ED कर रही है अरविंद केजरीवाल के घर की तलाशी
दिल्ली के शराब नीति केस में सीएम अरविंद केजरीवाल की ईडी की गिरफ्तारी से बचने को लेकर दायर याचिका गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज हो गई।
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दिल्ली के शराब नीति केस में सीएम अरविंद केजरीवाल की ईडी की
गिरफ्तारी से बचने को लेकर दायर याचिका गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज हो गई। इसके कुछ
देर बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम केजरीवाल के घर पर सर्च वारंट के साथ पहुंची है।
डी के 12अधिकारी सीएम हाउस पहुंचे हैं। घर की तलाशी लिए जाने के बाद केजरीवाल से पूछताछ की जा रही है।
पीएमएलए एक्ट के सेक्शन 50 के तहत सीएम से सवाल किए जा रहे हैं। ईडी के सूत्रों के मुताबिक,
आज ही केजरीवाल को गिरफ्तार किया जा सकता है।
ईडी के अधिकारियों ने सीएम अरविंद केजरीवाल
और उनके परिवार के सदस्यों को मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। सीएम हाउस के बाहर धारा-144 भी
लगा दिया गया है।
इस बीच ईडी के एक्शन के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। टीम ने ई-
फाइलिंग के जरिए अर्जी दाखिल की और केस की तुरंत सुनवाई के लिए अर्जेंट लिस्टिंग की मांग की।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई तुंरत करने से इनकार कर दिया। अदालत शुक्रवार सुबह
केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई करेगी। कोर्ट में कांग्रेस नेता और जाने-माने वकील अभिषेक मनु सिंघवी
केजरीवाल का पक्ष रख रहे हैं। केजरीवाल की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से संपर्क कर रही है।
लीगल टीम ने मामले की जानकारी चीफ जस्टिस को देने की मांग की है।
सीएम आवास के आसपास कड़ी सुरक्षा के इंतजाम
अरविंद केजरीवाल को अरेस्ट किए जाने के अटकलों के बीच सीएम आवास के आसपास काफी सुरक्षा
व्यवस्था की गई है। केजरीवाल के घर के बाहर रैपिड एक्शन फोर्स तैनात है। नॉर्थ के डीजीपी भी मौके
पर मौजूद हैं।
सीएम केजरीवाल को ईडी ने भेजे 9 समन
दिल्ली के शराब नीति केस में ईडी अरविंद केजरीवाल को अब तक 9 समन भेज चुकी है, लेकिन वह
एक बार भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए। केजरीवाल ने 9वें समन को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए
गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन की मांग की थी। जो खारिज हो गई। जिसके बाद ईडी सीएम के घर पहुंची है।
केजरीवाल ने कोर्ट से कहा था कि वे प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं, लेकिन
उन्हें भरोसा दिया जाए कि जांच एजेंसी उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी
को जवाब देने और नई अंतरिम याचिका दायर करने के लिए भी कहा है। 22 अप्रैल को इस केस की
अगली सुनवाई होगी।
सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार करने की तैयारी में ईडी- सौरभ भारद्वाज
इस बीच ग्रेटर कैलाश से विधायक और दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "हर
कोई जानता है कि कुछ घंटे पहले ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में था। हाईकोर्ट ने ईडी को 22 अप्रैल तक
जवाब दाखिल कर बताने को कहा था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों जरूरी है? लेकिन अब ईडी
अरविंद केजरीवाल के घर के अंदर है। घर के बाहर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। अब न तो
उनसे (अरविंद केजरीवाल) और न ही उनके सेक्रेटरी से बातचीत संभव है। इससे साफ लगता है कि जांच
एजेंसी ने उनके फोन ले लिए हैं। वे (ईडी) अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकते हैं। बीजेपी का
अत्याचार अब इस देश के सामने उजागर हो गया है..।
ईडी और बीजेपी अदालतों के आदेश का नहीं करते सम्मान- आतिशी
दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, यह साफ है कि ईडी और उनके आका बीजेपी अदालतों
का सम्मान नहीं करते। अगर ऐसा होता, तो वे आज ही अरविंद केजरीवाल के आवास पर छापा मारने
नहीं आते। यह एक राजनीतिक साजिश है और वे यहां अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने आए हैं।
केजरीवाल को कब-कब जारी हुआ समन?
शराब नीति केस में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को इस साल 27 फरवरी को आठवां, 26 फरवरी को
सातवां, 22 फरवरी को छठा, 2 फरवरी को पांचवां, 17 जनवरी को चौथा, 3 जनवरी को तीसरा समन
जारी किया था।
वहीं, 2023 में 21 दिसंबर को दूसरा और 2 नवंबर को पहला समन जारी हुआ था।
ईडी समन केस में सीएम केजरीवाल को अग्रिम जमानत
इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 16 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन मामले में
सीएम केजरीवाल 15 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी।
कोर्ट ने इस मामले में केजरीवाल को हाजिर
होने से भी छूट दे दी है। ईडी ने बार-बार समन भेजने के बावजूद पेश नहीं होने पर केजरीवाल के
खिलाफ कोर्ट में दो शिकायतें दर्ज करवाईं थीं।
केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से अपील की कि उन्हें ईडी
से वे दस्तावेज चाहिए, जिनके आधार पर उनसे पूछताछ होनी है। कोर्ट ने ईडी को दस्तावेज देने के
आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई 1 अप्रैल को होगी।
दिल्ली की नई शराब नीति क्या थी?
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32
जोन बनाए गए। हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849
दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया।
इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति
लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3, 500 करोड़ रुपये
का फायदा होगा।
सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस L-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25
लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को 5 करोड़ रुपये चुकाने
पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई।
घोटाले के आरोप क्यों लगे?
नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है। इस नीति से बड़े शराब
कारोबारियों को फायदा होने की बात कही जा रही है। भारतीय जनता पार्टी का यही आरोप है। बीजेपी का
कहना है कि लाइसेंस फीस में भारी इजाफा करके बड़े कारोबारियों को लाभ पहुंचाया गया। इससे छोटे
ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गईं
और बाजार में केवल बड़े शराब माफियाओं को लाइसेंस मिला। विपक्ष का
आरोप ये भी है कि इसके एवज में आप के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम
घूस के तौर पर दी।
शराब नीति केस में अब तक कौन-कौन गिरफ्तार
दिल्ली की शराब नीति केस में अब तक पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, कारोबारी विजय नायर,
अभिषेक बोइनपल्ली और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह अरेस्ट हो चुके हैं। इस केस में मनीष
सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। तब से वह तिहाड़
जेल में हैं। शराब नीति घोटाले में संजय सिंह का नाम पहली बार दिसंबर 2022 में सामने आया था।
तब ईडी ने चार्जशीट में कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के हिस्से के रूप में आप नेता के नाम का
उल्लेख किया गया था। दिल्ली शराब नीति घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बीआरएस नेता
और केसीआर की बेटी के. कविता को हिरासत में ले रखा है।
केजरीवाल पर क्या है आरोप?
दिल्ली शराब नीति घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय की टीम केसीआर की बेटी के. कविता को हिरासत
में लेकर लगातार पूछताछ कर रही है। ईडी की टीम ने बयान जारी किया है। इसमें एजेंसी ने शराब नीति
घोटाला केस में गिरफ्तार के. कविता के साथ अरविंद केजरीवाल का भी नाम लिया है। प्रवर्तन निदेशालय
की टीम ने दावा किया कि के. कविता ने अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर शराब
नीति में बदलाव करवाए.