बहराइच घायल व्यक्ति के इलाज के लिए बिक गया दो बीघा खेत फिर भी नहीं बची जान
बहराइच, रिसिया थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति 11 दिन पूर्व सड़क हादसे में घायल हो गया था। जिसे आसपास के लोगों ने दरगाह क्षेत्र में स्थित बिटाना एंड चंद्रावती हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया।
बहराइच घायल व्यक्ति के इलाज के लिए बिक गया दो बीघा खेत फिर भी नहीं बची जान
बहराइच, रिसिया थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति 11 दिन पूर्व सड़क हादसे में घायल हो गया था। जिसे आसपास के लोगों ने दरगाह क्षेत्र में स्थित बिटाना एंड चंद्रावती हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। महिला का आरोप है कि खेत बेचकर 10 लाख से अधिक रुपये लगा दिया। लेकिन मृत पति का डॉक्टर इलाज करते रहे। इसके बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। मौत की सूचना मिलते ही गांव के लोगों ने अस्पताल में हंगाम शुरू कर दिया। देर रात तक हंगामा होता रहा। दो थानों की फोर्स ने ग्रामीणों को समझाकर मामला शांत कराया है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
रिसिया थाना क्षेत्र के पटना गांव निवासी पट्टे 11 दिन पूर्व सड़क हादसे में घायल हो गए थे। गांव निवासी रेशमा ने बताया कि पति का दुर्घटना होने पर आसपास के लोगों ने मल्हीपुर रोड पर बिटाना एंड चंद्रावती हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। महिला का कहना है कि उसके बाद इलाज शुरू हो गया। इलाज के लिए उसने दो बीघा खेत बेचकर अस्पताल में नकदी जमा की। प्रतिदिन 14 हजार रुपये बेड चार्ज लिया गया। जबकि दवा अलग से लिखी जा रही थी।
उसका कहना है कि पति की मौत के बाद आईसीयू में भर्ती कर 11 दिनों से इलाज किया जा रहा था। मृतक को जिंदा बताकर अस्पताल प्रशासन पैसे की वसूली करता रहा। शनिवार को और दवा लाख रुपये की मांग की। साथ ही आपरेशन करने की बात कही। इस पर परिवार के लोगों ने मरीज को दिखाने की बात कही। अस्पताल प्रशासन तैयार नहीं हुआ तो सभी ने हंगामा कर दिया। मरीज को बाहर किया, जिला अस्पताल लेकर आए तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इससे लोगों में गुस्सा फुट गया। सभी ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। मारपीट शुरू हो गई।
सूचना मिलने पर कोतवाली देहात, रिसिया और दरगाह थाने की पुलिस के साथ एसडीम पूजा चौधरी और सीओ सिटी रमेश कुमार पांडेय पहुंचे। सभी ने जांच के आदेश दिए। ग्रामीणों को शांत कराया। रात आठ बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। एसडीएम पूजा चौधरी ने बताया कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी। उधर आरोप लगने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने कोई सफाई नहीं दी है।
उंगली चलाकर दिखाया जिंदा
मृतक ग्रामीण की पत्नी रेशमी ने मीडिया को रोते हुए बताया कि शनिवार को पति को जिंदा दिखाने के लिए डॉक्टर ने आईसीयू में अपने हाथ से मरीज की उंगली चलाई। इसके बाद आपरेशन की बात कही। यह उसने देख लिया। परिवार को सूचना दी। विरोध करने पर पति को अस्पताल से बाहर निकाला गया।