ब्रिज में दरार, मप्र में अति वर्षा से जनजीवन अस्त व्यस्त

*मप्र में अति वर्षा से जनजीवन अस्त व्यस्त : 960 करोड़ रुपए से बने ब्रिज में दरार आई, अनेक स्थानों पर बांधो में दरार, फसले चौपट, करोड़ों की हानि*

ब्रिज में दरार, मप्र में अति वर्षा से जनजीवन अस्त व्यस्त
ब्रिज में दरार, मप्र में अति वर्षा से जनजीवन अस्त व्यस्त

 विक्रम सेन वरिष्ठ संवाददाता मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में भारी बारिश ने बीते कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। प्रदेश के कई नदी नाले उफान पर हैं। भारी बारिश के चलते लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं।

भारी बारिश के कारण मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में देश के पहले नेशनल हाईवे- 44 पर बने साउंड प्रूफ ब्रिज पर दरार आ गई है। जिसके बाद फोरलेन रोड में टू लेन के 200 मीटर के हिस्से में ट्रैफिक रोका गया, इस वजह से टू लेन में जाम लग गया है।

विदित हो कि महज दो साल पहले नितिन गडकरी ने इसका उद्घाटन किया था।

विस्तृत जानकारी अनुसार सिवनी से नागपुर रोड के बीच पेंच टाइगर रिजर्व के जंगलों के बीच से एशिया का सबसे बड़ा साउंड प्रूफ ब्रिज बनाया गया है। इस हाईवे से गुजरने वाले वाहनों की रोशनी व आवाज से वन्य प्राणियों को परेशानी न हो इसके लिए साउंड बैरियर और लाइट रिड्यूसर लगाकर चार मीटर ऊंची स्टील की दीवार भी बनी है. इस पर करीब 58 पुलिया हैं, जिससे 18 वन्य प्राणियों के लिए है. 29 किमी इस लंबे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 730 करोड़ रुपए थी लेकिन पूरा होने तक ये 960 करोड़ रुपए पहुंच गई।

बता दें कि कि पेंच अभयारण्य एक वन्यजीव निवास स्थान है, यह महाराष्ट्र में 741 वर्ग किलोमीटर और मध्य प्रदेश में 1,180 वर्ग किलोमीटर में फैला है

 इस बड़े प्रोजेक्ट का निर्माण प्रायवेट कम्पनी द्वारा कराया गया था।

लगातार भारी बारिश के कारण यह कई जगहों पर धंस गया है। ब्रिज के एक तरफ रोड पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। इस पर फिलहाल एक साइड से आवागमन बंद कर दिया गया है। इस ब्रिज पर हमेशा भारी वाहनों का आवागमन होता है। यह किस्मत रही कि दरारें पड़ने के वक्त कोई भारी वाहन इसपर नहीं था अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

साउंड प्रूफ हाइवे के इस निर्माण में काफी अड़चने भी आई थी

देश के पहले साउंड प्रूफ हाइवे के निर्माण में काफी अड़चने थी। टाइगर रिजर्व होने के कारण वन विभाग और पर्यावरण विभाग ने निर्माण कार्य की मंजूरी नहीं दी थी। NHAI ने वन और पर्यावरण विभाग को वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए फूलप्रूफ प्लान सौपा था,

29 किमी हिस्सा पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन से होकर गुजरता है। यहां से जानवरों की आवाजाही होती है। और बेजुबान जानवर तेज रफ्तार का शिकार ना बने। गाड़ियों के शोर से उन्हें कोई परेशानी ना हो।

इसके बाद वन विभाग ने हाइवे के निर्माण की मंजूरी दी, जिसके बाद देश का पहला साउंड प्रूफ हाइवे का निर्माण हुआ था।

इस हाइवे पर करीब 14 अंडर पास हैं जिसकी लंबाई करीब 3.5 किमी है। इसके नीचे से वन्य प्राणी, बाघ, तेंदुआ आवाजाही करते हैं। इसमें कैमरे लगे हुए हैं। इससे जंगल के बीच से लोगों की राह तो आसान हुई है। वन्य जीवों के साथ हादसों में भी कमी आई है।

मध्य प्रदेश में पिछले 48 घंटों में कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। ऐसे में सिवनी में बने एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध संजय सरोवर भी अपने उछाल पर हैं। लगातार हो रही बारिश से बांध का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है।

आगे भी पढ़ें

*मप्र में आफत की बारिश, प्रदेश के 41 जिलों में जनजीवन अस्त व्यस्त, करोड़ों एकड़ कृषि भूमी में पानी भरा, आम जन को अरबों का नुकसान हुआ, अनेक बांधो से पानी रिसने का भय*

