबरी का दर्जा देने का काम मोदी सरकार लगातार कर रही है । यह सम्मान चौधरी चरण सिंह के प्रति हर गांव और किसान का सम्मान है।जब भी किसान कल्याण की बात होगी चौधरी चरण सिंह जी का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाएगा। 

इसी के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में व्याप्त आर्थिक संकट को दूर करने के लिए प्रयासरत रहने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री पी०वी० नरसिम्हा राव एवं भारत में हरित क्रांति के जनक,महान कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि क्रांति आंदोलन के प्रणेता एम. एस. स्वामीनाथन को देश का सर्वश्रेष्ठ सम्मान देने का निर्णय स्वागत योग्य है।