दिल्लीवालों को दी 350 नई इलेक्ट्रिक बसों की सौगात
केजरीवाल सरकार ने इलेक्ट्रिक बसें लाकर प्रदूषण के खिलाफ ठोस कदम उठाया है, जितनी ज्यादा ई-बसें होंगी, उतना ही कम प्रदूषण होगा- कैलाश गहलोत
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की सड़कों पर 350 और नई इलेक्ट्रिक बसें उतार कर दिल्लीवालों को बड़ी सौगात दी है। अब दिल्ली में 1650 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं। इसके साथ ही, सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसों के मामले में दिल्ली, भारत का पहला और विश्व का तीसरा शहर बन गया है। जबकि दो हजार ई-बस बेड़े के साथ चिली की राजधानी सैंटियागो दुनिया का दूसरा शहर है। यह इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली के सुखदेव विहार, रोहिणी सेक्टर-37 डिपो-II और बुराड़ी बस डिपो-I से अलग-अलग रूटों पर संचालित की जाएंगी। सभी लो-फ्लोर ई-बसें हैं। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर ये बसें जीपीएस, सीसीटीवी, पैनिक बटन समेत अन्य सुविधाओं से लैस हैं। दिल्ली के सराय काले खां बस डिपो में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान एलजी वीके सक्सेना के साथ सीएम अरविंद केजरीवाल ने नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और यात्रियों के लिए बसों में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया।
इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों की सुविधा को देखते हुए 350 और इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी गई हैं। अब दिल्ली में 1650 इलेक्ट्रिक बसों हो गई हैं। पूरे देश में दिल्ली पहला शहर बन गया है, जहां सबसे ज्यादा ई-बसें हैं और पूरी दुनिया में तीसरे नंबर का शहर बन गया है। इन बसों की मदद से दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। पहले दिल्ली की सड़कों पर ब्लू लाइन बसें डीजल व पेट्रोल से चलती थीं। उसके बाद दिल्ली में सीएनजी बसें लाई गई और अब इलेक्ट्रिक बसें लाई जा रही हैं। हमारा प्रयास है कि चरणबद्ध तरीके से सीएनजी बसों को हटाकर बस बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करना है।
वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट साझा कर कहा कि उपराज्यपाल जी के साथ मिलकर आज दिल्लीवासियों को 350 नई इलेक्ट्रिक बसों की सौगात दी। अब दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या कुल 1650 हो गई है जो पूरे देश में सबसे ज़्यादा है और पूरी दुनिया में तीसरे नम्बर पर है। ये इलेक्ट्रिक बसें न सिर्फ़ दिल्लीवासियों का सफ़र आसान बनाएंगी, साथ ही पर्यावरण को संतुलित रखने में भी सहायक होंगी।
जनवरी 2022 में दिल्ली में पहली इलेक्ट्रिक बस आई थी, जो अब बढ़कर 1650 हो गई हैं- कैलाश गहलोत
उधर, दिल्ली सचिवालय में प्रेसवार्ता कर इलेक्ट्रिक बसों की जानकारी देते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर आज 350 इलेक्ट्रिक बसें उतारी गई हैं। इसके साथ ही दिल्ली के बस बेड़े में 1650 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं। पूरे देश में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में हैं। साथ ही, दिल्ली दुनिया का तीसरा सबसे अधिक ई-बसों वाला शहर बन गया है। दूसरे स्थान पर चिली की राजधानी सैंटियागो है, जहां पर दो हजार इलेक्ट्रिक बसें हैं, जबकि पहले स्थान पर चीन के शहर हैं। 17 जनवरी 2022 को दिल्ली की सड़क पर पहली इलेक्ट्रिक बस उतारी गई थी। हालांकि सही मायने में 24 मई 2022 से दिल्ली के बस बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने का सिलसिला शुरू हुआ। उस दौरान दिल्ली की सड़कों पर 150 इलेक्ट्रिक बसें एक साथ सड़कों पर उतारी गई थी। इसके बाद 24 अगस्त 2022 को 97, 02 जनवरी 2023 को 50, 01 मई 2023 को 100, 5 सितंबर 2023 को 400 और 14 दिसंबर 2023 को 500 ई-बसें बेड़े में शामिल की गईं। 