भोपाल : मध्यप्रदेश के कई स्थानों पर आसमान से आफत की बारिश हो रही है। 


बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान सहित 2 और मानसूनी मौसम प्रणालियों राज्य में सक्रिय हैं। प्रदेश की अधिकांश जिलों में जोरदार बारिश हो रही है। प्रदेश के 21 से भी अधिक जिलों में रिकॉर्ड बारिश हुई। नदियों से लगातार बहकर आ रहे पानी के कारण डैम भी उफनाने लगे हैं। प्रदेश की 6 बांधों के गेट खोलने पड़े हैं। जबलपुर में बरगी, नर्मदापुरम के तवा बांध, सिवनी जिले में बेनगंगा नदी पर बने संजय सरोवर डैम, सतपुड़ा बांध, पारसडोह और छिंदवाड़ा में मचा गोरा डैम के करीब क़रीब सभी गेट खोल दिए गए हैं।


इंदौर एवं भोपाल में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसा मौसम हो गया है। धार जिले में भारी बारिश के चलते लैंड स्लाइडिंग हो गई। एक पहाड़ टूट कर गिर गया।


मध्य प्रदेश के कई इलाकों में त्राहिमाम की स्थिति बन रही है।
मध्य प्रदेश के अनेक जिलों में बारिश से जान और माल का खतरा बड़ गया हैं। प्रदेश के कई नदी नाले उफान पर होने के चलते हाहाकार मचा हैं। 


प्राप्त जानकारी अनुसार 21 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश हुई हैं।
इनमें से कई जिलों में इस सीजन की सबसे ज्यादा बारिश पिछले 48 घंटे में हुई है। पूरे प्रदेश में हो रही जबरदस्त बारिश के कारण प्रदेश के अधिकांश जिलों का तापमान तेजी से नीचे आ गया है।


इन जिलों के कलेक्टर ने लगातार बारिश के चलते देर रात सभी स्कूलों की छुट्टियां घोषित कर दी थीं। प्रशासन सुरक्षा की दृष्टि से पैनी निगाहें बनाए हुए हैं।


इन जिलों में जिला प्रशासन ने होमगार्ड सहित पुलिस प्रशासन, निगम प्रशासन व राजस्व विभाग अलर्ट पर हैं और विभिन्न क्षेत्रों के बांधो से पानी छोड़ने की सूचना ठेठ ग्राम स्तर तक पहुंचाने में व्यस्त है, जबकि बिजली विभाग और नगरीय निकाय अधिकारी कर्मचारी भी पुरी मुस्तेदी से बिगड़ते हालात को काबू में रखने की कोशिश कर रहे हैं।


भारी बारिश और बांधो के छोड़े हुए पानी से करोड़ों एकड़ कृषि क्षेत्र में पानी भर गया हैं, हाइवे, गांवो और शहरो की सड़कें पानी से भरी हुई हैं। प्रदेश की सैकडो नदियों में बाढ़ जैसे हालात हैं वे खतरे के निशान से उपर बह रही हैं। अनेक छोटे बांधो में रिसाव से संबंधित विभाग और ठेकेदार परेशान हो रहे हैं।

भारी बारिश से अरबों रुपए की फसल को नुकसान पहुंचा है वहीं सैकड़ों पूराने मकानों को भी काफ़ी नुकसान हुआ हैं। सड़कों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से अधिकांश यात्री बसे बंद हैं वही रतलाम में भारी बारिश के कारण रेलवे ट्रैक पर पत्थर और मलवा भर गया। दिल्ली-मुंबई अप रेल ट्रैक बंद हो गया। जबकी नागदा में रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने के कारण दिल्ली अप-डाउन रेल ट्रैक बंद हो गया।


इंदौर और खंडवा में जारी भारी बारिश के चलते रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली हेरिटेज ट्रेन को रद्द कर दिया गया है।


इस मानसून सत्र में पहली बार इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले गए हैं, इससे नर्मदा में उफान आ गया है। दो दिनों से नर्मदा घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही बारिश और और बरगी तथा तवा बांध के शुक्रवार को 13 गेट खोलने से इंदिरा सागर बांध का जलस्तर अचानक बढ़ गया, इससे रात करीब 1:00 बजे इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट भी एनएसडीसी प्रशासन को खोलने पड़े। खरगोन जिले में सबसे ज्यादा बारिश महेश्वर तहसील में हुई है यहां पिछले 12 घंटे में 258 मिमी वर्षा हुई है। 


अगले 24 घंटे के लिए अनेक जिलों में जारी किया गया हैं हाई अलर्ट। 47 जिलों में भारी या कम बारिश का अलर्ट जारी किया गया हैं, मौसम विभाग के अनुसार एक सप्ताह तक ऐसे ही रहेगा एमपी कौ मौसम।
मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है कि शनिवार की तरह रविवार को भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में भारी बारिश हो सकती है।

छिंदवाड़ा, सिवनी, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, और खरगोन जिलों में कहीं-कहीं अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। उधर जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, बालाघाट, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी, विदिशा, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, खंडवा, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।  इसके अलावा सीधी, सतना, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, पन्ना, दमोह, छतरपुर, नीमच, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, भिंड और श्योपुर कला जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश का अनुमान है।