अवैध रूप से खनन कार्य में ट्रैक्टर का उपयोग

(प्रयागराज) देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश सड़क दुर्घटना ट्रैक्टर ट्रॉलियों से घठित होती है । रात्रि के समय इन ट्रैक्टर ट्रॉलियों के पीछे कोई लाइट नहीं लगी

अवैध रूप से खनन कार्य में ट्रैक्टर का उपयोग

बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से खनन कार्य में ट्रैक्टर का उपयोग कर कमाई का पर्याय बनता जा रहा है ।

(प्रयागराज) देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश सड़क दुर्घटना ट्रैक्टर ट्रॉलियों से घठित होती है । रात्रि के समय इन ट्रैक्टर ट्रॉलियों के पीछे कोई लाइट नहीं लगी होने के कारण वाहन चालकों को वाहनों की रोशनी में यह दिखाई नहीं देते और सड़क दुर्घटना का कारण बन जाते हैं । साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से खनन कार्य में ट्रैक्टर का उपयोग कर कमाई का पर्याय बनता जा रहा है । ट्रैक्टर मालिक चालक श्रमिकों को साथ लेकर संगठित गिरोह की शक्ल में तब्दील हो रहे हैं ।

उल्लेखनीय है कि खेती की आड़ में खनन के खेल में ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन तो कृषि कार्य के लिए कराया गया है लेकिन अधिकांश ट्रैक्टरों से रेत ,गिट्टी ,ढोका, पत्थर,मिट्टी का परिवहन किया जा रहा है । लेंडियारी , खीरी , कोंराव में भी रेत की ढुलाई से लेकर ढोका , पत्थर का अवैध कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि हो रही है । इन ट्रैक्टर - ट्रॉलियों का व्यवसायिक उपयोग में लेने के लिए इनका परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है । लेकिन लेंडियारी , खीरी , कोंराव सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी हजारों ट्रैक्टर ट्रॉलियां परिवहन विभाग की अनदेखी के कारण सड़को पर बेखौफ दौड़ रहे हैं । ट्रैक्टरों के दुरुपयोग की खबरें होने के बावजूद शासन - प्रशासन आंख मूंद कर बैठा हुआ है ।

कमाई का बना जरिया ट्रैक्टर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कमर्शियल उपयोग के लिए नहीं कराने पर ट्रैक्टर मालिकों को टैक्स भी नहीं देना पड़ता है । बिना कमर्शियल परमिट के ही ट्रैक्टर का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है । परिवहन कार्यालय की जानकारी के अनुसार 90 फ़ीसदी ट्रेक्टर कृषि उपयोग के लिए कराया गया है , लेकिन कृषि के बाद अधिकांश ट्रैक्टर का उपयोग गैर कृषि कार्य के लिए किया जाता है । ट्रैक्टर ट्रॉली से व्यावसायिक उपयोग के दौरान बग़ैर रजिस्ट्रेशन नंबर लिए ट्रॉली को सड़क पर खड़ा करना भी गैर कानूनी है । अधिकारी भी मानते हैं कि बिना रजिस्ट्रेशन के ट्रैक्टर ट्रॉली व्यावसायिक कार्यों में चल रहे हैं । ऐसा आए दिन देखने को मिल  रहा है , वहीं परिवहन विभाग यदि इन ट्रैक्टर ट्रॉलियों के खिलाफ कार्रवाई करता तो हर साल हजारों रुपए की राजस्व प्राप्ति होती ।

लेकिन ऐसा नहीं करने से जहां एक तरफ राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वहीं दुर्घटनाएं भी हो रही हैं ।