अंधविश्वास का एक हैरान करने वाला मामला
बुलंदशहर में अंधविश्वास का एक हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। बीकॉम के छात्र की सर्प दंश से मौत हो गई। परिजन उपचार करने के लिए चिकित्सकों के बजाय उसे ओझाओं के पास लेकर घूमते रहे।
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बुलंदशहर में अंधविश्वास का एक हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। बीकॉम के छात्र की सर्प दंश से मौत हो गई। परिजन उपचार करने के लिए चिकित्सकों के बजाय उसे ओझाओं के पास लेकर घूमते रहे। 26 अप्रैल को युवक को सांप ने काट लिया था।
इसके बाद 27 अप्रैल तक उसका वेद और ओझाओं से इलाज कराया गया। किसी के कहने पर उसे 2 दिन तक गंगा में बांधकर रखा गया।
बताया गया कि इसे जहर उतर जाएगा। शरीर में कोई हलचल न होने पर घर वालों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। उसकी बॉडी का निचला हिस्सा नीला पड़ गया था। और शरीर पर छाले पड़ गए थे। युवक की बॉडी को गंगा में बांधकर रखने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
जानकारी के अनुसार अमित 26 अप्रैल को दोपहर में वोटिंग करने के बाद घर आया। शाम को लगभग 7:00 बजे टहलने के लिए खेतों पर चला गया। इसी दौरान उसे सांप ने काट लिया। वहां मौजूद लोगों ने अमित के परिजनों को सूचना दी।
गांव के ही एक लड़के ने अमित को कपड़ा बांध दिया। बताया गया कि इसके बाद युवक को गांव के झाड़ू करने वाले ओझाओं के पास ले जाया गया। जहां उसका बंद खोल दिया गया। इसके तुरंत बाद ही अमित की तबीयत बिगड़ने लगी और हालत खराब हो गई।
निजी चिकित्सक ने कहा इसमें नहीं बचा कुछ ले जाओ
परिजन में गांव के लोग अमित को उपचार के लिए निजी चिकित्सक के यहां ले गए। जहां चिकित्सक ने परिजनों को बताया कि इसे ले जाओ इसमें कुछ नहीं बचा है। परिजन पूरी रात अमित को लेकर इधर-उधर टहलते रहे। किसी ने जहांगीराबाद में जहर उतारने वाले के बारे में बताया। बताया गया कि परिजन उसे तांत्रिक के पास लेकर पहुंचे। जहां सुबह 4:00 बजे तक उसका इलाज चलता रहा लेकिन आराम नहीं लगा। बताया गया कि किसी झाड़ फूंक वाले ने परिजनों से कहा कि सांप काटने वाले के अंदर सात दिन तक जान रहती है। परिजनों ने बताया कि वह उसे तांत्रिक के अनुसार अवंतिका देवी स्थित घाट पर ले गए। यहां किसी ने बताया
कि गंगा की धारा में रखने पर शरीर से जहर का असर कम हो जाएगा। घर वालों ने उसे गंगा में बांध कर रखा। परिजनों के अनुसार वहां मौजूद एक महिला ने एक वेद्द के बारे में बताया। परिजन उसे लेकर उसे वेद्द के पास पहुंचे जहां परिजनों से कहा गया कि इसमें तो कुछ नहीं बचा है। इसके बाद परिजनों ने 27 अप्रैल की शाम अवंतिका देवी गंगा घाट पर ले जाकर गंगा की लहरों में छोड़ दिया।
2 दिन तक गंगा में रहा
वह 2 दिन तक गंगा की लहरों में रहा। 29 अप्रैल को घर वाले वहां आए तो देखा उसमें सांस नहीं है। परिजनों ने उसे बाहर निकाला तो उसका शरीर के निचले के हिस्से में छाले पड़ गए थे। परिजनों ने उसका अवंतिका देवी गंगा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। गांव के ही जितेंद्र ने बताया कि मोहित की अखबारों में हाईलाइट होने की इच्छा थी। वह अक्सर कहा करता था कि एक दिन उसका फोटो अखबार में छपेगा।