Bahraich दो मासूमों को निवाला व चार को घायल कर चुका है भेड़िया को पकड़ने में वन विभाग अब भी नाकाम

बीते एक महीने से अब तक दो मासूमों को निवाला व चार को घायल कर चुका है भेड़िया

Bahraich दो मासूमों को निवाला व चार को घायल कर चुका है भेड़िया को पकड़ने में वन विभाग अब भी नाकाम

भेड़िये को पकड़ने में वन विभाग नाकाम, ग्रामीणों ने सम्हाला मोर्चा

महसी (बहराइच)। हरदी थाना क्षेत्र में बीते कई दिनों से भेड़िये की दहशत बरकरार है। भेड़िये को पकड़ने के लिए वन विभाग हर जतन कर रहा है, लेकिन भेड़िया उन्हें लगातार चकमा दे रहा है। अब क्षेत्रीय लोगों ने भी मोर्चा सम्हाल लिया है। सिकंदरपुर मक्कापुरवा बड़ेरिया औराही सधुवापुर मुडहेरा गांव के ग्रामीण पुरी रात बारी बारी पहरा देकर गांव की सुरक्षा कर रहे हैं।और सुबह होने पर गांव में लगे गन्ने के खेतों में वन कर्मियों के साथ भेड़िये को खोजने में भी सहयोग कर रहे हैं। भेड़िया प्रभावित गांवों के ग्रामीणों द्वारा यह भी बताया गया है कि सोमवार को भेड़िया नकवा गांव में देखा गया है जिसे गांव वालों ने खदेड़ा तो वह गन्ने के खेत में घुस गया। अधिकारियों कि मानें तो वन विभाग की ओर से भेड़िये को पकड़ने के लिए क्षेत्र में टीमें बराबर कांबिंग कर रही हैं।


बताते चलें कि हरदी थाना क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों में लगभग एक माह से भेड़िये की दहशत व्याप्त है। भेड़िया शनिवार की रात मां के साथ सो रही नकवा निवासी प्रतिभा (02) को उठा ले गया था और निवाला बनाया था। वहीं इससे पूर्व नथुवापुर के मजरा मक्कापुरवा निवासी मासूम बालक अख्तर रजा (डेढ़ वर्ष) को निवाला बनाया था। यही नहीं भेड़िया सुखरामपुरवा निवासी सोनू (08), नथुवापुर निवासी फकीरे (70) व फकीरे की बहू संपत (20) को भी घायल कर चुका है। लगातार जारी हमलों से जहां ग्रामीणों में डर व दहशत माहौल है। वहीं, वन विभाग भेड़िये को पकड़ने में लगातार नाकाम साबित हो रहा है। जिससे ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश बढ़ रहा है। ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं और शाम होते ही गांवों में सन्नाटा पसर जा रहा है। गांव के बड़े पुरी रात जागकर अपने बच्चों की रखवाली कर रहे हैं।

वन क्षेत्राधिकारी मोहम्मद शाकिब ने बताया कि भेड़िया को पकड़ने के लिए दस टीमें बराबर कांबिंग कर रही हैं। क्षेत्र में गन्ने की फसल का क्षेत्रफल अधिक होने के कारण भेड़िये को पकड़ने में मुश्किल आ रही है। क्षेत्रीय लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ भेड़िये को पकड़ने के हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं।