धर्मांतरण के भयावह नेक्सस का पर्दाफ़ाश करती है दी केरला स्टोरी : अनुराग ठाकुर

नई दिल्ली, 08 मई केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल व युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने दी केरला स्टोरी फ़िल्म देखने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए

धर्मांतरण के भयावह नेक्सस का पर्दाफ़ाश करती है दी केरला स्टोरी : अनुराग ठाकुर

नई दिल्ली, 08 मई (केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल व युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग सिंह
ठाकुर ने दी केरला स्टोरी फ़िल्म देखने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए इसे धर्मांतरण के भयावह नेक्सस


का पर्दाफ़ाश करने वाली फ़िल्म बताते हुए वैश्विक आतंकवाद के खतरनाक षड्यंत्र से बचने के लिए
हर बहन-बेटी को यह फ़िल्म देखने की बात कही है।


अनुराग ठाकुर ने कहा, "केरला स्टोरी सच्चाई को सामने रखने का एक प्रयास है। ये फिल्म हमे
झकझोरने वाली है। जब आपके सामने ये सच्चाई आती है की कैसे भारत की मासूम बेटियों को प्यार


के जाल में फंसा कर आतंकवादी संगठनों के लिए रिक्रूटमेंट किया जाता है। इस फिल्म के माध्यम से
देश के खिलाफ वर्षों से चल रहे षड़यंत्र का पर्दाफाश हुआ है। पहली बार किसी फिल्म ने केरल में


चल रहे वैश्विक आतंकवाद के खतरनाक षड्यंत्र को इतने मुखरता से साथ पूरे भारत और विश्व को
दिखाया है। पिछले एक दशक से कांग्रेस और वामपन्थ जिस सच को देश से झुठला रहे हैं वह आज


हमारे सामने आ चुका है। यह महज एक फिल्म नहीं है यह एक दस्तावेज है जो हमें भारत के
विरुद्ध वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस जैसे संगठनों के नापाक साजिशों का पर्दाफ़ाश करती


है। हमें आगाह करती है की कैसे हम अपने बहन बेटियों, बच्चों को आतंकवाद के इस राक्षस से
बचाएं


अनुराग ठाकुर ने कहा,;तुष्टिकरण की राजनीति करते करते कांग्रेस और वामपंथी इस हद तक नीचे
गिर गए हैं की वह केरल में दशकों से चल रहे आतंकी साजिशों के बचाव में दुष्प्रचार उतर गए और


कोर्ट तक भी गए। कांग्रेस और वामपंथी बताएं की भारत के मासूम बच्चियों के साथ खड़े हैं या
विरोध में हैं? आतंकवादी संगठनों को एक्सपोज़ करने के इस प्रयास के साथ खड़े हैं या विरोध में हैं?


क्या भविष्य में ऐसे रिक्रूटमेंट ड्राइव ना हों, बच्चियों को अपने जाल में ना फंसाया जाए, उसके साथ
खड़ी हैं या खिलाफ खड़ी हैं? धर्मांतरण के माध्यम से केरल की अनगिनत मासूम बहन बेटियों को


आतंकवाद के दलदल में फेंक दिया गया। यह महज उनकी, उनके मां-बाप और परिवार की कहानी

नहीं है यह उन ऐसे भारतीयों की कहानी है जो अपने देश से प्यार करते हैं देश को आतंकवाद से
बचाना चाहते हैं। ये फिल्म वास्तविकता पर प्रकाश डालती है कि कैसे भारत की बेटियों को बहलाकर-


फुसलाकर, प्यार के जाल में फंसाकर ऐसे रास्ते पर ले जाया जाता है, जहां से मुड़कर नहीं देखा
जाता। कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ने इस पर पर्दा डालने का काम किया है। अनुराग ठाकुर ने


सवाल पूछते हुए कहा कि क्या आप आतंकवादी संगठनों के साथ हैं, जो ऐसी सोच रखते हैं
अनुराग ठाकुर ने कहा,;पश्चिम बंगाल में फिल्म को बैन कर ममता बनर्जी ने वहां की बहन बेटियों


के साथ अन्याय किया है। ममता बनर्जी के राज्य में एक मासूम बच्ची के साथ बलात्कार कर जिस
तरह से घसीट कर उसे ले जाय जाता है वो हमे शर्मसार करता है। ऐसी ही सोच से उन


आतंकवादियों को बल मिलता है। आतंकवाद के खिलाफ तो कम से कम पूरे देश को एक साथ आना
चाहिए। यह समझ से परे है की इनकी हमदर्दी आतंकवाद का शिकार हुए केरल की इन मासूम


बच्चियों से न होकर आतंकी संगठनों से क्यों है। आज सारा देश एक स्वर में इनसे पूछना चाहता है
की आतंकवाद पर केंद्रित एक फिल्म से इन्हें इतनी दिक्कत क्यों है? जिन्हें यह फिल्म अजेंडा-


प्रोपोगंडा लगता है आतंकवाद के ऐसे पैरोकारों से मैं कहना चाहता हूँ आज देश का बच्चा-बच्चा केरल
की कहानी जानना चाहता है जिसे आप छुपाते रहे हो