14 फरवरी 2024 को डेम्स में पहली बार 300 ई-बसें शामिल की गई हैं, जबकि डीटीसी में 50 बसें शामिल की गई हैं। इससे पहले सभी ई-बसें डीटीसी के नियत्रंण वाले डिपो में शामिल की गई थीं। डेम्स की बसें संचालित करने के लिए रोहिणी सेक्टर 37 और बुराड़ी में डिपो बना है, जबकि डीटीसी की बसें सुखदेव विहार से संचालित की जाएंगी।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ बहुत ही ठोस कदम उठाया है। दिल्ली की सड़कों पर जितनी अधिक इलेक्ट्रिक बसें होंगी, उतना ही कम प्रदूषण होगा। 2022 से अभी तक दिल्ली की सड़कों पर 1300 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। ये बसें अब तक 5.8 करोड़ किलोमीटर का सफर तय किया है और दिल्ली में 47 हजार टन कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम हुआ है। अगर इलेक्ट्रिक बसें नहीं होती तो दिल्ली के वातावरण में 47 हजार टन कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन और होता। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दिल्ली के बस बेड़े में 7582 बसें हैं। इससे पहले दिल्ली के बस बेड़े में इतनी बसों की संख्या कभी नहीं थी। यह अपने आप में बड़ी बात है।
परिवहन मंत्री ने बसों के रूट को लेकर कहा कि 502 रूट काफी प्रसिद्ध रूट है, जो आईएसबीटी कश्मीरी गेट से महरौली तक है। इसी तरह 419 रूट पर भी बसों की काफी मांग रहती है। यह रूट आईएसबीटी कश्मीरी गेट से लाडो सराय फिरनी रोड तक जाता है। इसके अलावा, रूट नंबर 709 सुल्तानपुरी टर्मिनल से आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल 2 तक, रूट 946 क्यू ब्लॉक मंगोलपुरी टर्मिनल से आनंद विहार आईएसबीटी तक, रूट 962 कंझावला गांव से केंद्रीय टर्मिनल, रूट 945ए क्यू ब्लॉक मंगोलपुरी से केशव नगर मुक्ति आश्रम, रूट 433 बदरपुर बॉर्डर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन गेट नंबर-2, रूट 511ए बदरपुर बॉर्डर से धौला कुआं समेत अन्य प्रमुख रूट हैं। आने वाले समय मे ंहम इलेक्ट्रिक बसें शामिल करते रहेंगे।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि रोहिणी सेक्टर 37, बुराड़ी वन और सुखदेव विहार नए डिपो शुरू किए गए हैं। हम सभी बस डिपो का विद्युतीकरण कर रहे हैं। अभी तक दिल्ली के 60 बस डिपो में से 16 का विद्युतीकरण किया जा चुका है। शेष डिपो का विद्युतीकरण किया जा रहा है। हमारा लक्ष्य 800 इलेक्ट्रिक बसें लाने का है। आने वाले समय में दिल्ली का बस बेड़ा 10480 बसों का होगा, जिसमें 80 फीसद इलेक्ट्रिक बसें शामिल करेंगे। हमारा लक्ष्य बस बेड़े में 80 फीसद इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने का है और अभी तब बस बेड़े में 22 फीसद इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जब तब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की बात करते हैं तो इलेक्ट्रिक बसें उसका एक अहम हिस्सा हैं। क्योंकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसें दिन में 150 से 200 किलोमीटर चलती हैं। इसके मुकाबले प्राइवेट वाहन बहुत कम चलते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़ी ई-बसें, टैक्सी, ऑटो रोजाना का आवागमन ज्यादा रहता है। इसलिए हम सबसे पहले बस बेड़े को इलेक्ट्रिक में बदलना चाहते हैं।
परिवहन मंत्री ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल का यह विजन है कि बस बेड़े में 80 फीसद इलेक्ट्रिक बस हों और हम इस लक्ष्य को तेजी से हासिल कर रहे हैं। 24 मई 2022 से अब तक देखे तो दिल्ली सरकार हर महीने औसतन 80 से 100 इलेक्ट्रिक बसें बेड़े में शामिल कर रही है। मोहल्ला बस के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि पहली बार 9 मीटर की बसें दिल्ली की सड़कों पर आएंगी। इसलिए इसकी प्रक्रिया, प्रोटोटाइप, टेस्ट और सर्टिफिकेट मिलने में थोड़ा समय लग रहा है। मोहल्ला बस को लेकर हितधारकों के साथ लगातार बैठकें हो रही हैं। मुझे उम्मीद है कि आगामी 15 से 20 दिनों के अंदर मोहल्ला बस के तहत कुछ बसें आ जाएंगी और जनता को समर्पित की जाएंगी।