Ayodhya : करीब 19 स्थानों पर सड़क के हालात ख़राब
श्री रामनगरी अयोध्या में 22 जून से प्री-मानसून की बारिश शुरू हुई। इस बारिश से श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पूर्व बने रामपथ में जगह-जगह गड्ढे दिखने शुरू हो गए।
श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पूर्व बने रामपथ में जगह-जगह गड्ढे दिखने शुरू हो गए।
लखनऊ : श्री रामनगरी अयोध्या में 22 जून से प्री-मानसून की बारिश शुरू हुई। इस बारिश से श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पूर्व बने रामपथ में जगह-जगह गड्ढे दिखने शुरू हो गए। करीब 19 स्थानों पर सड़क के हालात ख़राब हो गए थे, गड्ढे छिपाने के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा बालू रेत भी डाली गई थी।अयोध्या वासियों में इस घटिया निर्माण को लेकर आक्रोश भी था। रामपथ निर्माण में हुई लापरवाही से जनता के बीच सरकार की छवि धूमिल होने पर को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग के तीन इंजीनियरों के खिलाफ की निलंबन की कार्रवाई की है।
हालाकि निर्माण एजेंसी R&C के खिलाफ कार्यवाई की जानकारी नहीं हैं।विस्तृत जानकारी अनुसार शुक्रवार को सीएम योगी के निर्देश पर इस मामले में कड़ा एक्शन लेते हुए अधिशासी अभियंता निर्माण खंड-तीन अयोध्या ध्रुव अग्रवाल, सहायक अभियंता अनुज देशवाल तथा अवर अभियंता प्रभात पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी अजय चौहान ने तीनों के निलंबन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया है कि मुख्य अभियंता मध्य क्षेत्र को इस मामले में जांच अधिकारी बनाया गया है। अधीक्षण अभियंता अयोध्या को जांच रिपोर्ट प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नामित किया गया है।निलंबन में माना गया है कि शासन की शीर्ष प्राथमिकता वाले कार्यों में लापरवाही और उदासीनता बरतने के कारण यह बड़ी क्षति हुई है। शासन की छवि धूमिल करने के लिहाज से इसे गभीर अनियितता माना गया है। निलंबित अधिशासी अभियंता को निलंबन अवधि में मुख्य अभियंता अयोध्या क्षेत्र से संबद्ध किया गया है।
बता दें कि 22 जून से 25 जून तक अयोध्या में हुई तेज बारिश के कारण इस मार्ग की चैनेज 3.00 से 3.800 के बीच मार्ग पर कराए गए निर्माण कार्य की सतह उखड़ गई।हालाकि पीडब्ल्यूडी विभाग ने मौसम को दोषी बताते हुए अपनी सफाई में कहा है कि 22 जून की रात को 102mm बारिश हुई 25 की रात को 176mm बारिश हुई। अयोध्या में लगातार दो दिन बहुत तेज़ बारिश हुई। अयोध्या में राम पथ पिछले साल ही बना था, सड़क बनने के बाद ये पहली बारिश थी। अब इस पर लोग सवाल कर रहे हैं कि पहली ही बारिश में ये हाल क्यों?
विदित हो कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जिस धूम-धड़ाके के साथ श्री राम जन्मभूमि मंदिर समेत पूरे अयोध्या में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य शुरू कराए गए, उसकी गुणवत्ता की कलई खुलने लगी है। पहली ही बरसात में जिस तरह से नवनिर्मित श्री राम मंदिर के गर्भगृह की छत टपकने और पानी भरने का खुलासा हुआ है उससे मंदिर निर्माण की गुणवत्ता पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। यही नहीं रामपथ पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की बाउंड्री वॉल का धराशायी होना, मोहल्लों में जल भराव भी अयोध्या के विकास और निर्माण कार्यों में लगी एजेंसियों की कारगुजारियों के गवाह बन रहे हैं।
अभी जब प्रदेश में मानसून पूरी तरह सक्रिय नहीं हुआ है तब अयोध्यावासियों और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। तेज बारिश होने पर पैदा होने वाले हालात का अंदाजा ही लगाया जा सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही अयोध्या के कायाकल्प का सपना देख रहे हों, लेकिन सरकारी मशीनरी और निर्माण एजेसियां उनकी मंशा को पलीता लगाने में कोई कसर बाकी नहीं रख रही हैं।
ऐसे में तीन इंजिनियर के निलंबन की कार्रवाई भावी कार्यों में होने वाली धांधली अवश्य कम करेंगी।